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ऑपरेशन स्माइल के तहत राजस्थान पुलिस करेगी ट्रांसजेंडर को मुख्य धारा में शामिल

Operation Smile of Rajasthan, ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने "ऑपरेशन स्माइल" शुरू किया है. वहीं, बताया गया कि राज्य के सभी जिलों के पुलिस थानों में हर महीने की 10 से 12 तारीख को ऑपरेशन स्माइल अभियान चलेगा.

Operation Smile of Rajasthan
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 12, 2024, 10:05 PM IST

जयपुर. राजस्थान के ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने "ऑपरेशन स्माइल " शुरू किया है. राजस्थान के सभी जिलों के पुलिस थानों में हर महीने की 10 से 12 तारीख को ऑपरेशन स्माइल अभियान चलेगा. इस अनूठी पहल में खाकी ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगी. डीसीपी जयपुर (नॉर्थ) राशि डोगरा डूडी के नेतृत में 10 जनवरी से शुरू हुए इस अभियान के तीसरे दिन शहर के शास्त्री नगर थाने में पुलिस के ट्रांसजेंडर सेल के नोडल अधिकारियों और ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट की संयुक्त मीटिंग हुई.

मीटिंग में ट्रांसजेंडर से समन्वयन स्थापित कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने, उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने व शिक्षा, रोजगार के अवसर, ट्रांसजेंडर से संबंधित कानूनी पहलुओं पर विचार किया गया. पुलिस को भी ट्रांसजेंडर के अधिकार के बारे में जानकारी हो और वे ट्रांसजेंडर के साथ किस तरह बर्ताव करें, इस बारे में गहन मंथन किया गया.

इसे भी पढ़ें - जयपुर: अब ट्रांसजेंडर्स के लिए पब्लिक टॉयलेट पर लगाए जाएंगे साइनेज

ट्रांसजेंडर एक्ट एंड रूल्स के बारे में बताया : देश में जन्म प्रमाणपत्र पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर नूर शेखावत, ट्रांसजेंडर प्रिया शर्मा, ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट वसुधा एनजीओ की निदेशक मोना शर्मा, राजस्थान यूनिवर्सिटी में ट्रांसजेंडर विषय पर पीएचडी कर रहे एक मात्र स्टूडेंट शिवराज गुर्जर, सी फार संस्थान के आयुष भार्गव से पुलिस अशिकारियों की चर्चा हुई. ट्रांसेजेंडर नूर शेखावत ने पुलिस अधिकारियों को नालसा जजमेंट, 2014 में पास हुए ट्रांसजेंडर एक्ट एंड रूल्स के बारे में बताया. नूर ने कहा की क़ानून पास हुए बहुत साल हो गये लेकिन आज भी जागरूकता की कमी के चलते ट्रांसजेंडर ख़ुद भी अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं है. ऐसे में पुलिस अधिकारी पहल करते हुए अपने थाना क्षेत्र के सभी ट्रांजेंडर का आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, ड्राइविंग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रेरित करे.

ट्रांसजेंडर को सीएलजी मेम्बर बनाया जाए : वहीं, ट्रांसेजेंडर प्रिया शर्मा ने बताया कि सभी थानो में ट्रांसजेंडर को सीएलजी मेम्बर बनाया जाए, ताकि ट्रांसजेंडर समुदाय का कोई केस आये तो उस से संजीदगी से निपटा जा सके. साथ ही साथ कई लोग इस आड़ में अपराध से भी जुड़ जाते है, ऐसे में आपराधिक प्रवृति के लोगो की पहचान भी हो पाए.

इसे भी पढ़ें - कल्याणकारी योजनाओं में ट्रांसजेंडर्स के साथ ना हो भेदभावः हाईकोर्ट

ऑपरेशन स्माइल ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए बेहद जरूरी : ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट और वसुधाजन विकास की निदेशक मोना शर्मा ने कहा की पुलिस की और से चलाया गया अभियान ऑपरेशन स्माइल ट्रांसजेंडर को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए बेहद ज़रूरी है. बहुत सारे ट्रांसजेंडर शारीरिक छेड़छाड़ के शिकार होते है, उनका ये सोच कर शोषण किया जाता है कि ये पुलिस के पास नहीं जाएँगे या आवाज़ नहीं उठाएँगे. ऐसे में पुलिस का यह अभियान उनको संबल प्रदान करेगा. यह प्रयास देश के अन्य राज्यों में भी एक उदाहरण बनेगा.

जयपुर. राजस्थान के ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने "ऑपरेशन स्माइल " शुरू किया है. राजस्थान के सभी जिलों के पुलिस थानों में हर महीने की 10 से 12 तारीख को ऑपरेशन स्माइल अभियान चलेगा. इस अनूठी पहल में खाकी ट्रांसजेंडर को समाज की मुख्यधारा से जोड़ेगी. डीसीपी जयपुर (नॉर्थ) राशि डोगरा डूडी के नेतृत में 10 जनवरी से शुरू हुए इस अभियान के तीसरे दिन शहर के शास्त्री नगर थाने में पुलिस के ट्रांसजेंडर सेल के नोडल अधिकारियों और ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट की संयुक्त मीटिंग हुई.

मीटिंग में ट्रांसजेंडर से समन्वयन स्थापित कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने, उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने व शिक्षा, रोजगार के अवसर, ट्रांसजेंडर से संबंधित कानूनी पहलुओं पर विचार किया गया. पुलिस को भी ट्रांसजेंडर के अधिकार के बारे में जानकारी हो और वे ट्रांसजेंडर के साथ किस तरह बर्ताव करें, इस बारे में गहन मंथन किया गया.

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ट्रांसजेंडर एक्ट एंड रूल्स के बारे में बताया : देश में जन्म प्रमाणपत्र पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर नूर शेखावत, ट्रांसजेंडर प्रिया शर्मा, ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट वसुधा एनजीओ की निदेशक मोना शर्मा, राजस्थान यूनिवर्सिटी में ट्रांसजेंडर विषय पर पीएचडी कर रहे एक मात्र स्टूडेंट शिवराज गुर्जर, सी फार संस्थान के आयुष भार्गव से पुलिस अशिकारियों की चर्चा हुई. ट्रांसेजेंडर नूर शेखावत ने पुलिस अधिकारियों को नालसा जजमेंट, 2014 में पास हुए ट्रांसजेंडर एक्ट एंड रूल्स के बारे में बताया. नूर ने कहा की क़ानून पास हुए बहुत साल हो गये लेकिन आज भी जागरूकता की कमी के चलते ट्रांसजेंडर ख़ुद भी अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं है. ऐसे में पुलिस अधिकारी पहल करते हुए अपने थाना क्षेत्र के सभी ट्रांजेंडर का आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, ड्राइविंग प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रेरित करे.

ट्रांसजेंडर को सीएलजी मेम्बर बनाया जाए : वहीं, ट्रांसेजेंडर प्रिया शर्मा ने बताया कि सभी थानो में ट्रांसजेंडर को सीएलजी मेम्बर बनाया जाए, ताकि ट्रांसजेंडर समुदाय का कोई केस आये तो उस से संजीदगी से निपटा जा सके. साथ ही साथ कई लोग इस आड़ में अपराध से भी जुड़ जाते है, ऐसे में आपराधिक प्रवृति के लोगो की पहचान भी हो पाए.

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ऑपरेशन स्माइल ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए बेहद जरूरी : ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट और वसुधाजन विकास की निदेशक मोना शर्मा ने कहा की पुलिस की और से चलाया गया अभियान ऑपरेशन स्माइल ट्रांसजेंडर को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए बेहद ज़रूरी है. बहुत सारे ट्रांसजेंडर शारीरिक छेड़छाड़ के शिकार होते है, उनका ये सोच कर शोषण किया जाता है कि ये पुलिस के पास नहीं जाएँगे या आवाज़ नहीं उठाएँगे. ऐसे में पुलिस का यह अभियान उनको संबल प्रदान करेगा. यह प्रयास देश के अन्य राज्यों में भी एक उदाहरण बनेगा.

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