जयपुर. विधानसभा सत्र में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने एक प्रश्न के जवाब में प्रदेश में कहीं भी यूजर चार्ज नहीं वसूले जाने का दावा किया. इसके इतर जयपुर ग्रेटर नगर निगम में जल्द यूजर चार्ज लागू किया जा रहा है, जिसे महीने के आखिर में चुकाना होगा. निगम अपने क्षेत्र के दो जोन में इसकी शुरुआत करने जा रहा है. आवासीय और व्यवसायिक यूजर्स की अलग-अलग दरें भी निर्धारित की गई हैं.
प्रदेश के नगरीय निकायों में कचरे के निस्तारण की गूंज मंगलवार को सदन में सुनाई दी. विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल के दौरान विधायक मदन दिलावर ने सवाल किया कि क्या उनके क्षेत्र रामगंज मंडी के साथ प्रदेश में सफाई-शुल्क की वसूली की जा रही है? इस पर जवाब देते हुए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि प्रदेश के किसी भी निकाय में सफाई शुल्क या यूजर चार्जेज की वसूली नहीं की जा रही है.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि केवल गंदगी पर कैरिंग चार्ज के तौर पर जुर्माना वसूला जाता है. मंत्री धारीवाल ने सदन में जानकारी दी कि इसे लेकर निकायों में प्रोविजन तो है, लेकिन राजस्थान के किसी भी नगरपालिका, नगर परिषद और नगर निगम में इस तरह का शुल्क नहीं लिया जा रहा है. एग्जीक्यूटिव ऑफिसर या कमिश्नर चाहे तो यूजर चार्ज लगा सकते हैं, लेकिन लगाया नहीं गया है.
दूसरी ओर प्रदेश की राजधानी के ग्रेटर नगर निगम मालवीय नगर और मुरलीपुरा जोन में यूजर चार्ज वसूलने की तैयारी कर चुका है. ग्रेटर नगर निगम फरवरी से इन दोनों जोन में घर-घर कचरा संग्रहण पर शुल्क वसूलना शुरू करेगा. यहां 2 लाख से अधिक घर हैं, इन सभी से निगम पैसा लेगा. पारदर्शी व्यवस्था रहे, इसके लिए निगम ऑनलाइन भुगतान ही स्वीकार करेगा. निगम ने इसके लिए क्यूआर कोड भी तैयार करवा लिया है और पॉश मशीनें भी लाई जा रही हैं.
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ये निर्धारित किया गया यूजर चार्ज :
1. 50 वर्ग मीटर से कम आवास पर 20 रुपए
2. 300 वर्ग मीटर तक के आवास से 80 रुपए
3. 300 वर्ग मीटर से अधिक में आवास से 150 रुपए
4. दुकान, स्वीट शॉप, कॉफी हाउस, ढाबा से 250 रुपए
5. गेस्ट हाउस, हॉस्टल से 500 से 1000 रुपए
6. होटल-रेस्टोरेंट पर 750 से 1500 रुपए
7. प्राइवेट कोचिंग सेंटर, स्कूल, कॉलेज से 1000 से 5000 रुपए
निगम कमिश्नर महेंद्र सोनी के अनुसार मुरलीपुरा मालवीय नगर जोन में कचरा संग्रहण का काम बेहतर तरीके से किया जा रहा है. घर के बाहर लगे आरएफआइडी कार्ड को स्कैन किया जा रहा है. ऐप पर जो शिकायतें आ रही हैं, उनको भी दूर किया जा रहा है. हूपर के आने से पहले ऐप पर मैसेज आ रहा है. इन दोनों जोन में निगम हर महीने कचरा संग्रहण के नाम पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए खर्च कर रहा है. एक अनुमान के मुताबिक यहां से यूजर चार्ज के रूप में दो करोड़ रुपए राजस्व आने की उम्मीद है.