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ऑपरेशन साइबर शील्ड : ई-मित्र की ID देने के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर से कर रहे थे ठगी, चार आरोपी गिरफ्तार - CYBER CRIME

शिप्रापथ थाने और जयपुर (दक्षिण) साइबर सेल की टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है. 15 लाख रुपये की ठगी की गई थी.

Cyber Crime
चार आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 10, 2025, 7:18 PM IST

जयपुर: राजधानी जयपुर के मानसरोवर इलाके में ई-मित्र की आईडी के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फर्जी कॉल सेंटर के जरिए 15 लाख रुपये की ठगी का पुलिस ने खुलासा किया. साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत शिप्रा पथ थाना और जयपुर (दक्षिण) की साइबर सेल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.

आरोपियों के कब्जे से 9 मोबाइल फोन, 13 कंप्यूटर, एक लैपटॉप, वाईफाई, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिंट मशीन, इंटरनेट कनेक्टर, दो बिजली के बोर्ड और 78 हजार रुपये नकद जब्त किए हैं. फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में गिरफ्तार चार आरोपियों से पूछताछ में साइबर ठगी की कई और वारदातों का खुलासा होने की संभावना है.

पढ़ें : धन दोगुना करने का लालच देकर लाखों रुपये की ठगी, 3 साइबर ठग सीकर से गिरफ्तार - CYBER CRIME

जयपुर, टोंक और मालपुरा के हैं आरोपी : जयपुर (दक्षिण) डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए एडिशनल डीसीपी ललित कुमार शर्मा और मानसरोवर एसीपी आदित्य काकड़े के सुपरविजन व शिप्रापथ थानाधिकारी अमित शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. इस टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा कर सोडाला (जयपुर) निवासी दीपक, काली पलटन (पुरानी टोंक) निवासी संजय मेघवाल, मानसरोवर इंडस्ट्रियल एरिया निवासी नंदवीर सैनी और मालपुरा निवासी विनोद बैरवा को गिरफ्तार किया है.

संदिग्ध नंबरों की लोकेशन के आधार पर मारा छापा : उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड करने वाले संदिग्ध नंबरों की लोकेशन शिप्रा पथ थाना इलाके में आ रही थी. इस जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम ने अग्रवाल फार्म में विक्रमादित्य मार्ग पर त्रिबंधु प्लाजा के पास स्थित समाज सेवा केंद्र के ऑफिस पहुंची. जहां पर ई-मित्र के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. इससे पहले पुलिस टीम ने तकनीकी आधार पर आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई.

ई-मित्र की फर्जी आईडी देकर करते ठगी : इस कॉल सेंटर पर ई-मित्र की आईडी बनाकर कैश बैक का झांसा देकर ठगी का काम किया जा रहा था. इस फर्जी कॉल सेंटर पर आरोपी अलग-अलग ग्राहकों को अलग-अलग मोबाइल नंबर से कॉल कर ई-मित्र की फर्जी आईडी देते और ठगी की वारदातों को अंजाम देते. ये ई-मित्र आईडी का झांसा देकर अपने बैंक खातों में ठगी की रकम जमा करवाते थे. अब तक इन आरोपियों द्वारा करीब 15 लाख रुपये की ठगी करने जानकारी सामने आई है.

जयपुर: राजधानी जयपुर के मानसरोवर इलाके में ई-मित्र की आईडी के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फर्जी कॉल सेंटर के जरिए 15 लाख रुपये की ठगी का पुलिस ने खुलासा किया. साइबर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत शिप्रा पथ थाना और जयपुर (दक्षिण) की साइबर सेल ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है.

आरोपियों के कब्जे से 9 मोबाइल फोन, 13 कंप्यूटर, एक लैपटॉप, वाईफाई, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिंट मशीन, इंटरनेट कनेक्टर, दो बिजली के बोर्ड और 78 हजार रुपये नकद जब्त किए हैं. फर्जी कॉल सेंटर चलाने के आरोप में गिरफ्तार चार आरोपियों से पूछताछ में साइबर ठगी की कई और वारदातों का खुलासा होने की संभावना है.

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जयपुर, टोंक और मालपुरा के हैं आरोपी : जयपुर (दक्षिण) डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए एडिशनल डीसीपी ललित कुमार शर्मा और मानसरोवर एसीपी आदित्य काकड़े के सुपरविजन व शिप्रापथ थानाधिकारी अमित शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया. इस टीम ने फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा कर सोडाला (जयपुर) निवासी दीपक, काली पलटन (पुरानी टोंक) निवासी संजय मेघवाल, मानसरोवर इंडस्ट्रियल एरिया निवासी नंदवीर सैनी और मालपुरा निवासी विनोद बैरवा को गिरफ्तार किया है.

संदिग्ध नंबरों की लोकेशन के आधार पर मारा छापा : उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड करने वाले संदिग्ध नंबरों की लोकेशन शिप्रा पथ थाना इलाके में आ रही थी. इस जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम ने अग्रवाल फार्म में विक्रमादित्य मार्ग पर त्रिबंधु प्लाजा के पास स्थित समाज सेवा केंद्र के ऑफिस पहुंची. जहां पर ई-मित्र के नाम पर फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था. इससे पहले पुलिस टीम ने तकनीकी आधार पर आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई.

ई-मित्र की फर्जी आईडी देकर करते ठगी : इस कॉल सेंटर पर ई-मित्र की आईडी बनाकर कैश बैक का झांसा देकर ठगी का काम किया जा रहा था. इस फर्जी कॉल सेंटर पर आरोपी अलग-अलग ग्राहकों को अलग-अलग मोबाइल नंबर से कॉल कर ई-मित्र की फर्जी आईडी देते और ठगी की वारदातों को अंजाम देते. ये ई-मित्र आईडी का झांसा देकर अपने बैंक खातों में ठगी की रकम जमा करवाते थे. अब तक इन आरोपियों द्वारा करीब 15 लाख रुपये की ठगी करने जानकारी सामने आई है.

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