जयपुर. लोकसभा चुनाव में राजस्थान में करारी हार का सामना कर चुकी कांग्रेस को प्रदेश की निकायों के 16 वार्डों में हुए उप चुनाव के परिणाम ने एक और झटका दिया है. उप चुनाव में 16 में से 8 सीटों में कांग्रेस ने भले ही जीत दर्ज की हो, लेकिन इन वार्डों में से 10 वार्ड पहले कांग्रेस के खाते में थे. जिनमें से अब 8 वार्ड में ही कांग्रेसी अपना परचम लहरा पाई है. जबकि 1 वार्ड में हार का मुंह देखना पड़ा और 1 वार्ड में चुनाव निरस्त हो गए. वहीं बात की जाए भाजपा की तो उप चुनाव से पहले भाजपा के पास इन वार्डों में से 3 वार्ड पर कब्जा था, लेकिन उप चुनाव के बाद यह संख्या बढ़कर 5 हो गई. मतलब उप चुनाव में 2 वार्डों की बढ़ोतरी भाजपा को हुई है.
वहीं भाजपा नेताओं का दावा है कि हनुमानगढ़ जिले के रावतसर नगर पालिका के 2 वार्डों में निर्विरोध जीते गए प्रत्याशी भी भाजपा के ही समर्थित है. नगर पालिका वार्डों के उप चुनाव परिणाम सामने आने के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि जनता ने एक बार फिर प्रदेश की एक्सीडेंटल कांग्रेस सरकार के कामकाज को नकार दिया है.
भारद्वाज के अनुसार गहलोत सरकार के 5 माह के कामकाज से प्रदेश की जनता नाराज है. यही कारण है कि पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी और अब उप चुनाव में पहले की तुलना में कांग्रेस की सीटें कम हो गई.
वहीं भाजपा के प्रदेश मंत्री मुकेश दाधीच ने इस उप चुनाव के परिणाम को गहलोत सरकार की लचर कार्यशैली का नतीजा करार दिया है. दाधीच के अनुसार प्रदेश की जनता गहलोत सरकार के कामकाज से परेशान है और जिस तरह प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं, उसी का नतीजा है कि वार्डों के चुनाव में भी जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है.
हालांकि नगर पालिका के वार्ड उप चुनाव बेहद छोटे चुनाव होते हैं, लेकिन इसके आए परिणाम के बाद भाजपा में खुशी की लहर है. क्योंकि भाजपा ने दो अन्य वार्डों पर भी अपना कब्जा जमाया है तो वहीं कांग्रेस नेता इस बात को लेकर ही संतुष्ट हैं कि उनकी पार्टी कम से कम बीजेपी से ज्यादा वार्डों में तो जीती.