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बिना पुष्टि के स्वाइन फ्लू की दवा लेना हो सकता है खतरनाक- डॉक्टर

ईटीवी भारत आमजन को स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक करने के लिए एक मुहिम चला रहा है ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके. और समय रहते स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीज अपना इलाज करा सकें.

Senior doctor of SMS Hospital
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Published : Jul 30, 2019, 11:46 AM IST

जयपुर. सर्दी जुकाम या गले में खराश और तेज बुखार स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं और अगर आप इस तरह की किसी भी बीमारी से ग्रसित है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श ले ताकि समय रहते स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी से व्यक्ति को बचाया जा सके. कई बार बिना स्वाइन फ्लू की पुष्टि के भी व्यक्ति स्वाइन फ्लू की दवा खा लेते हैं जिसे लेकर चिकित्सकों का कहना है कि यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि अगर आप साधारण खांसी जुखाम में भी बिना चिकित्सक की सलाह के टेमीफ्लू दवा लेंगे तो अगर भविष्य में कभी आपको स्वाइन फ्लू होता है तो उस समय यह दवा बेअसर हो जाएगी.

पढ़ें: स्वाइन फ्लू से गर्भवती, 5 साल से कम उम्र के बच्चे और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा- विशेषज्ञ

चिकित्सकों का यह भी कहना है कि अब स्वाइन फ्लू की वैक्सीनेशन भी बाजार में आ चुकी है जिसे किसी भी उम्र के व्यक्ति को लगाया जा सकता है और इस दवा का असर करीब 7 से 8 महीने तक रहता है.

बिना पुष्टि के स्वाइन फ्लू की दवा लेना हो सकता है खतरनाक- डॉक्टर

वहीं अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू की उपलब्धता की बात की जाए तो जिस समय प्रदेश में यह बीमारी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही थी तो सरकार की ओर से 8 लाख से अधिक दवाइयां मंगवाई गई थी और चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि यह दवाई सरकारी अस्पतालों के अलावा कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध है.

पढ़ें: स्वाइन फ्लू का शुरूआत में ही कराएं इलाज, बाद में मरीज का बचना मुश्किल : डॉक्टर

वहीं सरकार ने अब स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारी को मौसमी बीमारियों में शामिल कर लिया है. जिसे लेकर विशेष रणनीति भी सरकार द्वारा बनाई जा रही है.

जयपुर. सर्दी जुकाम या गले में खराश और तेज बुखार स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं और अगर आप इस तरह की किसी भी बीमारी से ग्रसित है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श ले ताकि समय रहते स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी से व्यक्ति को बचाया जा सके. कई बार बिना स्वाइन फ्लू की पुष्टि के भी व्यक्ति स्वाइन फ्लू की दवा खा लेते हैं जिसे लेकर चिकित्सकों का कहना है कि यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि अगर आप साधारण खांसी जुखाम में भी बिना चिकित्सक की सलाह के टेमीफ्लू दवा लेंगे तो अगर भविष्य में कभी आपको स्वाइन फ्लू होता है तो उस समय यह दवा बेअसर हो जाएगी.

पढ़ें: स्वाइन फ्लू से गर्भवती, 5 साल से कम उम्र के बच्चे और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को ज्यादा खतरा- विशेषज्ञ

चिकित्सकों का यह भी कहना है कि अब स्वाइन फ्लू की वैक्सीनेशन भी बाजार में आ चुकी है जिसे किसी भी उम्र के व्यक्ति को लगाया जा सकता है और इस दवा का असर करीब 7 से 8 महीने तक रहता है.

बिना पुष्टि के स्वाइन फ्लू की दवा लेना हो सकता है खतरनाक- डॉक्टर

वहीं अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू की उपलब्धता की बात की जाए तो जिस समय प्रदेश में यह बीमारी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही थी तो सरकार की ओर से 8 लाख से अधिक दवाइयां मंगवाई गई थी और चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि यह दवाई सरकारी अस्पतालों के अलावा कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध है.

पढ़ें: स्वाइन फ्लू का शुरूआत में ही कराएं इलाज, बाद में मरीज का बचना मुश्किल : डॉक्टर

वहीं सरकार ने अब स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारी को मौसमी बीमारियों में शामिल कर लिया है. जिसे लेकर विशेष रणनीति भी सरकार द्वारा बनाई जा रही है.

Intro:जयपुर- ईटीवी भारत आमजन को स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक करने के लिए एक मुहिम चला रहा है ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल सके ताकि समय रहते स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीज अपना इलाज करा सके


Body:सर्दी जुकाम या गले में खराश और तेज बुखार स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं और अगर आप इस तरह की किसी भी बीमारी से ग्रसित है तो तुरंत चिकित्सकीय परामर्श ले ताकि समय रहते स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी से व्यक्ति को बचाया जा सके..... कई बार बिना स्वाइन फ्लू की पुष्टि के भी व्यक्ति स्वाइन फ्लू की दवा खा लेते हैं जिसे लेकर चिकित्सकों का कहना है कि यह काफी खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि अगर आप साधारण खांसी जुखाम में भी बिना चिकित्सक की सलाह के टेमीफ्लू दवा लेंगे तो अगर भविष्य में कभी आपको स्वाइन फ्लू होता है तो उस समय यह दवा बेअसर हो जाएगी....... चिकित्सकों का यह भी कहना है कि अब स्वाइन फ्लू की वैक्सीनेशन भी बाजार में आ चुकी है जिसे किसी भी उम्र के व्यक्ति को लगाया जा सकता है और इस दवा का असर करीब 7 से 8 महीने तक रहता है....... वहीं अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की दवा टेमीफ्लू की उपलब्धता की बात की जाए तो जिस समय प्रदेश में यह बीमारी बड़ी संख्या में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही थी तो सरकार की ओर से 8 लाख से अधिक दवाइयां मंगवाई गई थी और चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि यह दवाई सरकारी अस्पतालों के अलावा कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोर पर भी उपलब्ध है


Conclusion:वही सरकार ने अब स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारी को मौसमी बीमारियों में शामिल कर लिया है जिसे लेकर विशेष रणनीति भी सरकार द्वारा बनाई जा रही है

बाईट-डॉ अजीत सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक एस एम एस हॉस्पिटल
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