जयपुर. प्रदेश के कर्मचारियों में सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं करने और वेतन कटौती से भारी आक्रोश है. कर्मचारियों ने शुक्रवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना दिया. वहीं, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए डीसी सामंत की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई 2019 को राज्य सरकार को पेश कर दी थी. लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट को आज तक प्रकाशित ही नहीं किया. जिससे राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को एक आदेश जारी किया था. जिससे कर्मचारियों को अपना वेतन बचाने के भी लाले पड़ गए. राज्य सरकार ने साजिश के तहत 30 अक्टूबर 2017 के बाद भुगतान की वसूली करने के आदेश जारी किए हैं. जिससे प्रदेश के राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित हो रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में 5 जुलाई 2013 को एक आदेश जारी कर ग्रेड पे 2800 वाले कर्मचारियों को ग्रेड पे 3600 देकर राहत पहुंचाई थी. अब यही सरकार अपने पूर्व आदेशो की पालना नहीं कर रही है और कर्मचारियों से वसूली कर रही है.
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में हमने आंदोलन किए थे, तो कांग्रेस के नेताओं ने हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था. लेकिन आज कांग्रेस सरकार कोई वादा पूरा नहीं कर रही है. कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है. गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे. साथ ही हर तहसील और जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.