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जयपुरः सामंत कमेटी की रिपोर्ट नहीं लागू करने पर प्रदेश के कर्मचारियों में भारी आक्रोश, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश के कर्मचारियों में सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं करने और वेतन कटौती से आक्रोशित कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना दिया. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे.

Staff united federation, jaipur news, जिला कलेक्टर
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Published : Oct 19, 2019, 5:53 AM IST

जयपुर. प्रदेश के कर्मचारियों में सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं करने और वेतन कटौती से भारी आक्रोश है. कर्मचारियों ने शुक्रवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना दिया. वहीं, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

राज्य कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए डीसी सामंत की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई 2019 को राज्य सरकार को पेश कर दी थी. लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट को आज तक प्रकाशित ही नहीं किया. जिससे राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.

पढ़ें- जल्द ही KBC की हॉट सीट पर नजर आएंगे भरतपुर के बीएम भारद्वाज, बिग बी ने भेजी 11 लाख रुपए की आर्थिक मदद

गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को एक आदेश जारी किया था. जिससे कर्मचारियों को अपना वेतन बचाने के भी लाले पड़ गए. राज्य सरकार ने साजिश के तहत 30 अक्टूबर 2017 के बाद भुगतान की वसूली करने के आदेश जारी किए हैं. जिससे प्रदेश के राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित हो रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में 5 जुलाई 2013 को एक आदेश जारी कर ग्रेड पे 2800 वाले कर्मचारियों को ग्रेड पे 3600 देकर राहत पहुंचाई थी. अब यही सरकार अपने पूर्व आदेशो की पालना नहीं कर रही है और कर्मचारियों से वसूली कर रही है.

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में हमने आंदोलन किए थे, तो कांग्रेस के नेताओं ने हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था. लेकिन आज कांग्रेस सरकार कोई वादा पूरा नहीं कर रही है. कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है. गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे. साथ ही हर तहसील और जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश के कर्मचारियों में सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं करने और वेतन कटौती से भारी आक्रोश है. कर्मचारियों ने शुक्रवार को अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले जिला कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना दिया. वहीं, मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

राज्य कर्मचारियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए डीसी सामंत की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई 2019 को राज्य सरकार को पेश कर दी थी. लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट को आज तक प्रकाशित ही नहीं किया. जिससे राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.

पढ़ें- जल्द ही KBC की हॉट सीट पर नजर आएंगे भरतपुर के बीएम भारद्वाज, बिग बी ने भेजी 11 लाख रुपए की आर्थिक मदद

गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को एक आदेश जारी किया था. जिससे कर्मचारियों को अपना वेतन बचाने के भी लाले पड़ गए. राज्य सरकार ने साजिश के तहत 30 अक्टूबर 2017 के बाद भुगतान की वसूली करने के आदेश जारी किए हैं. जिससे प्रदेश के राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित हो रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में 5 जुलाई 2013 को एक आदेश जारी कर ग्रेड पे 2800 वाले कर्मचारियों को ग्रेड पे 3600 देकर राहत पहुंचाई थी. अब यही सरकार अपने पूर्व आदेशो की पालना नहीं कर रही है और कर्मचारियों से वसूली कर रही है.

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में हमने आंदोलन किए थे, तो कांग्रेस के नेताओं ने हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था. लेकिन आज कांग्रेस सरकार कोई वादा पूरा नहीं कर रही है. कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है. गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे. साथ ही हर तहसील और जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा.

Intro:जयपुर। सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं करने और वेतन कटौती से प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में आक्रोश है। इसी आक्रोश के चलते अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले राज्य कर्मचारियों ने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर शुक्रवार को विशाल धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव को ज्ञापन भी दिया।
जिला कलेक्ट्रेट पर धरने में बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।


Body:महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए डीसी सामंत की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई 2019 को राज्य सरकार को पेश कर दी लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट को आज तक प्रकाशित नहीं किया और इससे राज्य कर्मचारी में काफी आक्रोश है
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने 30 अक्टूबर 2017 को एक आदेश जारी किया जिससे कर्मचारियों को अपना वेतन बचाने की भी लाले पड़ गए। राज्य सरकार ने साजिश के तहत 30 अक्टूबर 2017 के बाद भुगतान की वसूली करने के आदेश जारी किए हैं जिससे प्रदेश के राज्य कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित हो रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में 5 जुलाई 2013 को एक आदेश जारी कर ग्रेड पे 2800 वाले कर्मचारियों को ग्रेड पे 3600 देकर राहत पहुंचाई थी। अब यही सरकार अपने पूर्व आदेशो की पालना नही कर कर्मचारियों से वसूली कर रही है।
पिछली भाजपा सरकार में हमने आंदोलन किए थे तो कांग्रेस के नेताओं ने हमारी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था लेकिन आज कांग्रेस सरकार कोई वादा पूरा नहीं कर रही। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की साथ ही कहा कि अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था वह वादा भी वर्तमान कांग्रेस सरकार पूरा करें।
प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्य कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे और हर तहसील और जिला स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। राठौड़ ने कहा कि गुरुवार को कार्मिक सचिव और वित्त विभाग के अधिकारी के साथ हुई वार्ता हुई थी लेकिन उसमें वित्तीय मांगों पर कोई बात नहीं हुई इसलिए वार्ता सफल नहीं हुई।
धरना स्थल पर कर्मचारियों को कुलदीप यादव, राजेंद्र कुमार शर्मा, रामकृष्ण अग्रवाल, अशोक शर्मा ,भंवर सिंह धीरावत आदि ने संबोधित किया।


बाईट गजेंद्र सिंह राठौड़, प्रदेश अध्यक्ष अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत


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