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नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा, कोर्ट ने की ये टिप्पणी - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने छात्रा से दुष्कर्म (sentenced 20 years imprisonment) करके उसे गर्भवती करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है.

Special court for POCSO,  sentenced 20 years imprisonment
अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा.
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Published : Apr 6, 2023, 9:27 PM IST

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने दसवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाले अभियुक्त सुरेश बैरवा को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर सत्तर हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर न केवल उसे शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाई है, बल्कि उसको मानसिक वेदना भी दी है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता अपनी सहेली के जरिए अभियुक्त के संपर्क में आई थी. इस दौरान अभियुक्त ने उसे अपने झांसे में ले लिया. वहीं वर्ष 2021-2022 के बीच अभियुक्त उसे आए दिन स्कूल से बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता और कानोता थाना इलाके में दुष्कर्म करता.

पढ़ेंः Chittorgarh Rape Case : नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी दोषी करार, उम्र कैद की सजा सुनाई

इस दौरान पेट दर्द होने और अत्यधिक रक्तस्त्राव होने पर परिजनों ने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पता चला की पीड़िता गर्भवती हो गई है. इस पर पीड़िता ने परिजनों को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी. ऐसे में पीड़ित पक्ष की ओर से थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं ट्रायल के दौरान अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. मामले में एफआईआर भी देरी से दर्ज कराई गई है और अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने गवाहों और चिकित्सीय साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को बीस साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 महानगर प्रथम ने दसवीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने वाले अभियुक्त सुरेश बैरवा को बीस साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर सत्तर हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियुक्त ने नाबालिग पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर न केवल उसे शारीरिक रूप से क्षति पहुंचाई है, बल्कि उसको मानसिक वेदना भी दी है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक रचना मान ने अदालत को बताया कि पीड़िता अपनी सहेली के जरिए अभियुक्त के संपर्क में आई थी. इस दौरान अभियुक्त ने उसे अपने झांसे में ले लिया. वहीं वर्ष 2021-2022 के बीच अभियुक्त उसे आए दिन स्कूल से बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता और कानोता थाना इलाके में दुष्कर्म करता.

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इस दौरान पेट दर्द होने और अत्यधिक रक्तस्त्राव होने पर परिजनों ने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पता चला की पीड़िता गर्भवती हो गई है. इस पर पीड़िता ने परिजनों को अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी. ऐसे में पीड़ित पक्ष की ओर से थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. वहीं ट्रायल के दौरान अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है. मामले में एफआईआर भी देरी से दर्ज कराई गई है और अभियोजन पक्ष के पास उसके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने गवाहों और चिकित्सीय साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त को बीस साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया है.

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