जयपुर. नए साल 2023 के दूसरे ही दिन एकादशी रही. ऐसे में छोटी काशी के कृष्ण मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचे. वहीं श्री कृष्ण बलराम की भव्य शोभायात्रा निकाली (Shobha Yatra on Ekadashi in Jaipur) गई. मंदिर प्रबंधन की ओर से एक भव्य और सुन्दर झांकी सजाई गई. जिसे भक्तों ने रस्सी से खींच कर आगे बढ़ाया.
राजधानी जयपुर में नववर्ष की पहली एकादशी पर श्री कृष्ण बलराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. झांकी में श्री कृष्ण बलराम जी, गौर निताई और हरे कृष्ण मूवमेंट के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद का विग्रह भी विराजमान रहा. मंदिर प्रंबधन की ओर से बनाई गई झांकी को फूलों से सजाया गया और झांकी के आगे सुंदर रंगोली बनाई गई. भगवान की झांकी के आगे राजस्थानी ऊंट, घोड़े के लवाजमे के साथ शहर के प्रसिद्ध बैंड भी शामिल हुए.
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शोभायात्रा का शुभारम्भ हरिनाम संकीर्तन के साथ जयपुर के चौड़ा रास्ता पर स्थित राधा दामोदर मंदिर से हुआ. ये यात्रा बापू बाजार, जौहरी बाजार से होते हुए त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ होते हुए श्री रूप चतुर्भुज मंदिर पर खत्म हुई. यहां पर महाआरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया. शोभायात्रा का शुभारंभ धार्मिक अनुष्ठान के साथ भगवान की पूजा से हुआ. श्रद्धालुओं ने रस्सियों से झांकी को खींचकर शोभायात्रा शुरू की. यात्रा में अनेक कीर्तन समूह करतल और मृदंगा के साथ भगवान के हरिनाम संकीर्तन करते रहे. इस यात्रा के मार्ग में कई स्थानों पर विभिन्न संस्था, सामाजिक संगठनों और भक्तों ने झांकी का स्वागत किया.
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उधर, भक्त अपने आराध्य गोविंददेवजी का दर्शन ज्यादा देर कर सके, इसके लिए मंदिर में झांकियों के समय में भी बदलाव किया गया. जहां मंगला झांकी सुबह 4:30 बजे से 1 घंटे तक रखी गई. वहीं धूप झांकी में 15 मिनट कम कर राजभोग झांकी में आधा घंटा और ग्वाल झांकी में 15 मिनट बढ़ाए गए. इसके अलावा संध्या आरती और शयन आरती में ठाकुर जी आधे घंटे ज्यादा दर्शन की व्यवस्था की गई. आपको बता दें कि जहां हर साल 24 एकादशी पड़ती है. लेकिन इस साल 2023 में 26 एकादशी का संयोग बन रहा है. क्योंकि इस साल 12 की जगह 13 माह है. इसे पुरुषोत्तम माह कहते हैं.