जयपुर. 11 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा सचिवालय फोरम का धरना समाप्त हो गया. 10 फरवरी के बाद सीएम गहलोत से मुलाकात के आश्वासन के बाद सचिवालय फोरम ने धरना समाप्ति की घोषणा की. मंगलवार को दिनभर कर्मचारियों की आम सभा के बाद रात को मुख्य सचिव उषा शर्मा के साथ सचिवालय फोरम के पदाधिकारियों की मांगों को लेकर वार्ता हुई, जिसमें उषा शर्मा ने उनकी मांगों को लेकर कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन कर्मचारी सहमत नहीं हुए. बाद में सीएम से जुड़े अधिकारियों से हुई वार्ता में 10 फरवरी के बाद मुख्यमंत्री से मिलवाने के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ.
दरअसल, राजस्थान में एक बार फिर सचिवालय कर्मचारी और अधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सचिवालय परिसर में धरना शुरू कर दिया था. 11 सूत्री मांगों को लेकर सचिवालय फोरम के बैनर तले मंगलवार को लंच के बाद सभी कर्मचारी और अधिकारी काम पर नहीं लौटे. उन्होंने कहा कि कई बार सरकार से जायज मांगों को लेकर आग्रह किया जा चुका है, लेकिन सरकार उसे गंभीरता से नहीं ले रही है. ऐसे में मजबूर होकर कर्मचारियों को काम छोड़कर धरने पर बैठना पड़ रहा है. सरकार जब तक मांगें पूरी नहीं करेगी तब तक धरना जारी रहेगा.
क्या है नाराजगी ? : सचिवालय फोरम के अध्यक्ष शिव शंकर अग्रवाल ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के लिए RGHS योजना और OPS लागू कर कर्मचारी वर्ग को व्यापक रूप से लाभ दिया गया है. कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सहानुभूतिपूर्ण रुख का स्वागत करते हैं, लेकिन शासन सचिवालय राज्य प्रशासन का हृदय स्थल है. राजस्थान सरकार के सभी नीति नियम संबंधी महत्वपूर्ण कार्य यहीं किए जाते हैं, जिससे कि जनता को उनका लाभ सही रूप में मिल सके.
पढ़ें : Rajasthan Budget 2023 : बजट की ये हैं 10 बड़ी बातें, जो सरकारी कर्मचारियों के लिए रहेंगी खास
राज्य सरकार की नीतियों का सफल क्रियान्वयन करने के लिए सचिवालय की सेवाओं को और अधिक कार्य कुशल बनाने और सुदृढ़ रूप देने की आवश्यकता है. इसके लिए राजस्थान सचिवालय फोरम अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर कई बार आग्रह कर चुका है. बावजूद इसके, कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मजबूरन फोरम को धरने पर बैठना पड़ रहा है. बता दें कि सचिवालय फोरम में करीब आधा दर्जन संघ हैं, जिसमें सचिवालय अधिकारी कर्मचारी संघ, सचिवालय कर्मचारी संघ, सचिवालय सहायक संघ, सचिवालय तकनीकी संघ सहित अन्य सभी सभी संघों ने मिल कर सचिवालय फोरम बनाया है, जो सभी की संयुक्त मांग को सरकार के सामने रख सके.
फोरम की मांगें :
- राजस्थान सचिवालय सेवा के हायर सुपर टाइम स्केल के पदों का सृजन करना.
- राजस्थान सचिवालय सेवा के सुपर टाइम स्केल के पदों की बहाली की जाए.
- सहायक शासन सचिव (सहायक लोक सूचना अधिकारी) के 44 एवं अनुभाग अधिकारी के 68 नवीन पदों की वित्त स्वीकृति की मांग.
- सचिवालय अधिकारियों/कार्मिकों की विशेष वेतन में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए.
- शासन सचिवालय में शीघ्र लिपिक (अराजपत्रित) के 309 नवीन पद एवं मंत्रालयिक संवर्ग (कनिष्ठ लिपिक/वरिष्ठ लिपिक/अनुभाग अधिकारी) के 300 नवीन पद सृजित करना.
- शासन सचिवालय में तकनीकी संवर्ग के पद विद्युत हेल्पर के 8 पद समाप्त किए गए थे, उन्हें पुनः जीवित करते हुए भर्ती हो. जिसमें वायरमैन ग्रेड-11/लिप्ट ऑपरेटर के 16 रिक्त पदों, सुरक्षा प्रहरी के 29 पदों एवं वाहन चालकों के 7 रिक्त पदों पर भर्ती की जाए.
- सहायक कर्मचारी से लिपिक ग्रेड द्वितीय के पद पर एक बारीय पदोन्नति हेतु कोटा 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक निर्धारित कर पदोन्नति की जाए.
- सचिवालय मंत्रालयिक सेवा में लिपिक ग्रेड द्वितीय के 423 पदों (वित्त विभाग से स्वीकृत) पर CET के उपरान्त सचिवालय के लिए अलग से मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जाए.
- शासन सचिवालय और अधीनस्थ कार्यालय में मंत्रालयिक सेवा नियम अलग-अलग हैं. ऐसे में अलग से मुख्य परीक्षा के आयोजन से सचिवालय को कार्मिक शीघ्र मिल पाएंगे. इसी प्रकार सहायक कर्मचारी संवर्ग के लिए 500 रिक्त पदों को शीघ्र भरने की महत्ती आवश्यकता है.
- सचिवालय सेवा के सभी संवर्गों के रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए आवश्यक अनुभव में एक बारीय पूर्ण शिथिलन प्रदान कर सभी पदों पर पदोन्नति के खाने की आवश्यक कार्यवाही की जाती है.
- पूर्ण पेंशन योग्य सेवा 28 वर्ष से कम कर 15 वर्ष किया जाए, जिससे राजस्थान के सभी कार्मिकों को OPS का पूर्ण लाभ मिल सके.