ETV Bharat / state

सांगानेर खुली जेल से 12 दिन में दूसरा बंदी फरार, मामला दर्ज

जयपुर में सांगानेर खुली जेल से बुधवार को आजीवन कारावास की सजा काट रहा एक बंदी फरार (Prisoner Absconding from Sanganer open jail) हो गया है. बुधवार को रोल कॉल में हाजिर न होने पर उसकी तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चला. जेल प्रहरी ने मालपुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया है.

Sanganer open jail Jaipur
Sanganer open jail Jaipur
author img

By

Published : Sep 15, 2022, 12:19 PM IST

जयपुर. सांगानेर खुली जेल से 12 दिन के अंतराल में दूसरे बंदी के फरार होने का सनसनीखेज मामला (Prisoner Absconding from Sanganer open jail) सामने आया है. इसे लेकर सांगानेर खुली जेल के प्रहरी दयाराम गुर्जर ने बुधवार देर रात मालपुरा गेट थाने में बंदी नारायण के फरार होने का मामला (Prisoner Absconding Case) दर्ज करवाया है. प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी नरेश कुमार मीणा ने बताया कि सांगानेर खुली जेल में नारायण नामक बंदी आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था जो बुधवार शाम को जेल में होने वाली रोल कॉल में उपस्थित नहीं हुआ.

रोल कॉल में उपस्थित नहीं होने पर जेल प्रभारी और अन्य कर्मचारियों ने बंदी आवास संख्या 214-बी पर जाकर देखा तो वहां भी नारायण मौजूद नहीं मिला. इसके बाद आसपास रहने वाले अन्य बंदियों से भी उसकी जानकारी जुटाई गई, लेकिन किसी से भी उसकी जानकारी नहीं मिली. इसके बाद जेल प्रभारी ने बंदी नारायण के मोबाइल पर फोन लगाया तो उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आया. जेल के आसपास के क्षेत्र और दुकानों में भी नारायण की तलाश की गई लेकिन वह कहीं भी नहीं मिला.

पढ़ें- सांगानेर ओपेन जेल से बंदी फरार, रोल कॉल में नहीं हुआ उपस्थित

इसके बाद जेल प्रभारी ने इसकी जानकारी जयपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा को दी. अधीक्षक के निर्देश पर मालपुरा गेट थाने में नारायण के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है. गौरतलब है कि 3 सितंबर को भी सांगानेर खुली जेल से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा एक बंदी नरपत सिंह फरार हो गया था, जिसके संबंध में मालपुरा गेट थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी. फिलहाल, पुलिस सांगानेर खुली जेल (Sanganer open jail Jaipur) से फरार हुए दोनों बंदियों की तलाश में जुटी हुई है.

क्या होती है खुली जेल- ऐसे बंदी जिन्हें आजीवन कारावास या 10 वर्ष से अधिक की सजा सुनाई जाती है, जब वह सेंट्रल जेल में 10 साल की सजा काट लेते हैं और उनका आचरण अच्छा होता है तो फिर उन्हें सेंट्रल जेल से खुली जेल में शिफ्ट किया जाता है. ऐसे बंदी को खुली जेल में रहने के लिए एक आवास दिया जाता है और वह कमाई के लिए या कुछ काम करने के लिए सुबह जेल के आसपास के क्षेत्र में काम करने के लिए जा सकता है. बंदी को शाम को फिर से जेल पहुंचकर रोल कॉल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी होती है. खुली जेल में रहने वाले बंदी मोबाइल का प्रयोग भी कर सकते हैं. जब भी कोई बंदी शाम को ओपन जेल की रोल कॉल में उपस्थित नहीं होता है तब उसके फरार होने की सूचना पुख्ता होने पर उसके खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.

जयपुर. सांगानेर खुली जेल से 12 दिन के अंतराल में दूसरे बंदी के फरार होने का सनसनीखेज मामला (Prisoner Absconding from Sanganer open jail) सामने आया है. इसे लेकर सांगानेर खुली जेल के प्रहरी दयाराम गुर्जर ने बुधवार देर रात मालपुरा गेट थाने में बंदी नारायण के फरार होने का मामला (Prisoner Absconding Case) दर्ज करवाया है. प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी नरेश कुमार मीणा ने बताया कि सांगानेर खुली जेल में नारायण नामक बंदी आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा था जो बुधवार शाम को जेल में होने वाली रोल कॉल में उपस्थित नहीं हुआ.

रोल कॉल में उपस्थित नहीं होने पर जेल प्रभारी और अन्य कर्मचारियों ने बंदी आवास संख्या 214-बी पर जाकर देखा तो वहां भी नारायण मौजूद नहीं मिला. इसके बाद आसपास रहने वाले अन्य बंदियों से भी उसकी जानकारी जुटाई गई, लेकिन किसी से भी उसकी जानकारी नहीं मिली. इसके बाद जेल प्रभारी ने बंदी नारायण के मोबाइल पर फोन लगाया तो उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ आया. जेल के आसपास के क्षेत्र और दुकानों में भी नारायण की तलाश की गई लेकिन वह कहीं भी नहीं मिला.

पढ़ें- सांगानेर ओपेन जेल से बंदी फरार, रोल कॉल में नहीं हुआ उपस्थित

इसके बाद जेल प्रभारी ने इसकी जानकारी जयपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा को दी. अधीक्षक के निर्देश पर मालपुरा गेट थाने में नारायण के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया गया है. गौरतलब है कि 3 सितंबर को भी सांगानेर खुली जेल से आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा एक बंदी नरपत सिंह फरार हो गया था, जिसके संबंध में मालपुरा गेट थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी. फिलहाल, पुलिस सांगानेर खुली जेल (Sanganer open jail Jaipur) से फरार हुए दोनों बंदियों की तलाश में जुटी हुई है.

क्या होती है खुली जेल- ऐसे बंदी जिन्हें आजीवन कारावास या 10 वर्ष से अधिक की सजा सुनाई जाती है, जब वह सेंट्रल जेल में 10 साल की सजा काट लेते हैं और उनका आचरण अच्छा होता है तो फिर उन्हें सेंट्रल जेल से खुली जेल में शिफ्ट किया जाता है. ऐसे बंदी को खुली जेल में रहने के लिए एक आवास दिया जाता है और वह कमाई के लिए या कुछ काम करने के लिए सुबह जेल के आसपास के क्षेत्र में काम करने के लिए जा सकता है. बंदी को शाम को फिर से जेल पहुंचकर रोल कॉल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी होती है. खुली जेल में रहने वाले बंदी मोबाइल का प्रयोग भी कर सकते हैं. जब भी कोई बंदी शाम को ओपन जेल की रोल कॉल में उपस्थित नहीं होता है तब उसके फरार होने की सूचना पुख्ता होने पर उसके खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.