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जयपुरः स्कूली बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाकर दिया नेत्रदान जागरूकता का संदेश - नेत्रदान जागरूकता का संदेश

जयपुर में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के तहत स्कूली बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाकर नेत्रदान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया. जिसमें कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने भी शिरकत की. वहीं दो सौ से अधिक लोगों ने नेत्रदान का संकल्प लिया.

जयपुर न्यूज, jaipur news
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Published : Sep 7, 2019, 7:36 PM IST

जयपुर. राजधानी के सिविल लाइंस फाटक पर स्कूली बच्चों और स्काउट गाईड्स ने नैत्र दान के प्रति जागरुकता का संदेश दिया. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाकर आमजन को जागरूक किया. साथ ही कलेक्टर जगरूप सिंह यादव द्वारा नेत्रदान के पोस्टर का विमोचन किया गया.

स्कूली बच्चों द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर दिया गया नेत्रदान का संदेश

आपको बता दें कि राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाता है. राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 2019 का आयोजन नेत्रदान की जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित होता है. जिसके तहत जयपुर में मानव श्रृंखला बनाकर नेत्रदान का संदेश दिया गया. वहीं नेत्रदान पखवाड़ा की शुरुआत जयपुर कलेक्टर जगरूप सिंह यादव द्वारा की गई. इस आयोजन में विभिन्न आयु समूहों के दो सौ से अधिक सदस्यों ने भाग लिया. जिसमें स्कूली विद्यार्थी, स्काउट गाईड्स और डॉक्टर ने अपने हाथों में प्लेकार्ड्स लेकर नेत्रदान के महत्व के बारे में आमजन को जानकारी दी.

यह भी पढ़ें. CM गहलोत का फरमान, कहा- मंत्रियों को सप्ताह में 3 दिन जयपुर में रहकर करनी होगी जन सुनवाई

इस मौके पर कलेक्टर जगरूप सिंह ने कहा अंधापन भारत जैसे विकासशील देशों में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. विश्व में पांच अंधे लोगों में से एक भारत से है. व्यक्तियों को अपनी आंखें दान करने और इस नेक काम का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए. तो वहीं वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रेश बैद ने बताया की लगभग 46 लाख भारतीय कॉर्निया अंधापन से पीड़ित हैं. साथ ही लगभग 11 लाख नेत्रहीन लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे हैं. भले ही एक नेत्रदान दो कॉर्नियल नेत्रहीन लोगों को दृष्टि दे सकता है, लेकिन आंखों की मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर है.

यह भी पढ़ें. जयपुर में दो बदमाशों के बीच मुठभेड़, फायरिंग के बाद कार लूट कर भाग निकला शंकर गुर्जर

राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े में आम लोगों को नेत्रदान के महत्व को समझाकर एक आम मंच पर लाने का अभियान चलाया गया. मानव श्रृंखला ने नेत्रदान के महत्व के बारे में एक व्यापक जन जागरूकता पैदा की. जिससे दो सौ से अधिक स्कूली बच्चों और सार्वजनिक लोगों ने हस्ताक्षर कर अपने दाता कार्ड प्राप्त करके आंख दान करने का संकल्प लिया.

जयपुर. राजधानी के सिविल लाइंस फाटक पर स्कूली बच्चों और स्काउट गाईड्स ने नैत्र दान के प्रति जागरुकता का संदेश दिया. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाकर आमजन को जागरूक किया. साथ ही कलेक्टर जगरूप सिंह यादव द्वारा नेत्रदान के पोस्टर का विमोचन किया गया.

स्कूली बच्चों द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर दिया गया नेत्रदान का संदेश

आपको बता दें कि राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाता है. राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 2019 का आयोजन नेत्रदान की जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित होता है. जिसके तहत जयपुर में मानव श्रृंखला बनाकर नेत्रदान का संदेश दिया गया. वहीं नेत्रदान पखवाड़ा की शुरुआत जयपुर कलेक्टर जगरूप सिंह यादव द्वारा की गई. इस आयोजन में विभिन्न आयु समूहों के दो सौ से अधिक सदस्यों ने भाग लिया. जिसमें स्कूली विद्यार्थी, स्काउट गाईड्स और डॉक्टर ने अपने हाथों में प्लेकार्ड्स लेकर नेत्रदान के महत्व के बारे में आमजन को जानकारी दी.

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इस मौके पर कलेक्टर जगरूप सिंह ने कहा अंधापन भारत जैसे विकासशील देशों में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. विश्व में पांच अंधे लोगों में से एक भारत से है. व्यक्तियों को अपनी आंखें दान करने और इस नेक काम का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए. तो वहीं वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रेश बैद ने बताया की लगभग 46 लाख भारतीय कॉर्निया अंधापन से पीड़ित हैं. साथ ही लगभग 11 लाख नेत्रहीन लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे हैं. भले ही एक नेत्रदान दो कॉर्नियल नेत्रहीन लोगों को दृष्टि दे सकता है, लेकिन आंखों की मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर है.

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राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े में आम लोगों को नेत्रदान के महत्व को समझाकर एक आम मंच पर लाने का अभियान चलाया गया. मानव श्रृंखला ने नेत्रदान के महत्व के बारे में एक व्यापक जन जागरूकता पैदा की. जिससे दो सौ से अधिक स्कूली बच्चों और सार्वजनिक लोगों ने हस्ताक्षर कर अपने दाता कार्ड प्राप्त करके आंख दान करने का संकल्प लिया.

Intro:नोट- खबर की बाईट मोजो से भेजी गई, क्योंकि किसी कारण वंश खबर पर लेट पहुंचा

राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के तहत स्कूली बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाकर नेत्रदान के प्रति जागरूकता का संदेश दिया. जिसमें कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने भी शिरकत की.Body:जयपुर: राजधानी के सिविल लाइन्स फाटक पर स्कूली बच्चों और स्काउट गाईड्स ने नैत्र दान के प्रति जागरुकता का संदेश दिया. इस दौरान स्कूली छात्र छात्राओं ने चौराहे पर मानव श्रृखला बनाकर आमजन को जागरूक किया. वही कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने भी नेत्रदान के पोस्टर का विमोचन किया.

आपको बता दे कि राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा हर साल 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक मनाया जाता है. राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़े 2019 के आयोजनों के एक भाग के रूप में नेत्रदान की जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मानव श्रृंखला का ये आयोजन हुआ. जिसमें मानव श्रृंखला की शुरुआत जयपुर कलेक्टर जगरूप सिंह यादव द्वारा की गई. जिसके बाद विभिन्न आयु समूहों के 200 से अधिक सदस्यों ने इस आयोजन में भाग लिया. जिसमें स्कूली विद्यार्थी, स्काउट गाईड्स और डॉक्टर ने अपने हाथों में प्लेकार्ड्स लेकर नेत्रदान के महत्व के बारे में आमजन को जानकारी दी.

इस मौके पर कलेक्टर जगरूप सिंह ने कहा अंधापन भारत जैसे विकासशील देशों में प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. विश्व में पांच अंधे लोगों में से एक भारत से हैं. व्यक्तियों को अपनी आँखें दान करने और इस नेक काम का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए.
तो वही वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चंद्रेश बैद ने बताया की लगभग 46 लाख भारतीय कॉर्निया अंधापन से पीड़ित हैं और लगभग 11 लाख नेत्रहीन लोग कॉर्निया प्रत्यारोपण के लिए इंतजार कर रहे हैं। भले ही एक नेत्रदान दो कॉर्नियल नेत्रहीन लोगों को दृष्टि दे सकता है, लेकिन आंखों की मांग और आपूर्ति के बीच एक बड़ा अंतर है.

राष्ट्रीय नेत्र दान पखवाड़े में आम लोगों को नेत्रदान के महत्व को समझकर एक आम मंच पर लाने का अभियान चलाया जाता है. मानव श्रृंखला ने नेत्र दान के महत्व के बारे में एक व्यापक जन जागरूकता पैदा की और 200 से अधिक स्कूली बच्चों और सार्वजनिक लोगों ने हस्ताक्षर किए और अपने दाता कार्ड प्राप्त करके आंख दान करने का संकल्प लिया.

बाइट- डॉ. चंद्रेश बैद, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञConclusion:।।
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