ETV Bharat / state

Rajasthan Politics: गांधी परिवार के साथ आईं सीएम गहलोत की तस्वीरें, 'ऑल इज वेल' का दावा - Gehlot with Gandhi family

राजस्थान कांग्रेस की राजनीति कयासों पर चल रही है. कभी गहलोत भारी दिखते हैं तो कभी पायलट आगे निकलते दिखते हैं. बेल्लारी में राहुल के साथ और खड़गे के पदभार ग्रहण में सोनिया, राहुल और खड़गे के साथ आईं गहलोत की तस्वीरें यही इशारा कर रही हैं कि बीते दिनों हुईं तल्खियां अब खत्म हो गई हैं. ऐसे में गांधी परिवार के साथ आईं सीएम गहलोत की तस्वीरें यह बताती हैं कि अब सब कुछ ओके है. पढ़ें पूरी खबर...

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
author img

By

Published : Oct 27, 2022, 9:58 PM IST

जयपुर. बीते 25 सितंबर से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान का सबसे विश्वसनीय माना जाता था, लेकिन गहलोत कैंप के समर्थक नेताओं ने विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद अब हालात बदल गए हैं. राजस्थान में यह देखा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान और सीएम गहलोत के रिश्ते में आई अघोषित तल्खियों के बीच लगातार गहलोत अपने और गांधी परिवार के रिश्तों को वैसे ही बने रहने का दावा करते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि गहलोत के दावे कांग्रेस आलाकमान के साथ आ रही उनकी तस्वीरों (recent photos of CM Gehlot with Gandhi family) में दिखाई दे रहे हैं. उधर सचिन पायलट लगातार चुप्पी साधे हुए हैं और केवल 2023 के चुनाव कैसे जीतें इस पर चर्चा करते दिख रहे हैं.

तस्वीरें कुछ तो इशारा कर रहीं हैं
राजस्थान में विधायक दल की बैठक के बहिष्कार की घटना का असर साफ तौर पर गहलोत और गांधी परिवार के रिश्तों पर (Tension between Gehlot and Gandhi family) पड़ता दिखाई दिया है. यही कारण था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिन्हें गांधी परिवार कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहता था वह कुर्सी भी उनके हाथ से गई ही, सोनिया गांधी से बंद कमरे में माफी मांग कर सार्वजनिक तौर पर मांगी गई माफी के बारे में भी उन्हें बताना पड़ा. इसके बाद 15 अक्टूबर तक ऐसी ही हालात बने रहे जैसे गहलोत के रिश्ते गांधी परिवार से खराब हो चुके हैं. यह भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि उन्हें कभी भी मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है, लेकिन 15 अक्टूबर को जब गहलोत भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने बेल्लारी पहुंचे और राहुल गांधी के साथ सभा से पहले मुलाकात की तो उसके बाद आई तस्वीरें गांधी सारे गिले शिकवे खत्म हुए दिखे.

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
सोनिया संग गहलोत

पढ़ें. गुजरात चुनाव के लिए गहलोत समेत दो दर्जन मंत्री लगाए, हिमाचल में पायलट पर्यवेक्षक अन्य किसी को जिम्मेदारी नहीं

बेल्लारी की सभा में गहलोत और राहुल गांधी साथ-साथ बैठकर सार्वजनिक मंच पर चर्चा करते दिख रहे थे. उससे भी दिखाई दे रहा था कि राहुल गांधी की नाराजगी को उन्होंने दूर कर लिया है. यही कारण था कि 17 अक्टूबर को गहलोत ने यह दावा किया कि उनके रिश्ते गांधी परिवार के साथ तर्क से परे हैं और वह जिंदगी भर बने रहेंगे. 26 अक्टूबर को गहलोत जिस तरह से खड़गे को पदभार ग्रहण करवाने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ उनके कक्ष में पहुंचे और जो चार नेता खड़गे के सामने बैठे थे उनमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे. इसी तरह से गहलोत और खड़गे की हाथ पकड़े हुए तस्वीरें सामने आईं है.

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
खड़गे संग गहलोत

खड़गे के पदभार ग्रहण में राहुल और प्रियंका ने बनाए रखी गहलोत से दूरी
25 सितंबर से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार का सबसे विश्वस्त नेता माना जाता था. यही कारण था कि चाहे राहुल गांधी को ईडी की ओर से पूछताछ पर बुलाए जाने का मामला हो या सोनिया गांधी को, दोनों घटनाओं के समय कांग्रेस पार्टी की ओर से जो आंदोलन हुए उसके केंद्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे. वहीं सारे निर्णय ले रहे थे, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ ग्रहण में यह स्थितियां कुछ बदली हुई नजर आई. ऐसा इसलिए क्योंकि गहलोत को खड़गे के (Gehlot with Kharge pictures) पदभार ग्रहण कार्यक्रम में मुख्य मंच पर जगह नहीं मिली. वह नीचे बैठे हुए दिखाई दिए.

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
राहुल संग गहलोत

पढ़ें. दिल्ली में बोले सीएम गहलोत- आखिर तक राहुल को मनाते रहे

हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी नीचे बैठे थे लेकिन बघेल और गहलोत भले ही मुख्यमंत्री हो लेकिन संगठन में काम करने के अनुभव के आधार पर गहलोत की वरिष्ठता बघेल से कहीं ज्यादा है. राहुल गांधी से भी दिल्ली में गहलोत की कोई चर्चा नहीं हुई. यहां तक कि राहुल गांधी तो मल्लिकार्जुन खरगे के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में उनके पड़ोस की कुर्सी पर बैठे थे लेकिन दोनों नेताओं के बीच में तो चर्चा हुई और ना ही नजरें मिली, यही हालात प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के बीच भी बने रहे जिनके बीच इस कार्यक्रम के दौरान कोई चर्चा नहीं हुई.

dsa
dsa

दिल्ली में आलाकमान को साधा, अब 4 दिन गुजरात में प्रचार करते दिखेंगे गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जो तस्वीरें कांग्रेस आलाकमान के साथ सामने आई हैं उससे यह लगता है कि गहलोत अपने और गांधी परिवार के बीच बनी दूरियों को पाटने का प्रयास कर रहे हैं. यही कारण है कि जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे गहलोत समर्थक काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. समर्थक उसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान की ओर से मिले अभय दान के तौर पर देख रहे हैं.

पढ़ें. सीएम गहलोत का गुजरात दौरा, बोले- इस बार इंटीग्रिटी चेक कर देंगे टिकट...भाजपा और आप पर भी साधा निशाना

गहलोत 25 सितंबर की घटना के लिए जिम्मेदार ठहराए गए मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर को भी अपने साथ मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में लेकर गए थे. इस दौरान गहलोत के साथ प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री लालचंद कटारिया भी थे. अब तस्वीरों के जरिए मैसेज देने के बाद गहलोत 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक गुजरात दौरे पर रहेंगे. गहलोत 28 अक्टूबर को 9:00 बजे बड़ोदरा जाएंगे जहां से वह दोपहर 1:30 बजे गुजरात के गरबाडा, फतेहपुर में पब्लिक मीटिंग कर बड़ोदरा पहुंचेंगे और वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. वडोदरा से वह सूरत चले जाएंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे.

अगले दिन 29 अक्टूबर को गहलोत सूरत से नवसारी पब्लिक मीटिंग में जाएंगे. 29 अक्टूबर को सूरत से गहलोत उदयपुर पहुंचेंगे जहां वह नाथद्वारा जाकर "विश्वास स्वरूपम" शिव प्रतिमा का अनावरण करेंगे. रात को गहलोत वापस अहमदाबाद पहुंच जाएंगे. 30 अक्टूबर को गहलोत बनासकांठा में पब्लिक मीटिंग करेंगे. वहां से गहलोत खेरब्रह्मा में पब्लिक मीटिंग करेंगे. उसके बाद भीलवाड़ा में पब्लिक मीटिंग करेंगे. 30 अक्टूबर को गहलोत सिरोही के माउंट आबू पहुंचेंगे और रात्रि विश्राम भी माउंट आबू में ही करेंगे. इसके बाद 31 अक्टूबर को क्लोज बनासकांठा गुजरात में भारत जोड़ो पदयात्रा में शामिल होंगे. 31 अक्टूबर को 1:30 बजे गहलोत वापस जयपुर लौट आएंगे.

जयपुर. बीते 25 सितंबर से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान का सबसे विश्वसनीय माना जाता था, लेकिन गहलोत कैंप के समर्थक नेताओं ने विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद अब हालात बदल गए हैं. राजस्थान में यह देखा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान और सीएम गहलोत के रिश्ते में आई अघोषित तल्खियों के बीच लगातार गहलोत अपने और गांधी परिवार के रिश्तों को वैसे ही बने रहने का दावा करते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि गहलोत के दावे कांग्रेस आलाकमान के साथ आ रही उनकी तस्वीरों (recent photos of CM Gehlot with Gandhi family) में दिखाई दे रहे हैं. उधर सचिन पायलट लगातार चुप्पी साधे हुए हैं और केवल 2023 के चुनाव कैसे जीतें इस पर चर्चा करते दिख रहे हैं.

तस्वीरें कुछ तो इशारा कर रहीं हैं
राजस्थान में विधायक दल की बैठक के बहिष्कार की घटना का असर साफ तौर पर गहलोत और गांधी परिवार के रिश्तों पर (Tension between Gehlot and Gandhi family) पड़ता दिखाई दिया है. यही कारण था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जिन्हें गांधी परिवार कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाहता था वह कुर्सी भी उनके हाथ से गई ही, सोनिया गांधी से बंद कमरे में माफी मांग कर सार्वजनिक तौर पर मांगी गई माफी के बारे में भी उन्हें बताना पड़ा. इसके बाद 15 अक्टूबर तक ऐसी ही हालात बने रहे जैसे गहलोत के रिश्ते गांधी परिवार से खराब हो चुके हैं. यह भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि उन्हें कभी भी मुख्यमंत्री पद से हटाया जा सकता है, लेकिन 15 अक्टूबर को जब गहलोत भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने बेल्लारी पहुंचे और राहुल गांधी के साथ सभा से पहले मुलाकात की तो उसके बाद आई तस्वीरें गांधी सारे गिले शिकवे खत्म हुए दिखे.

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
सोनिया संग गहलोत

पढ़ें. गुजरात चुनाव के लिए गहलोत समेत दो दर्जन मंत्री लगाए, हिमाचल में पायलट पर्यवेक्षक अन्य किसी को जिम्मेदारी नहीं

बेल्लारी की सभा में गहलोत और राहुल गांधी साथ-साथ बैठकर सार्वजनिक मंच पर चर्चा करते दिख रहे थे. उससे भी दिखाई दे रहा था कि राहुल गांधी की नाराजगी को उन्होंने दूर कर लिया है. यही कारण था कि 17 अक्टूबर को गहलोत ने यह दावा किया कि उनके रिश्ते गांधी परिवार के साथ तर्क से परे हैं और वह जिंदगी भर बने रहेंगे. 26 अक्टूबर को गहलोत जिस तरह से खड़गे को पदभार ग्रहण करवाने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ उनके कक्ष में पहुंचे और जो चार नेता खड़गे के सामने बैठे थे उनमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे. इसी तरह से गहलोत और खड़गे की हाथ पकड़े हुए तस्वीरें सामने आईं है.

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
खड़गे संग गहलोत

खड़गे के पदभार ग्रहण में राहुल और प्रियंका ने बनाए रखी गहलोत से दूरी
25 सितंबर से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को गांधी परिवार का सबसे विश्वस्त नेता माना जाता था. यही कारण था कि चाहे राहुल गांधी को ईडी की ओर से पूछताछ पर बुलाए जाने का मामला हो या सोनिया गांधी को, दोनों घटनाओं के समय कांग्रेस पार्टी की ओर से जो आंदोलन हुए उसके केंद्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे. वहीं सारे निर्णय ले रहे थे, लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ ग्रहण में यह स्थितियां कुछ बदली हुई नजर आई. ऐसा इसलिए क्योंकि गहलोत को खड़गे के (Gehlot with Kharge pictures) पदभार ग्रहण कार्यक्रम में मुख्य मंच पर जगह नहीं मिली. वह नीचे बैठे हुए दिखाई दिए.

recent photos of CM Gehlot with Gandhi family
राहुल संग गहलोत

पढ़ें. दिल्ली में बोले सीएम गहलोत- आखिर तक राहुल को मनाते रहे

हालांकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी नीचे बैठे थे लेकिन बघेल और गहलोत भले ही मुख्यमंत्री हो लेकिन संगठन में काम करने के अनुभव के आधार पर गहलोत की वरिष्ठता बघेल से कहीं ज्यादा है. राहुल गांधी से भी दिल्ली में गहलोत की कोई चर्चा नहीं हुई. यहां तक कि राहुल गांधी तो मल्लिकार्जुन खरगे के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में उनके पड़ोस की कुर्सी पर बैठे थे लेकिन दोनों नेताओं के बीच में तो चर्चा हुई और ना ही नजरें मिली, यही हालात प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के बीच भी बने रहे जिनके बीच इस कार्यक्रम के दौरान कोई चर्चा नहीं हुई.

dsa
dsa

दिल्ली में आलाकमान को साधा, अब 4 दिन गुजरात में प्रचार करते दिखेंगे गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जो तस्वीरें कांग्रेस आलाकमान के साथ सामने आई हैं उससे यह लगता है कि गहलोत अपने और गांधी परिवार के बीच बनी दूरियों को पाटने का प्रयास कर रहे हैं. यही कारण है कि जो तस्वीरें सामने आई हैं उससे गहलोत समर्थक काफी उत्साहित दिखाई दे रहे हैं. समर्थक उसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस आलाकमान की ओर से मिले अभय दान के तौर पर देख रहे हैं.

पढ़ें. सीएम गहलोत का गुजरात दौरा, बोले- इस बार इंटीग्रिटी चेक कर देंगे टिकट...भाजपा और आप पर भी साधा निशाना

गहलोत 25 सितंबर की घटना के लिए जिम्मेदार ठहराए गए मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौर को भी अपने साथ मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में लेकर गए थे. इस दौरान गहलोत के साथ प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री लालचंद कटारिया भी थे. अब तस्वीरों के जरिए मैसेज देने के बाद गहलोत 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक गुजरात दौरे पर रहेंगे. गहलोत 28 अक्टूबर को 9:00 बजे बड़ोदरा जाएंगे जहां से वह दोपहर 1:30 बजे गुजरात के गरबाडा, फतेहपुर में पब्लिक मीटिंग कर बड़ोदरा पहुंचेंगे और वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. वडोदरा से वह सूरत चले जाएंगे और वहीं रात्रि विश्राम भी करेंगे.

अगले दिन 29 अक्टूबर को गहलोत सूरत से नवसारी पब्लिक मीटिंग में जाएंगे. 29 अक्टूबर को सूरत से गहलोत उदयपुर पहुंचेंगे जहां वह नाथद्वारा जाकर "विश्वास स्वरूपम" शिव प्रतिमा का अनावरण करेंगे. रात को गहलोत वापस अहमदाबाद पहुंच जाएंगे. 30 अक्टूबर को गहलोत बनासकांठा में पब्लिक मीटिंग करेंगे. वहां से गहलोत खेरब्रह्मा में पब्लिक मीटिंग करेंगे. उसके बाद भीलवाड़ा में पब्लिक मीटिंग करेंगे. 30 अक्टूबर को गहलोत सिरोही के माउंट आबू पहुंचेंगे और रात्रि विश्राम भी माउंट आबू में ही करेंगे. इसके बाद 31 अक्टूबर को क्लोज बनासकांठा गुजरात में भारत जोड़ो पदयात्रा में शामिल होंगे. 31 अक्टूबर को 1:30 बजे गहलोत वापस जयपुर लौट आएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.