जयपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से बुधवार को नव वर्ष प्रतिपदा के अवसर पर परकोटा क्षेत्र के पौन्ड्रिक नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान संघ प्रचारक पवन ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए भारतीय और अंग्रेजी कालगणना में अंतर और वैज्ञानिक महत्व को स्पष्ट किया. इस दौरान उन्होंने वर्ष प्रतिपदा के दिन आने वाले महत्वपूर्ण दिवस को भी विस्तार से समझाया.
उन्होंने इस दिन शुरू होने वाली शक्ति उपासना का जिक्र करते हुए कहा कि संपूर्ण हिंदू समाज अपने घर में कुत्ता भगाने के लिए लाठी नहीं रख पा रहा है, ये कैसी शक्ति की आराधना कर रहे हैं? हमारा हर एक देवता हथियार लेकर आया, लेकिन आज हमारे घरों से हथियार गायब हो गए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने पूरे विश्व में शासन करने का दम भरा. उन्होंने शक्ति दिखाई और विज्ञान की गिनती के अनुसार भी जो गलत है, उसे कैलेंडर बनाया. आज पूरा विश्व इसी का पालन कर रहा है. इसी के अनुसार रात को शराब पीकर नववर्ष मनाने की परंपरा शुरू हुई.
आज घरों से हथियार गायब : उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के कालगणना में सूर्य, चंद्रमा का कोई योगदान नहीं. वहीं, हमारी कालगणना सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के घूमने की गति पर आधारित है. ये पूर्ण रूप से वैज्ञानिक है. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन शक्ति की उपासना की जाती है. जिसके पास शक्ति और समर्थ है, उसकी क्षमा भी शोभायमान होती है. उन्होंने कहा कि हम शक्ति की आराधना करेंगे, नवरात्र करेंगे, पूजा करेंगे, लेकिन घरों में हथियार नहीं रखेंगे. ऐसी शक्ति की आराधना नहीं चाहिए. इस संकल्प को जगाने के लिए नववर्ष के दिन से शक्ति पूजा 9 दिन अखंड शक्ति पूजा चलती है. उन्होंने कहा कि आज के दिन महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना की थी. सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियों का विरोध किया था. साथ ही वेदों का पुनर्पठन, वेदों का अर्थ बताना, ये सबसे बड़ा योगदान दयानंद सरस्वती का था.
उन्होंने कहा कि आज के दिन प्रभु श्रीराम का राज्याभिषेक हुआ था. आज के दिन ही संघ की स्थापना करने वाले डॉ केशव बलीराम हेडगेवार का भी जन्म दिवस है. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी रचना संघ, भगवा, ध्वज और भारत माता से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानता. ये संघ की मूल कार्य रचना है. जब डॉक्टर साहब को प्रणाम करते हैं तो मन में ये नहीं आना चाहिए कि हमने देह को प्रणाम किया, क्योंकि वो देह नहीं ध्येय थे.