जयपुर. श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की ओर से रविवार को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में केसरिया महापंचायत आयोजित हुआ. केसरिया साफा पहनकर लोगों ने महापंचायत में शिरकत की. कार्यक्रम से भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख राजनेताओं ने दूरी बनाई. वहीं, कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी और राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा भी ज्यादा देर नहीं रुके. केसरिया महापंचायत में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में बढ़ोतरी, साधु-संतों के लिए सुरक्षा कानून समेत कई मुद्दे उठे.
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह राजनीतिक मंच नहीं है, न ही राजनीतिक पार्टियों का कार्यक्रम है. इसमें सवर्ण समाज को लेकर मुद्दे उठाए जा रहे हैं. गोगामेड़ी ने कहा कि हमारी प्रमुख मांग है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया जाए. इसके अलावा सवर्ण जाति के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए केंद्रीय भर्तियों में प्लॉट और जमीन की शर्त को हटाया जाए.
साधु संतों की सुरक्षा के लिए बने कानून : गोगामेड़ी ने कहा कि जिस तरह के वकीलों की सुरक्षा के लिए कानून लाया गया, उसी तरह से साधु संतों की सुरक्षा के लिए भी सरकार कानून बनाए. साथ ही क्षत्रिय कल्याण बोर्ड का भी गठन किया जाए. सरकार के मंत्रियों और विधायकों के केसरिया महापंचायत से गैर हाजिर रहने के सवाल पर गोगामेड़ी ने कहा कि हमारा काम सरकार तक मांग पहुंचाना है. हम चाहते हैं कि एक देश एक कानून बने. उन्होंने कहा कि पहले 565 वीआईपी होते थे और आज उनकी संख्या बढ़कर 6 लाख हो गई है. इनका खर्च मिडिल क्लास के लोगों से मिलने वाले टैक्स से उठाया जा रहा है.
सरकार पर निशाना साधते हुए गोगामेड़ी ने कहा कि सरकारें तो रेवड़ियां बांटने का काम करती हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग मान लेगी तो हम उसके जिंदाबाद के नारे लगाएंगे. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आज तो विद्याधर नगर स्टेडियम केसरियामय हुआ है, यदि सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो सीएम आवास को केसरिया मय कर दिया जाएगा.
उठी हिंदू राष्ट्र की मांग : केसरिया महापंचायत में बड़ी संख्या में साधु संतों ने भी शिरकत की. उन्होंने देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग उठाई. संत समाज की अध्यक्षता करते हुए त्रिवेणी धाम के संत रिछपालदास ने कहा कि संत समाज दुनिया की रक्षा करता है. उन्होंने सनातन बोर्ड के गठन की मांग भी उठाई. रिछपालदास ने कहा कि देश में जितने महान लोग हुए हैं उनके सर पर संत लोगों का हाथ रहा है. संतों का साथ होगा तो देश में रामराज होगा और देश हिंदू राष्ट्र बनेगा.
भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने बनाई दूरी : केसरिया महापंचायत से भाजपा और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने दूरी बनाई. गोगामेड़ी की ओर से दावा किया गया था कि सांसदों, विधायकों और मंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा गया है और वह भी इस महापंचायत में शामिल होंगे. महापंचायत में भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी और सरकार के राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ही पहुंचे. भाजपा विधायक नरपत सिंह राजवी महापंचायत में 10 मिनट रुके इसके बाद वे रवाना हो गए. राजेंद्र सिंह गुढ़ा तो मंच पर भी नहीं आए, वे नीचे से ही बाहर निकल गए. इसकी चर्चा केसरिया महापंचायत रही.
मास्टर चाबी है राजनीति : राजपूत नेता भंवर सिंह पलाड़ा ने कहा कि राजपूत हमेशा ईमानदारी से काम करता है और दूसरे लोगों के साथ न्याय करता है. वह कभी भेदभाव नहीं करता. उन्होंने कहा कि आज देश में परिवर्तन की आवश्यकता है. प्रदेश में राजपूतों की संख्या कम नहीं है. उन्होंने कहा कि सौ ताले की एक मास्टर चाबी होती है और वह चाबी है राजनीति. हमें आने वाले चुनाव में अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व मिले, इसका प्रयास करना चाहिए. राजपूत समाज से विधानसभा में कम से कम 50 विधायक जाने चाहिए और वह विधायक ऐसे होने चाहिए जो समाज के मुद्दे विधानसभा में उठाएं. कमजोर लोगों की विधानसभा में कोई जरूरत नहीं है.
हेलीकॉप्टर से की पुष्प वर्षा : विद्याधार नगर स्टेडियम में हुई केसरिया महापंचायत में शामिल लोगों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई. हेलीकॉप्टर ने दो-तीन चक्कर लगाकर लोगों पर फूल बरसाए. फूल बरसाते हेलीकॉप्टर को देखने के लिए लोग भी उत्सुक नजर आए. कार्यक्रम स्थल पर 3 मंच बनाए गए. पहले मंच पर साधु संत बैठे. दूसरे मंच पर केसरिया महापंचायत को समर्थन देने वाले संगठनों के प्रतिनिधि व तीसरे मंच में सवर्ण समाज के संगठनों के प्रतिनिधि बैठे.
केसरिया महापंचायत में उठे ये मुद्दे : क्षत्रिय कल्याण बोर्ड का गठन समाज के किसी भी महापुरुष के नाम से किया जाए. समाज के इतिहास व महापुरुषों की पहचान को तोड़-मरोड़ अथवा अन्य किसी समाज का बता कर पेश करने वालों के विरुद्ध संवैधानिक कार्रवाई का अधिकार मिले. संतों की सुरक्षा के लिए संत सुरक्षा बिल पास किया जाए. ईडब्ल्यूएस आरक्षण 10% से 14% किया जाए.
ईडब्ल्यूएस आरक्षण : केंद्र सरकार की ओर से ईडब्ल्यूएस से सम्बंधित जमीन, मकान, प्लॉट की शर्त हटाई जाए. चुनावों में ईडब्ल्यूएस के तहत अन्य आरक्षित वर्गों की तरह कोटा दिया जाए. ईडब्ल्यूएस का सरलीकरण किया जाए, जिसमें आयु की छूट, उत्तीर्णांक के साथ शैक्षणिक योग्यता में अंकों कि छूट को शामिल किया जाए. ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों व छात्रों के लिए जिला स्तर पर निःशुल्क छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. ईडब्ल्यूएस बेरोजगार युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण तथा उनके लिए सरकारी गारंटी पर बिना ब्याज के व्यवासिक पूंजी उपलब्ध करवाई जाए. आनंदपाल सिंह फर्जी एनकाउंटर के समय सामाजिक नेताओं व युवाओं पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस लिए जाएं.