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Rajasthan Election 2023 : खाने की थाली लेकर राजेंद्र राठौड़ का पोता पहुंचा भाजपा मुख्यालय, सब रह गए हैरान - Rajendra Rathore grandson

राजस्थान में चुनावी सरगर्मियों के बीच प्रदेश भाजपा कार्यालय से एक रोचक तस्वीर सामने आई. गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का पोता हाथों में खाने की थाली लेकर पार्टी दफ्तर पहुंचा, जिसे वहां मौजूद लोग देखते रह गए.

Rajasthan Election 2023
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 13, 2023, 8:24 AM IST

Updated : Oct 13, 2023, 9:22 AM IST

खाने की थाली लेकर राजेंद्र राठौड़ का पोता पहुंचा पार्टी मुख्यालय

जयपुर. राजस्थान में अगले माह के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो गया, जिसके बाद से ही सियासी पार्टियों के नेता तैयारियों में जुट गए हैं. इसी बीच गुरुवार को राजस्थान भाजपा मुख्यालय से एक रोचक तस्वीर सामने आई. दरअसल, हालात यह है कि चुनावी रण में कूदे नेताओं को अब श्राद्ध कर्म के लिए भी समय नहीं मिल पा रहा है, जिसकी बानगी गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में देखने को मिली. यहां नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पार्टी कार्यालय की बैठकों में व्यस्त थे, तभी उनके घर से श्राद्ध के लिए बना भोग प्रदेश कार्यालय पहुंचा और इसे उनका पोता लेकर आया.

भोग लेकर पोता पहुंचा पार्टी मुख्यालय - प्रदेश कार्यालय पर चुनावी तैयारी को लेकर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. वहीं, पहली सूची जारी होने के बाद शुरू हुए बवाल को शांत करने के लिए नेताओं के मान मनौव्वल भी हो रहे हैं कि चुनावी मैदान में पार्टी को किसी प्रकार के नुकसान का सामना न करना पड़ा. साथ ही आगे की चुनावी रणनीति भी बनाई जा रही है. यही वजह है कि मैराथन बैठकें हो रही हैं. इन्हीं बैठकों में पार्टी के बड़े नेता भी व्यस्त हैं. इसी बीच श्राद्ध पक्ष भी चल रहा है, लेकिन समय के अभाव के कारण नेता अपने घर भी नहीं जा पा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें -BJP leaders protest in Rajasthan : पहली सूची से उठे बवाल के बाद भाजपा जुटी डैमेज कंट्रोल में, सीपी जोशी बोले- सभी पार्टी के साथ हैं

कुछ ऐसा ही नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के साथ ही देखने को मिला. राठौड़ की व्यवस्था को देखते हुए उनके पोते विश्वराज सिंह राठौड़ भोग लेकर सीधे पार्टी कार्यालय पहुंचे. वहीं, जैसे ही विश्वराज पार्टी कार्यालय पहुंचे तो बैठक से कुछ मिनट के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ बाहर निकले और भोग को हाथ में लेकर अपने पोते को वापस भेज दिया. इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजनीतिक जीवन में अपनी मर्यादाएं और मजबूरियां हैं. निश्चित तौर पर जब धार्मिक कार्यक्रम रहते हैं तो कई बार कंप्रोमाइज करना पड़ता है. राजनीतिक कार्यक्रम की व्यवस्था के चलते श्राद्ध पक्ष पर भी वो अपने घर नहीं पहुंच पाए. ऐसे में परिवारवालों ने पोते के हाथों भोग पार्टी कार्यालय भिजवा दिया.

खाने की थाली लेकर राजेंद्र राठौड़ का पोता पहुंचा पार्टी मुख्यालय

जयपुर. राजस्थान में अगले माह के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो गया, जिसके बाद से ही सियासी पार्टियों के नेता तैयारियों में जुट गए हैं. इसी बीच गुरुवार को राजस्थान भाजपा मुख्यालय से एक रोचक तस्वीर सामने आई. दरअसल, हालात यह है कि चुनावी रण में कूदे नेताओं को अब श्राद्ध कर्म के लिए भी समय नहीं मिल पा रहा है, जिसकी बानगी गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में देखने को मिली. यहां नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पार्टी कार्यालय की बैठकों में व्यस्त थे, तभी उनके घर से श्राद्ध के लिए बना भोग प्रदेश कार्यालय पहुंचा और इसे उनका पोता लेकर आया.

भोग लेकर पोता पहुंचा पार्टी मुख्यालय - प्रदेश कार्यालय पर चुनावी तैयारी को लेकर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. वहीं, पहली सूची जारी होने के बाद शुरू हुए बवाल को शांत करने के लिए नेताओं के मान मनौव्वल भी हो रहे हैं कि चुनावी मैदान में पार्टी को किसी प्रकार के नुकसान का सामना न करना पड़ा. साथ ही आगे की चुनावी रणनीति भी बनाई जा रही है. यही वजह है कि मैराथन बैठकें हो रही हैं. इन्हीं बैठकों में पार्टी के बड़े नेता भी व्यस्त हैं. इसी बीच श्राद्ध पक्ष भी चल रहा है, लेकिन समय के अभाव के कारण नेता अपने घर भी नहीं जा पा रहे हैं.

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कुछ ऐसा ही नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के साथ ही देखने को मिला. राठौड़ की व्यवस्था को देखते हुए उनके पोते विश्वराज सिंह राठौड़ भोग लेकर सीधे पार्टी कार्यालय पहुंचे. वहीं, जैसे ही विश्वराज पार्टी कार्यालय पहुंचे तो बैठक से कुछ मिनट के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ बाहर निकले और भोग को हाथ में लेकर अपने पोते को वापस भेज दिया. इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजनीतिक जीवन में अपनी मर्यादाएं और मजबूरियां हैं. निश्चित तौर पर जब धार्मिक कार्यक्रम रहते हैं तो कई बार कंप्रोमाइज करना पड़ता है. राजनीतिक कार्यक्रम की व्यवस्था के चलते श्राद्ध पक्ष पर भी वो अपने घर नहीं पहुंच पाए. ऐसे में परिवारवालों ने पोते के हाथों भोग पार्टी कार्यालय भिजवा दिया.

Last Updated : Oct 13, 2023, 9:22 AM IST
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