जयपुर. एक तरफ राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक गतिविधियों को तेजी देने के लिए मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और तीनों सह प्रभारी कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा कर रहे हैं. जिसमें कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने, टिकट को लेकर हुए सर्वे की रिपोर्ट, जिला अध्यक्षों की नियुक्तियां, 85 सचिवों की सूची के होल्ड किए जाने को लेकर केसी वेणुगोपाल का मार्गदर्शन दिया जा रहा है.
दिल्ली में संगठनात्मक मामलों को लेकर यह बैठक चल रही है तो दूसरी तरफ राजस्थान के नेताओं की हलचल भी दिल्ली में बढ़ गई है. जहां सचिन पायलट पहले से दिल्ली में मौजूद हैं, तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी और हरीश चौधरी भी दिल्ली में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं.
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प्रदेश अध्यक्ष के लिए इन नामों की चर्चा : राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब 5 महीने से कम का समय बचा है और कहा जा रहा है कि अब राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन यह भी साफ है कि सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी संगठन में कहीं ना कहीं एडजस्ट करेगी. ऐसे में उन्हें लेकर भी यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सचिन पायलट को फिर से राजस्थान कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है या फिर उन्हें चुनाव अभियान समिति का चेयरमैन बनाया जा सकता है. लेकिन अकेले सचिन पायलट का नाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नहीं चल रहा, बल्कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, पूर्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी और मंत्री रामलाल जाट के नाम भी राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में बने हुए हैं.
ऐसे में जिस तरह से सोमवार को रामेश्वर डूडी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच लंबी मुलाकात हुई और आज राहुल गांधी और हरीश चौधरी के बीच मुलाकात हुई है. इतना ही नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि हरीश चौधरी राहुल गांधी के साथ दस जनपथ से किसी कार्यक्रम में एक साथ निकले हैं. इन दोनों मुलाकातों से एक बात तो यह समझी जा सकती है कि कांग्रेस आलाकमान पायलट, गहलोत और डोटासरा के साथ ही राजस्थान के अन्य नेताओं से भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर फीडबैक ले रहा है. वहीं, दूसरी बात यह भी निकल कर आ रही है कि क्या पार्टी संगठन में इन दोनों नेताओं के साथ ही अन्य नेताओं को भी साधने में जुट गई है. एक ओर राजस्थान में संगठन और चुनाव की तैयारियों में हलचल तेज हो गई है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में एक बार फिर चौथी बार गहलोत सरकार के नारे लगे. जहां निंबाहेड़ा में मंत्री उदयलाल आंजना ने 'अबकी बार चौथी बार' गहलोत के बोलते हुए ही बीच मे मंच पर नारे लगाए तो बाद में उन्होंने कपासन में मंच पर चौथी बार गहलोत सरकार के नारे लगाए.