जयपुर. राजस्थान की राजनीति में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. सीएम गहलोत ने नागौर जिले के कुचामन सिटी में राजेंद्र राठौड़ को लेकर बयान दिया तो राठौड़ ने उनके आरोपों पर तीखा पलटवार किया है. राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट किया, ' मैंने तो भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर तत्कालीन वसुंधरा राजे की सरकार के समय पार्टी के एक कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता के नाते मुझे दी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था. मैं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों का पालन करने में विश्वास रखता हूं और आप कांग्रेस आलाकमान के भेजे गये दूतों को बेइज्जत कर बैंरग भेजने की राजनीति में विश्वास रखते हैं.'
सीएम गहलोत के आरोपों पर जवाब देते हुए राजेंद्र राठौड़ यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस आलाकमान के लिए सबसे बड़ी शर्म की बात है कि आपने 25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक ही नहीं होने दी और 92 विधायकों का इस्तीफा दिलवाकर आलाकमान के मुंह पर करारा तमाचा मारा था.
भैरोसिंह शेखावत रहे हैं गुरु : राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि भैरों सिंह शेखावत मेरे जैसे अनगिनत कार्यकर्ताओं के गुरु रहे हैं. मुझे गर्व है कि मैं उनका शिष्य रहा हूं. धोखा देने की राजनीति हमारे संगठन की परंपरा नहीं रही. धोखे की राजनीति तो कांग्रेस के डीएनए में हैं. जहां कुर्सी के चक्कर में आप अपने लोगों को भी धोखा देने में बख्श नहीं रहे हो. राठौड़ ने कहा कि इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि महंगाई राहत कैंपों के जरिये आप जनता को राहत देने की बजाय लगातार अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति में लगे हुए हैं.
सीएम ने राठौड़ और वसुंधरा को लेकर यह कहा : बता दें कि सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि वसुंधरा राजे और हमारे तो बातचीत के संबंध भी नहीं थे. आज जो नेता प्रतिपक्ष हैं, राजेंद्र राठौड़ उनके सलाहकार थे. ये लोग चाहते ही नहीं थे कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच में अच्छे संबंध रहे. सीएम गहलोत ने कहा था कि भैरो सिंह शेखावत के बाद वसुंधरा राजे प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं. उनके सीएम बनने के बाद मेलजोल का यह सिस्टम उनके सलाहकारों ने खत्म करवा दिया. राजेंद्र राठौड़ भैरों सिंह शेखावत के खास शिष्य थे, उनको भी इन्होंने धोखा दे दिया. ये वसुंधरा से चिपक गए. कभी उन्होंने बात भी नहीं करने दी. अशोक गहलोत ने कहा कि जब भैरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री नहीं रहे तो हमारे मंत्री गुलाब सिंह शक्तावत, प्रद्युम्न सिंह और परसराम मदेरणा आदि उनके यहां होली-दीपावाली में आते जाते रहते थे. लेकिन मैंने तो कभी एतराज नहीं किया.