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जयपुर-उदयपुर रेलवे स्टेशन सहित ट्रेन में अव्यवस्थाओं पर हाईकोर्ट ने लिया स्वप्रेरित प्रसंज्ञान

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर-उदयपुर रेलवे (suo moto cognizance of disturbances in train) स्टेशन समेत ट्रेन में अव्यवस्थाओं के मामले में स्व प्रेरित प्रसंज्ञान लिया है.

Rajasthan High Court,  High Court took suo moto
हाईकोर्ट ने लिया स्वप्रेरित प्रसंज्ञान.
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Published : Jun 13, 2023, 6:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर और उदयपुर रेलवे स्टेशन सहित उदयपुर जाने वाली ट्रेन में अव्यवस्थाओं को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने अजमेर और जयपुर डीआरएम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए. अदालत ने मामले की सुनवाई चार जुलाई को तय करते हुए उदयपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को कहा है कि वह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या रेलवे मजिस्ट्रेट से इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारी लें.

मामले के अनुसार जस्टिस सुदेश बंसल 12 जून को सुबह 6.15 की ट्रेन से उदयपुर गए थे. उन्होंने देखा कि जयपुर रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर अनियंत्रित निजी वाहनों के चलते यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. निजी वाहनों को स्टेशन बिल्डिंग के बिल्कुल नजदीक जाने की छूट होने और इन्हें नियंत्रित करने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. वहीं ट्रेन के अंदर बैठने की सीट, टॉयलेट और गेट आदि का भी उचित रखरखाव नहीं था.

पढ़ेंः उदयपुर रेलवे स्टेशन पर दिखेंगी मेवाड़ की झलकियां, हेरिटेज लुक में नजर आएगा, इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी देगा मात

उदयपुर पहुंचने पर जस्टिस सुदेश बंसल ने पाया कि वेटिंग हॉल बंद था और मैन्टीनेन्स रजिस्टर भी नहीं था. स्टेशन मास्टर का ऑफिस भी बंद था, इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सहायता के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी. दूसरी ओर वेटिंग हॉल बंद होने और यात्रियों के लिए अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में कोई जवाब देने वाला नहीं था. इसी तरह स्टेशन पर एरिया ऑफिसर व उच्चाधिकारियों के संपर्क नंबर नहीं थे. ऐसे में जस्टिस बंसल ने कहा इन सुविधाओं को लेना यात्रियों का कानूनी अधिकार है, लेकिन उन्हें यहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अदालत ने मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए रेलवे प्रशासन से जवाब तलब करते हुए उदयपुर डीजे से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर और उदयपुर रेलवे स्टेशन सहित उदयपुर जाने वाली ट्रेन में अव्यवस्थाओं को लेकर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने अजमेर और जयपुर डीआरएम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए. अदालत ने मामले की सुनवाई चार जुलाई को तय करते हुए उदयपुर के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को कहा है कि वह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या रेलवे मजिस्ट्रेट से इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारी लें.

मामले के अनुसार जस्टिस सुदेश बंसल 12 जून को सुबह 6.15 की ट्रेन से उदयपुर गए थे. उन्होंने देखा कि जयपुर रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर अनियंत्रित निजी वाहनों के चलते यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. निजी वाहनों को स्टेशन बिल्डिंग के बिल्कुल नजदीक जाने की छूट होने और इन्हें नियंत्रित करने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. वहीं ट्रेन के अंदर बैठने की सीट, टॉयलेट और गेट आदि का भी उचित रखरखाव नहीं था.

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उदयपुर पहुंचने पर जस्टिस सुदेश बंसल ने पाया कि वेटिंग हॉल बंद था और मैन्टीनेन्स रजिस्टर भी नहीं था. स्टेशन मास्टर का ऑफिस भी बंद था, इसके साथ ही रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के सहायता के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं थी. दूसरी ओर वेटिंग हॉल बंद होने और यात्रियों के लिए अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में कोई जवाब देने वाला नहीं था. इसी तरह स्टेशन पर एरिया ऑफिसर व उच्चाधिकारियों के संपर्क नंबर नहीं थे. ऐसे में जस्टिस बंसल ने कहा इन सुविधाओं को लेना यात्रियों का कानूनी अधिकार है, लेकिन उन्हें यहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अदालत ने मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए रेलवे प्रशासन से जवाब तलब करते हुए उदयपुर डीजे से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

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