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Rajasthan High Court: महिला न्यायिक अधिकारी व उसके पति से मारपीट मामले में केस डायरी तलब - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला न्यायिक अधिकारी व (case diary in case of assault on woman) उसके पति से मारपीट के मामले में केस डायरी तलब की है.

Rajasthan High Court,  Rajasthan High Court summons case diary
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Jun 6, 2023, 9:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रताप नगर के डी-मार्ट में गत 21 मई को महिला न्यायिक अधिकारी व उसके पति जितेन्द्र विजय सहित अन्य परिवारजनों के साथ मारपीट व लज्जा भंग के मामले में राज्य सरकार को 12 जून को केस डायरी पेश करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस वीके भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश लोकेश व अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

आरोपियों की ओर से कहा गया कि मामले में उन पर झूठा आरोप लगाया है और उन्होंने कोई मारपीट नहीं की है. परिवादिया ने ही उन्हें जेल भेजने की धमकी देते हुए कहा था कि वह न्यायिक अधिकारी है. वे कई दिनों से जेल में हैं और अनुसंधान में समय लगेगा, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले की केस डायरी पेश करने के लिए कहा. वहीं दूसरी ओर मामले की एक आरोपी ने अदालत में परिवाद पेश कर एफआईआर दर्ज कराने की गुहार की.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग रोकने में राज्य सरकार का रवैया सुस्त

इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रताप नगर पुलिस से रिपोर्ट मांगी. अदालत में पेश रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी महिला ने न तो पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज कराई और न ही पुलिस को कोई परिवाद दिया था. परिवादिया पर पद के दुरुपयोग का भी कोई तथ्य नहीं है और मामले में जांच जारी है. गौरतलब है कि महिला मजिस्ट्रेट के पति ने आरोपियों के खिलाफ 21 मई 2023 को प्रताप नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा कि वे अपनी पत्नी व सास-ससुर के साथ प्रताप नगर के डी-मार्ट में गए थे. वहां लिफ्ट में जाने की बात पर आरोपियों ने उनसे व पत्नी सहित अन्य परिजनों से मारपीट की और उसकी पत्नी की लज्जा भंग की.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रताप नगर के डी-मार्ट में गत 21 मई को महिला न्यायिक अधिकारी व उसके पति जितेन्द्र विजय सहित अन्य परिवारजनों के साथ मारपीट व लज्जा भंग के मामले में राज्य सरकार को 12 जून को केस डायरी पेश करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस वीके भारवानी की एकलपीठ ने यह आदेश लोकेश व अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

आरोपियों की ओर से कहा गया कि मामले में उन पर झूठा आरोप लगाया है और उन्होंने कोई मारपीट नहीं की है. परिवादिया ने ही उन्हें जेल भेजने की धमकी देते हुए कहा था कि वह न्यायिक अधिकारी है. वे कई दिनों से जेल में हैं और अनुसंधान में समय लगेगा, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को मामले की केस डायरी पेश करने के लिए कहा. वहीं दूसरी ओर मामले की एक आरोपी ने अदालत में परिवाद पेश कर एफआईआर दर्ज कराने की गुहार की.

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इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रताप नगर पुलिस से रिपोर्ट मांगी. अदालत में पेश रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी महिला ने न तो पुलिस में कोई रिपोर्ट दर्ज कराई और न ही पुलिस को कोई परिवाद दिया था. परिवादिया पर पद के दुरुपयोग का भी कोई तथ्य नहीं है और मामले में जांच जारी है. गौरतलब है कि महिला मजिस्ट्रेट के पति ने आरोपियों के खिलाफ 21 मई 2023 को प्रताप नगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा कि वे अपनी पत्नी व सास-ससुर के साथ प्रताप नगर के डी-मार्ट में गए थे. वहां लिफ्ट में जाने की बात पर आरोपियों ने उनसे व पत्नी सहित अन्य परिजनों से मारपीट की और उसकी पत्नी की लज्जा भंग की.

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