जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को 18 अक्टूबर को अदालत में रिकॉर्ड सहित हाजिर होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि जिन स्कूलों में विशेष विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, उन स्कूलों में विशेष शिक्षक नियुक्त करने के क्या प्रावधान हैं?. सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश विशेष योग्यजन कल्याण और पुनर्वास समिति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक अदालत में हाजिर हुए. वहीं अतिरिक्त महाधिवक्ता सीएल सैनी ने बताया कि प्रमुख शिक्षा सचिव के बीमार होने के चलते वे अदालत में पेश नहीं हुए हैं. ऐसे में उन्हें उपस्थिति से छूट दी जाए. इस पर अदालत ने दोनों अधिकारियों को 18 अक्टूबर को रिकॉर्ड सहित हाजिर होने को कहा है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार शर्मा ने अदालत को बताया कि केन्द्र सरकार के प्रावधानों के तहत विशेष योग्यजन विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए स्कूल में विशेष शिक्षक नियुक्त होना चाहिए.
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राज्य सरकार ने विशेष योग्यजन विद्यार्थियों के लिए अलग से स्कूल स्थापित किए हैं, लेकिन वह काफी कम हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर प्रावधान कर रखा है कि सामान्य स्कूल में कम से कम पांच विशेष योग्यजन विद्यार्थी होने पर ही वहां विशेष शिक्षक नियुक्त किया जा सकता है. ऐसे में यदि किसी स्कूल में पांच से कम योग्यजन विद्यार्थी हैं तो उनका अध्यापन कैसे कराया जाएगा?. इस पर अदालत ने दोनों अधिकारियों को रिकॉर्ड सहित पेश होकर इस संबंध में जानकारी देने को कहा है.