जयपुर. राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आज कांग्रेस सरकार की ओर से गुरुवार को आयोजित हुए विजन 2030 डॉक्यूमेंट जारी करने के कार्यक्रम में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को बुलाए जाने पर सवाल खड़े किए. लेकिन कुछ ही देर बाद यह साफ हो गया कि राजेंद्र राठौड़ जिस प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की बात कर रहे थे दरअसल वह PFI (पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया) निकला.
जैसे ही राजेंद्र राठौड़ की ओर से यह ट्वीट किया गया, उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा योजना शासन सचिवालय का एक पत्र सामने आया, जिसमें साफ तौर पर बताया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से कार्यक्रम में 150 हित धारकों को आमंत्रित किया गया था. शिक्षा विभाग ने अन्य वर्गों के साथ-साथ राजस्थान एजुकेशन इनिशिएटिव में एमओयू पार्टनर को भी आमंत्रित किया. पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PFI) भी 23 अगस्त 2022 से शिक्षा विभाग के साथ पूरे राजस्थान में स्वास्थ्य तथा स्कूल हेल्थ प्रोग्राम में शामिल था. जिसका एमओयू 2024 तक है, संस्था की तरफ से कैलाश सोनगरा को आमंत्रित किया गया था. हालांकि वह इस कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके.
इस सूचना के बाहर आने के बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. इधर कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के ट्वीट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भाजपा के नेता सरकार को बदनाम करने के लिए यह कैसी राजनीति कर रहे हैं? अगर बीजेपी ऐसी ही हरकतें करती रही तो उसे राजनीतिक लड़ाई के साथ ही कानूनी लड़ाई के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
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