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कृषि को लेकर केंद्र सरकार के तीनों अध्यादेशों के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस करेगी आंदोलन

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शनिवार को राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर केंद्र सरकार के किसानों को लेकर आए तीनों बिलो को बड़ा मजाक बताया है.

Congress will agitate against farmers bill, rajasthan congress protest
किसान बिलों के खिलाफ आंदोलन
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Published : Sep 19, 2020, 9:25 PM IST

जयपुर. किसानों को लेकर केंद्र सरकार के तीनों बिलों के विरोध में अब राजस्थान कांग्रेस ने आंदोलन करने की घोषणा कर दी है. शनिवार को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ईमेल के जरिए ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन में कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन और सुविधा अध्यादेश), मूल आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश ,आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश को देश के किसानों के साथ बड़ा मजाक बताया है.

शनिवार को राज्यपाल को ज्ञापन भेजने के बाद सोमवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ता व किसान हुंकार भरेंगे .प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने निवर्तमान अध्यक्ष ,ब्लॉक अध्यक्ष सहित अन्य पार्टी पदाधिकारियों को जिलों में केंद्र सरकार के कार्यालयों के सामने तीनों किसान विरोधी कानूनों की होली जलाने के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि सोमवार को खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी जयपुर में केंद्र सरकार के किसी कार्यालय के सामने जयपुर कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होंगे. डोटासरा ने बयान जारी कर कहा कि एक तरफ मोदी सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात कर रही है और दूसरी तरफ इस तरह के कानून लाए जा रहे हैं.

पढ़ें- प्रदेश भाजपा ने किसान और कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत सरकार पर साधा निशाना

कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश देश के किसानों को उनकी उपज को देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने का अधिकार देगा लेकिन मंडी व्यवस्था और विपणन समिति समाप्त हो जाएगी. डोटासरा ने कहा कि मूल आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश के नाम पर भी किसानों को मोदी सरकार ठगने की कोशिश में जुटी है.

इस कानून से बड़ी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करेगी और देश का किसान केवल मजदूर बनकर रह जाएगा. तो वही आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश में केंद्र सरकार अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू ,प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटा कर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से मुक्त करने का दावा कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि इस कानून से स्टॉक लिमिट खत्म होने से देश में कालाबाजारी बढ़ेगी और महंगाई आसमान छूने लगेगी.

डोटासरा ने केंद्र सरकार के तीनों देशों में तमाम खामियां गिनाते हुए कहा की इन तीनों अध्यादेशों से मंडी ,मजदूर और किसान खत्म हो जाएंगे.उभोने कहा कि वैसे भी कृषि राज्यों का विषय है लेकिन केंद्र सरकार बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह का कानून लेकर आई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इस बिलों को किसी भी सूरत में लागू नहीं करने दिया जाएगा.

जयपुर. किसानों को लेकर केंद्र सरकार के तीनों बिलों के विरोध में अब राजस्थान कांग्रेस ने आंदोलन करने की घोषणा कर दी है. शनिवार को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ईमेल के जरिए ज्ञापन भेजा. इस ज्ञापन में कृषि उपज, वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन और सुविधा अध्यादेश), मूल आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश ,आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश को देश के किसानों के साथ बड़ा मजाक बताया है.

शनिवार को राज्यपाल को ज्ञापन भेजने के बाद सोमवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ता व किसान हुंकार भरेंगे .प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने निवर्तमान अध्यक्ष ,ब्लॉक अध्यक्ष सहित अन्य पार्टी पदाधिकारियों को जिलों में केंद्र सरकार के कार्यालयों के सामने तीनों किसान विरोधी कानूनों की होली जलाने के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि सोमवार को खुद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी जयपुर में केंद्र सरकार के किसी कार्यालय के सामने जयपुर कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होंगे. डोटासरा ने बयान जारी कर कहा कि एक तरफ मोदी सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात कर रही है और दूसरी तरफ इस तरह के कानून लाए जा रहे हैं.

पढ़ें- प्रदेश भाजपा ने किसान और कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत सरकार पर साधा निशाना

कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश देश के किसानों को उनकी उपज को देश में किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेचने का अधिकार देगा लेकिन मंडी व्यवस्था और विपणन समिति समाप्त हो जाएगी. डोटासरा ने कहा कि मूल आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश के नाम पर भी किसानों को मोदी सरकार ठगने की कोशिश में जुटी है.

इस कानून से बड़ी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करेगी और देश का किसान केवल मजदूर बनकर रह जाएगा. तो वही आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश में केंद्र सरकार अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू ,प्याज को अनिवार्य वस्तुओं की सूची से हटा कर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से मुक्त करने का दावा कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि इस कानून से स्टॉक लिमिट खत्म होने से देश में कालाबाजारी बढ़ेगी और महंगाई आसमान छूने लगेगी.

डोटासरा ने केंद्र सरकार के तीनों देशों में तमाम खामियां गिनाते हुए कहा की इन तीनों अध्यादेशों से मंडी ,मजदूर और किसान खत्म हो जाएंगे.उभोने कहा कि वैसे भी कृषि राज्यों का विषय है लेकिन केंद्र सरकार बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह का कानून लेकर आई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इस बिलों को किसी भी सूरत में लागू नहीं करने दिया जाएगा.

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