जयपुर. राजस्थान कांग्रेस प्रभारी रंधावा ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात का काम प्रभारी का नहीं होता है. हैरानी तब हुई जब बयान देने के कुछ देर बाद वो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना हो गए. कयास लगाया जा रहा है कि प्रभारी मुख्यमंत्री से चर्चा कर जिला अध्यक्ष, बचे हुए ब्लॉक अध्यक्ष और कांग्रेस के 24 से 26 फरवरी को होने वाले अधिवेशन में शामिल होने वाले एआईसीसी सदस्यों के नामों को फाइनल करने की चर्चा करेंगे.
प्रभारी रंधावा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संगठन का कामकाज है इसलिए दिल्ली जा रहे हैं. तमाम डेलिगेट्स, ब्लॉक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष नहीं बनाए है उन पर चर्चा की जाएगी. उनसे ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा ऑफ कांग्रेस पर भी सवाल किया गया. जिक्र राजस्थान में 25 सितंबर 2022 को हुए घटनाक्रम का हुआ. जिस पर रंधावा ने कहा फ़िलहाल उस पर कोई फैसला नही हुआ ये केवल मीडिया की कयासबाजी है.
अडानी पर बात!- हिंडनबर्ग रिपोर्ट को आधार बना पूरे देश में कांग्रेस अडानी ग्रुप को घेर रही है. बिजनेस टाइकून और मोदी सरकार से संबंधों को लेकर सवाल खड़े कर रही है. संसद में राहुल गांधी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने ग्रुप के शेयर्स में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों की ओर से किए गए निवेश पर सवाल खड़े किए. इस पर भाजपा अपने स्टैंड को क्लिन बताने की कोशिश कर रही है. निशाने पर राजस्थान सरकार की डील है. पूछा जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सवाल क्यों नहीं कर रही ?जिन्होंने हाल ही में 60,000 करोड के एमओयू अडानी ग्रुप संग किया है.
भले ही रंधावा कह नहीं रहे लेकिन सूत्रों की मानें तो वो अडानी के साथ हुए एमओयू को लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा संभवतः हुई होगी. बताया ये भी जा रहा है कि एमओयू पर राज्य सरकार के रुख से आलाकमान को अवगत करवाएंगे.