जयपुर. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे बीजेपी अब आक्रामक रुख अपनाती जा रही है. मौजूदा गहलोत सरकार को अलग-अलग मुद्दों पर सदन से सड़क तक घेरने की रणनीति चल रही है. इस बीच बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी सरकार के खिलाफ राजनीतिक प्रस्ताव पास हुआ. राजनीतिक प्रस्ताव में प्रदेश की गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया. बैठक के जरिये सभी नेता और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए कि वह विधानसभा क्षेत्र वार सरकार की नाकामियों को आम जनता तक पहुंचाएं और गहलोत सरकार को उखाड़ फेंके.
सरकार के खिलाफ राजनीतिक प्रस्ताव: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने प्रेस वार्ता में बताया कि प्रदेश में जंगलराज है. कानून व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है. जहां केंद्र सरकार भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए काम कर रही है, वहीं गहलोत सरकार राजस्थान को पीछे धकेलने का काम कर रही है. युवाओं के साथ धोखा किया जा रहा है, बार-बार पेपर लीक होने से युवा परेशान हैं. चौधरी ने कहा कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में तय किया गया है कि जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया जाएगा और सड़कों पर उतरा जाएगा. प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनाने के लिए कमजोर अस्थिर गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया है.
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पेपर लीक प्रकरण में सरकार के मंत्री: पेपर लीक प्रकरण को लेकर कैलाश चौधरी ने सरकार पर जमकर हमला बोला. चौधरी ने कहा कि पिछले 4 साल में 16 पेपर लीक हुए हैं. सरकार के मंत्री विधायक और आला अधिकारी इस पेपर लीक प्रकरण में लिप्त हैं. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए. वहीं चौधरी ने कहा कांग्रेस सरकार लाखों गायों को मारने की गुनहगार है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर मुद्दे को केंद्र सरकार पर थोपने की कोशिश करते हैं. लम्पी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के नाम पर यह सरकार 4 महीने तक बैठी रही और टीकाकरण का काम नहीं किया. जिसके चलते लाखों गाय मारी गईं.
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राजस्थान में असहाय मुख्यमंत्री: विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में जो मूल बात ये कही गई है कि राजस्थान में असहाय मुख्यमंत्री राज कर रहा है. प्रशासन ठप है. 1 लाख से अधिक शिक्षकों के पद खाली हैं. 90 प्रतिशत कॉलेज में स्थाई फेकल्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार तुष्टिकरण की नीति अपना रही है. सरकार की आंख के नीचे धर्मांतरण की बातें सामने आ रही हैं. विशेष समुदाय के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. देवनानी ने मांग की है कि सरकार ने अब तक जो घोषणाएं की हैं, उसका श्वेत पत्र जारी किया जाए. ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.
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नवंबर से पहले कभी भी हो सकते हैं चुनाव: देवनानी ने कहा कि राजनीति संभावना का खेल है. जिस तरह का माहौल कांग्रेस में चल रहा है, ये बड़ी बात नहीं है कि राजस्थान में नवंबर से पहले कभी भी विधानसभा चुनाव हो जाएं. देवनानी ने कहा कि राजस्थान कांग्रेस में चल रही आपसी गुटबाजी और बयानबाजी चरम पर है. अब प्रदेश की जनता भी इससे ऊब चुकी है. देवनानी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने तुष्टिकरण की सारी हदें पार की हैं. हिंदू त्योहारों पर बिजली काटी गई और रमजान और मुहर्रम पर बिजली नहीं काटने का आदेश जारी किया गया. कांग्रेस सरकार जनता को भ्रमित करने के लिए सिर्फ लोक लुभावनी घोषणा करती है. इस बजट में यही करने की तैयारी है.