जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी सरकार रिपीट करने के लिए हर प्रयास कर रही है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उन मुद्दों का भी निर्धारण कर लिया है, जिन्हें आधार बनाकर पार्टी भाजपा का मुकाबला करेगी. अपनी सरकार के कामकाज और बेहतरीन योजनाओं के प्रचार के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने जो तीन मुद्दे प्रमुखता से उठाने का फैसला किया है, उनमें जातिगत जनगणना, ओबीसी का पूरा अधिकार और ईआरसीपी को लेकर जनता के बीच जाएगी. इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने प्लानिंग भी शुरू कर दी है.
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर कांग्रेस पार्टी शुरू से आक्रामक रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पिछले चुनाव के समय किए गए राष्ट्रीय परियोजना बनाने के वादे को आधार बनाकर लगातार वादा खिलाफी के आरोप लगा रही है. इतना ही नहीं इस मुद्दे को उठाते हुए गहलोत सरकार ने पहले 9000 करोड़ बजट के रखे और फिर इस बजट को 13000 करोड़ तक ले गई. अब कांग्रेस पार्टी ईस्ट राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर यात्रा की तैयारी में है. माना जा रहा है कि यह यात्रा 10 अक्टूबर के बाद कभी भी निकाल सकती है.
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जातिगत जनगणना और ओबीसी के अधिकार: कांग्रेस पार्टी ने जातिगत जनगणना की बात न केवल शुरू कर दी है, बल्कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए राजस्थान में बिहार की तर्ज पर जातिगत जनगणना करने का ऐलान कर दिया है. संभवत आचार संहिता लगने से पहले गहलोत सरकार इसे लेकर आदेश भी जारी कर देगी. इस तरह सरकार यह मैसेज देना चाहती है कि वह ओबीसी की जातियों को उनका पूरा अधिकार देना चाहती है. वैसे भी राहुल गांधी ओबीसी के अधिकार को लेकर लगातार बात उठा रहे हैं, ऐसे में जातिगत आधार पर जनगणना के साथ ही ओबीसी को उसका अधिकार दिलाने की बात भी इन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रमुख मुद्दा बनने जा रही है.