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मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर को करौली दंगा मामले में अग्रिम जमानत

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Published : Dec 16, 2022, 7:46 PM IST

ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर के प​ति और सभापति राजाराम गुर्जर को करौली दंगा मामले में अग्रिम जमानत मिल गई (Rajaram Gurjar gets anticipatory bail) है. इस मामले में अग्रिम जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने गुर्जर व एक अन्य को ​अग्रिम जमानत दे राहत दी है.

Rajaram Gurjar gets anticipatory bail in Karauli communal violence in 2022
मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर को करौली दंगा मामले में अग्रिम जमानत

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली में हिंदू नववर्ष के दौरान जुलूस पर पथराव करने के बाद हुए दंगे के मामले में ग्रेटर नगर निगम सौम्या गुर्जर के पति और पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर व एक अन्य को अग्रिम जमानत का लाभ दिया (Rajaram Gurjar gets anticipatory bail) है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश राजाराम व अन्य की अग्रिम जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.

राजाराम की ओर से जमानत याचिका में अधिवक्ता विजय यादव व मुकेश डूडी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को राजनीतिक द्वेषता के चलते आरोपी बनाया गया है. जबकि घटना में न तो उसका कोई रोल था और ना ही वह मौके पर मौजूद था. पुलिस के पास घटना को लेकर वीडियोग्राफी मौजूद है, जिसमें कहीं भी याचिकाकर्ता की उपस्थिति नजर नहीं आ रही है. इसके अलावा पुलिस ने स्वयं एफआईआर दर्ज की है और उसमें शांतिपूर्ण तरीके से हिंदू जुलूस निकलने का हवाला दिया गया है.

पढ़ें: करौली: राजाराम गुर्जर को न्यायालय में किया गया पेश, 3 दिन की पीसी रिमांड पर भेजा

पुलिस उसे राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार करना चाहती है. इसलिए उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया. गौरतलब है कि इस साल 2 अप्रैल को करौली में हिंदू नववर्ष के मौके पर हिंदू संगठनों की ओर से बाइक रैली निकाली गई थी. इस दौरान मस्जिद और आसपास के मकानों की छतों से रैली पर अंधाधुंध पथराव कर दिया और पहले से तैयार करीब 100 से अधिक लोगों ने रैली में शामिल लोगों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया. इसके बाद वहां दंगा फैल गया. घटना को लेकर पुलिस ने दोनों पक्षों को दर्जनों लोगों को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज की थी. जिसमें राजाराम गुर्जर का नाम भी शामिल किया गया था.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने करौली में हिंदू नववर्ष के दौरान जुलूस पर पथराव करने के बाद हुए दंगे के मामले में ग्रेटर नगर निगम सौम्या गुर्जर के पति और पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर व एक अन्य को अग्रिम जमानत का लाभ दिया (Rajaram Gurjar gets anticipatory bail) है. जस्टिस उमाशंकर व्यास की एकलपीठ ने यह आदेश राजाराम व अन्य की अग्रिम जमानत याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिए.

राजाराम की ओर से जमानत याचिका में अधिवक्ता विजय यादव व मुकेश डूडी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को राजनीतिक द्वेषता के चलते आरोपी बनाया गया है. जबकि घटना में न तो उसका कोई रोल था और ना ही वह मौके पर मौजूद था. पुलिस के पास घटना को लेकर वीडियोग्राफी मौजूद है, जिसमें कहीं भी याचिकाकर्ता की उपस्थिति नजर नहीं आ रही है. इसके अलावा पुलिस ने स्वयं एफआईआर दर्ज की है और उसमें शांतिपूर्ण तरीके से हिंदू जुलूस निकलने का हवाला दिया गया है.

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पुलिस उसे राजनीतिक कारणों से गिरफ्तार करना चाहती है. इसलिए उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया. गौरतलब है कि इस साल 2 अप्रैल को करौली में हिंदू नववर्ष के मौके पर हिंदू संगठनों की ओर से बाइक रैली निकाली गई थी. इस दौरान मस्जिद और आसपास के मकानों की छतों से रैली पर अंधाधुंध पथराव कर दिया और पहले से तैयार करीब 100 से अधिक लोगों ने रैली में शामिल लोगों पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया. इसके बाद वहां दंगा फैल गया. घटना को लेकर पुलिस ने दोनों पक्षों को दर्जनों लोगों को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज की थी. जिसमें राजाराम गुर्जर का नाम भी शामिल किया गया था.

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