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रेलवे वेंडर मीट का आयोजन, सामानों की खरीद प्रक्रिया के बारे में दी जानकारियां

वेंडर्स मीट में औद्योगिक संस्थानों और स्टार्टअप से जुड़ी 300 से ज्यादा फर्म ने भाग लिया. इस मीट में 100 से अधिक स्टॉल लगाकर दी गई खरीद प्रक्रिया से जुड़ी विभिन्न जानकारियां

सिस्टम से जुड़ी विभिन्न जानकारी दी गई.
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Published : May 17, 2019, 8:39 PM IST

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से शुक्रवार को अरावली सभागृह में वेंडर मीट का आयोजन किया गया. मीट का शुभारंभ रेलवे बोर्ड सदस्य ओपी खरे, जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने किया. वेंडर मीट के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विक्रेता को रेलवे की सप्लाई चैन से परिचित कराना, रेलवे द्वारा खरीदी जा रही विभिन्न आइटम्स का प्रदर्शन और संबंधित सूचनाओं के माध्यम से वेंडर्स को अवगत कराना था. इसके अतिरिक्त रेलवे में वेंडर अप्रूवल की प्रक्रिया, नियम, विधि और वेंडर डवलपमेंट में आने वाले इश्यूज की जानकारी भी दी गई. वेंडर मीट में रेलवे में उपयोग लिए जा रहे सामान का 100 से अधिक स्टॉल लगाकर प्रदर्शन किया गया.

300 से ज्यादा फर्म सम्मलित हुई वेंडर मीट में

नए सिस्टम की शुरूआत

इस मौके पर रेलवे बोर्ड के एएम ओपी खरे ने कहा कि चिंता की बात है कि कई आइटम ऐसे हैं जिनके लिए तीन या तीन से कम वेंडर उपलब्ध है. वेंडर्स मीट का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि अधिक से अधिक वेंडर्स को रेलवे से जोड़ा जाए. वर्तमान में रेलवे पर 1.20 लाख वेंडर आईआरईपीएस के माध्यम से रजिस्टर्ड है. रेलवे में चार लाख टेंडर प्रतिवर्ष इसके माध्यम से खोले जाते हैं. इस दौरान कार्यक्रम में वेंडर्स के लिए मोबाइल एप रेलवे स्टोर्स वेंडर गाइडेंस सिस्टम का भी शुभारंभ किया गया.

कारोबार बढ़ाने का प्रयास
जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन ने कहा कि पिछले 70 दशक में पूरे देश में ट्रांसपोर्ट का कारोबार जिस गति से बढ़ रहा है। उस हिसाब से रेलवे का कारोबार नहीं बढ़ रहा. रेलवे प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है कि कारोबार की दर 12 से 14 फ़ीसदी की गति से बढ़े.

अभी वेंडर्स की संख्या कम
उत्तर पश्चिम रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाले वेंडर्स की संख्या बहुत कम है. इस क्षेत्र में छोटे स्थानों के वेंडर्स को भी जोड़े जाने की आवश्यकता है। रेलवे में खरीद प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पूरी तरह पारदर्शी है.

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से शुक्रवार को अरावली सभागृह में वेंडर मीट का आयोजन किया गया. मीट का शुभारंभ रेलवे बोर्ड सदस्य ओपी खरे, जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने किया. वेंडर मीट के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विक्रेता को रेलवे की सप्लाई चैन से परिचित कराना, रेलवे द्वारा खरीदी जा रही विभिन्न आइटम्स का प्रदर्शन और संबंधित सूचनाओं के माध्यम से वेंडर्स को अवगत कराना था. इसके अतिरिक्त रेलवे में वेंडर अप्रूवल की प्रक्रिया, नियम, विधि और वेंडर डवलपमेंट में आने वाले इश्यूज की जानकारी भी दी गई. वेंडर मीट में रेलवे में उपयोग लिए जा रहे सामान का 100 से अधिक स्टॉल लगाकर प्रदर्शन किया गया.

300 से ज्यादा फर्म सम्मलित हुई वेंडर मीट में

नए सिस्टम की शुरूआत

इस मौके पर रेलवे बोर्ड के एएम ओपी खरे ने कहा कि चिंता की बात है कि कई आइटम ऐसे हैं जिनके लिए तीन या तीन से कम वेंडर उपलब्ध है. वेंडर्स मीट का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि अधिक से अधिक वेंडर्स को रेलवे से जोड़ा जाए. वर्तमान में रेलवे पर 1.20 लाख वेंडर आईआरईपीएस के माध्यम से रजिस्टर्ड है. रेलवे में चार लाख टेंडर प्रतिवर्ष इसके माध्यम से खोले जाते हैं. इस दौरान कार्यक्रम में वेंडर्स के लिए मोबाइल एप रेलवे स्टोर्स वेंडर गाइडेंस सिस्टम का भी शुभारंभ किया गया.

कारोबार बढ़ाने का प्रयास
जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन ने कहा कि पिछले 70 दशक में पूरे देश में ट्रांसपोर्ट का कारोबार जिस गति से बढ़ रहा है। उस हिसाब से रेलवे का कारोबार नहीं बढ़ रहा. रेलवे प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है कि कारोबार की दर 12 से 14 फ़ीसदी की गति से बढ़े.

अभी वेंडर्स की संख्या कम
उत्तर पश्चिम रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाले वेंडर्स की संख्या बहुत कम है. इस क्षेत्र में छोटे स्थानों के वेंडर्स को भी जोड़े जाने की आवश्यकता है। रेलवे में खरीद प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पूरी तरह पारदर्शी है.

Intro:जयपुर
एंकर- उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से आज रेलवे कॉलोनी अरावली सभागृह में वेंडर मीट का आयोजन किया गया। वेंडर्स मीट में औद्योगिक संस्थानों और स्टार्टअप से जुड़ी 300 से ज्यादा फर्मों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।


Body:वेंडर्स मीट का शुभारंभ रेलवे बोर्ड सदस्य ओपी खरे, जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन और नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने किया। वेंडर मीट के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विक्रेता को रेलवे की सप्लाई चैन से परिचित कराना, रेलवे द्वारा खरीदी जा रही विभिन्न आइटम्स का प्रदर्शन और संबंधित सूचनाओं के माध्यम से वेंडर्स को अवगत कराना, साथ ही रेलवे में वेंडर अप्रूवल की प्रक्रिया, नियम, विधि और वेंडर डवलपमेंट में आने वाले इश्यूज की जानकारी देने के लिए किया गया है।
वेंडर मीट में रेलवे में उपयोग लिए जा रहे आइटम्स का 100 से अधिक स्टॉल लगाकर प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेलवे बोर्ड के एएम ओपी खरे ने कहा कि रेलवे हर साल करीब 1000 करोड़ के आइटम की खरीद-फरोख्त करता है। लेकिन यह चिंता की बात है कि कई आइटम ऐसे हैं जिनके लिए तीन या तीन से कम वेंडर उपलब्ध है। वेंडर्स मीट का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि अधिक से अधिक वेंडर्स को रेलवे से जोड़ा जाए। वर्तमान में रेलवे पर 1.20 लाख वेंडर आईआरईपीएस के माध्यम से रजिस्टर्ड है। रेलवे में चार लाख टेंडर प्रतिवर्ष इसके माध्यम से खोले जाते हैं। इस दौरान कार्यक्रम में वेंडर्स के लिए मोबाइल एप रेलवे स्टोर्स वेंडर गाइडेंस सिस्टम का भी शुभारंभ किया गया। जिससे वेंडर्स में आपूर्ति किए जाने वाले आइटम्स की सूची, उनका स्पेसिफिकेशन और प्राइस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसे क्यू आर कोड के माध्यम से भी उपयोग में लिया जा सकता है।
रेलवे देश की औद्योगिक प्रगति का महत्वपूर्ण भाग का हिस्सेदार है। भारतीय रेलवे तेज गति से प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। वर्तमान में रेलवे प्रतिवर्ष करीब 49 हजार करोड रुपए का सामान खरीद रहा है। रेलवे की आपूर्ति श्रंखला को ओर पारदर्शी व मजबूत बनाने के लिए अधिकाधिक वेंडरों को जोड़ने का काम कर रहा है। रेलवे के विकास के साथ-साथ उनको अपना बिजनेस बढ़ाने में सहायता मिलेगी, और अधिकाधिक रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रेलवे प्रशासन ने अपनी सालाना प्रोक्योरमेंट की प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण आइटम के लिए अब औद्योगिक संस्थानों और स्टार्टअप पर फोकस शुरू कर दिया है।
जयपुर डीआरएम मंजूषा जैन ने कहा कि पिछले 70 दशक में पूरे देश में ट्रांसपोर्ट का कारोबार जिस गति से बढ़ रहा है। उस हिसाब से रेलवे का कारोबार नहीं बढ़ रहा। यह पर्यावरण के लिहाज से ठीक नहीं है। रेलवे प्रशासन लगातार कोशिश कर रहा है कि कारोबार की दर 12 से 14 फ़ीसदी की गति से बढ़े।





Conclusion:उत्तर पश्चिम रेलवे के एजीएम एमके गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाले वेंडर्स की संख्या बहुत कम है। इस क्षेत्र में छोटे स्थानों के वेंडर्स को भी जोड़े जाने की आवश्यकता है। रेलवे में खरीद प्रक्रिया ऑनलाइन होने से पूरी तरह पारदर्शी है। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या, शिकायत या जानकारी के लिए मुख्यालय में अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है।

बाईट- ओपी खरे, अतिरिक्त सदस्य, रेलवे स्टोर्स, रेलवे बोर्ड
बाईट- एमके गुप्ता, एजीएम उत्तर पश्चिम रेलवे
बाईट- मंजूषा जैन, डीआरएम, जयपुर मंडल रेलवे


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