जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 महानगर प्रथम ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त चरण सिंह को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अदालत ने प्रकरण में अभियुक्त का सहयोग करने के लिए नामजद किए धर्मसिंह को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता के साथ अपराध कर उसे शारीरिक व भावनात्मक क्षति कारित की है. अभियुक्त का यह कृत्य पीड़िता के व्यक्तित्व और उसकी गरिमा को आहत करने वाला है. ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि पीड़िता ने 24 फरवरी, 2021 को अस्पताल में इलाज के दौरान प्रताप नगर थाना पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि वह आज स्कूल जाने के लिए तैयार हो रही थी, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण स्कूल नहीं गई और घर के दरवाजे पर खड़ी थी. इस दौरान पड़ोस में रखने वाला अभियुक्त चरण आया और उसके सिर पर भारी वस्तु से चोट मारी. जिससे वह बेहोशी की हालत में चली गई.
पढ़ें: नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
इस दौरान अभियुक्त उसका मुंह दबाकर अपने कमरे में ले गया और कहा कि वह पुरानी लड़ाई का बदला लेगा. इसके बाद वह बेहोश हो गई. अभियुक्त ने उसके साथ बेहोशी की हालत में दुष्कर्म किया है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अभियुक्त चरण सिंह को सजा सुनाते हुए एक अन्य युवक धर्मसिंह को बरी कर दिया है.