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जयपुर: पुनर्गठन में संशोधन पर रोक के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार - State government reached the Supreme Court

राजस्थान हाईकोर्ट के 16 नवंबर को हुए पंचायत पुनर्गठन के बाद 1 दिसंबर को किए गए पुनर्गठन में संशोधन पर रोक लगाने के बाद अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गई है. सचिन पायलट ने कहा कि सब कुछ नियमों के अनुसार किया गया है. पायलट ने कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी.

सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार,  State government reached the Supreme Court
सचिन पायलट
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Published : Dec 19, 2019, 9:47 PM IST

जयपुर. राजस्थान में पंचायती चुनाव की तारीखों में बदलाव हो सकता है इसका कारण है पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक लगाने के बाद राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है.

इस मामले पर बोलते हुए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में जो संशोधित नोटिफिकेशन निकाला गया था वह सभी प्रोसेस को फॉलो करते हुए निकाला था. यह संशोधित नोटिफिकेशन पब्लिक डिमांड और जनता की सहूलियत को देखते हुए निकाला गया था. लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार

वहीं, अब राज्य सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. जहां सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से लिखा गया है कि यह राज्य सरकार का विशेषाधिकार होता है कि कब किसको कहां पंचायत या पंचायत समिति बनानी है. इस प्रक्रिया में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं की गई है और सब कुछ विधि विभाग और अन्य विभागों से चर्चा करने के बाद किया गया है.

पढ़ें- मोदी और शाह पर जमकर बरसे सीएम अशोक गहलोत, कहा- 'मोदी है तो मंदी है'

उन्होंने कहा कि किसी कारण से हाई कोर्ट ने इसे स्टे दिया है जिसे हमने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है. पायलट ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. दरअसल, अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे दे देता है तो फरवरी में होने वाले पंचायती राज चुनाव आगे खिसक सकते हैं.

ऐसे में 15 फरवरी के बाद पंचायतों में अगर चुनाव नहीं हुए तो प्रशासकों की नियुक्ति करनी होगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तय करेगा कि राजस्थान में पंचायती राज चुनाव आगे होंगे या फिर तय समय पर.

जयपुर. राजस्थान में पंचायती चुनाव की तारीखों में बदलाव हो सकता है इसका कारण है पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक लगाने के बाद राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है.

इस मामले पर बोलते हुए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में जो संशोधित नोटिफिकेशन निकाला गया था वह सभी प्रोसेस को फॉलो करते हुए निकाला था. यह संशोधित नोटिफिकेशन पब्लिक डिमांड और जनता की सहूलियत को देखते हुए निकाला गया था. लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंची राज्य सरकार

वहीं, अब राज्य सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. जहां सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से लिखा गया है कि यह राज्य सरकार का विशेषाधिकार होता है कि कब किसको कहां पंचायत या पंचायत समिति बनानी है. इस प्रक्रिया में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं की गई है और सब कुछ विधि विभाग और अन्य विभागों से चर्चा करने के बाद किया गया है.

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उन्होंने कहा कि किसी कारण से हाई कोर्ट ने इसे स्टे दिया है जिसे हमने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है. पायलट ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. दरअसल, अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे दे देता है तो फरवरी में होने वाले पंचायती राज चुनाव आगे खिसक सकते हैं.

ऐसे में 15 फरवरी के बाद पंचायतों में अगर चुनाव नहीं हुए तो प्रशासकों की नियुक्ति करनी होगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तय करेगा कि राजस्थान में पंचायती राज चुनाव आगे होंगे या फिर तय समय पर.

Intro:राजस्थान में आगे खिसक सकते हैं पंचायती राज चुनाव ! हाईकोर्ट के 16 नवंबर को हुए पंचायत पुनर्गठन के बाद 1 दिसंबर को किए गए पुनर्गठन में संशोधन पर रोक लगाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में गई राज्य सरकार सचिन पायलट बोले नियमों के अनुसार किया है पंचायतों का पुनर्गठन उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी राहत


Body:राजस्थान में पंचायत चुनाव की तारीखों में बदलाव हो सकता है इसका कारण है राज्य सरकार का हाईकोर्ट के 1 दिसंबर के पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक लगाने पर राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में चली गई है इस मामले पर बोलते हुए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में जो संशोधित नोटिफिकेशन निकाला गया था वह सभी प्रोसेस को फॉलो करते हुए निकाला था यह संशोधित नोटिफिकेशन पब्लिक डिमांड और जनता की सहूलियत को देखते हुए जनता को कैसे राहत दी जाए इसे देखते हुए निकाला गया था हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है लेकिन अब राज्य सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है जहां सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से हमने लिखा है कि यह राज्य सरकार का विशेषाधिकार होता है कि कब किसको कहां पंचायत या पंचायत समिति बनानी है इस प्रक्रिया में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं बढ़ती गई है और सब कुछ विधि विभाग और अन्य विभागों से चर्चा करने के बाद किया गया है किसी कारण से हाई कोर्ट ने इसे स्टे दिया है जिसको हमने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है पायलट ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे दरअसल अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे दे देता है तो ऐसे में फरवरी मैं होने वाले पंचायती राज चुनाव आगे खिसक सकते हैं और ऐसे में 15 फरवरी के बाद पंचायतों में अगर चुनाव नहीं हुए तो प्रशासकों की नियुक्ति करनी होगी लेकिन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय क्या होता है यह ही तय करेगा कि राजस्थान में पंचायती राज चुनाव आगे किस करेंगे या फिर तय समय पर होंगे
बाइट सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री राजस्थान


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