जयपुर. राजस्थान में पंचायती चुनाव की तारीखों में बदलाव हो सकता है इसका कारण है पंचायतों के पुनर्गठन पर रोक लगाने के बाद राज्य सरकार का सुप्रीम कोर्ट में जाना. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है.
इस मामले पर बोलते हुए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में जो संशोधित नोटिफिकेशन निकाला गया था वह सभी प्रोसेस को फॉलो करते हुए निकाला था. यह संशोधित नोटिफिकेशन पब्लिक डिमांड और जनता की सहूलियत को देखते हुए निकाला गया था. लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाई है.
वहीं, अब राज्य सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गई है. जहां सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से लिखा गया है कि यह राज्य सरकार का विशेषाधिकार होता है कि कब किसको कहां पंचायत या पंचायत समिति बनानी है. इस प्रक्रिया में किसी भी तरीके की कोई कमी नहीं की गई है और सब कुछ विधि विभाग और अन्य विभागों से चर्चा करने के बाद किया गया है.
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उन्होंने कहा कि किसी कारण से हाई कोर्ट ने इसे स्टे दिया है जिसे हमने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है. पायलट ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. दरअसल, अगर सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे दे देता है तो फरवरी में होने वाले पंचायती राज चुनाव आगे खिसक सकते हैं.
ऐसे में 15 फरवरी के बाद पंचायतों में अगर चुनाव नहीं हुए तो प्रशासकों की नियुक्ति करनी होगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तय करेगा कि राजस्थान में पंचायती राज चुनाव आगे होंगे या फिर तय समय पर.