जयपुर. शिक्षा विभाग में लगातार लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं. पहले शिक्षा विभाग में शेर सिंह मीणा का प्रमोशन और अब सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मुख्य आरोपी भूपेंद्र सारण की गर्लफ्रेंड प्रियंका विश्नोई को पीटीआई भर्ती परीक्षा में सेलेक्ट करने का मामला सामने आया. हालांकि, शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रियंका विश्नोई के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. वहीं, जिन लोगों ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया है उनकी भी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा विभाग की ओर से प्रियंका विश्नोई के दस्तावेज सत्यापन के बाद फाइनल सिलेक्शन के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को भेजा गया था. हालांकि बोर्ड की जांच में पुलिस वेरिफिकेशन के बाद प्रियंका को अयोग्य घोषित करते हुए, सलेक्शन पर रोक लगा दी है. हालांकि अब सवाल उठ रहा है कि क्या शिक्षा विभाग की ओर से उन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिन्होंने प्रियंका के दस्तावेज सत्यापन कर आगे बढ़ाए थे. इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि प्रियंका के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है. वहीं, जिन भी लोगों ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया है, उसकी जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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इधर, कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से बाहर यूनिवर्सिटी की लिस्ट भी शिक्षा महकमे को भेजी गई है. उनकी डिग्रियों पर सवाल उठाते हुए जांच के लिए कहा गया है. इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सेकेंडरी एजुकेशन लेवल और हायर एजुकेशन लेवल पर कमेटी बनी हुई है. वो कमेटी जो फैसला लेगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि राजस्थान पुलिस की ओर से बीते साल प्रियंका विश्नोई को मानसरोवर से फर्जी डिग्रियों और मार्कशीट के साथ गिरफ्तार किया गया था. इनमें राजस्थान के चूरू अस्तित्व ओपीजेएस यूनिवर्सिटी की 12 मार्कशीट के साथ कई अन्य राज्यों की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की मार्कशीट और फर्जी डिग्रियां शामिल थी. प्रियंका इन्हीं फर्जी मार्कशीट और डिग्री को बेचकर भूपेंद्र सारण तक पैसा पहुंचाती थी. ऐसे में कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से चूरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी, अलवर की सनराइज यूनिवर्सिटी के अलावा अन्य राज्यों की 10 यूनिवर्सिटी की सख्ती से जांच करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है.
उधर, पीटीआई भर्ती परीक्षा में एग्जाम में पास होने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करा चुके 879 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके डॉक्यूमेंट में कमी पाए जाने की वजह से सलेक्शन पर रोक लगाई गई है. ऐसे अभ्यर्थियों को 7 दिन का मौका दिया गया है, ताकि वो बोर्ड की ओर से दर्ज की गई आपत्तियों का समाधान करा सकें.