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जयपुर : निगम के पास महज एक 42 मीटर ऊंची एएचएलपी, इसलिए 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक

जयपुर शहर में 70 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं है. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के चलते शहर में 32 मीटर से ऊंची इमारतों और निर्माण पर रोक रहेगी. हालांकि, नगर निगम के पास फिलहाल एक 42 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने वाली एएचएलपी जरूर है, लेकिन शहर की जनसंख्या और आए दिन हो रहे बड़ी बिल्डिंगों के निर्माणों के लिए ये नाकाफी है.

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Published : Jul 5, 2019, 10:01 PM IST

32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रदेश में 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए अनुमति देने पर रोक लगा दी है. जिसका कारण नगर निगम के अग्निशमन विभाग के पास 70 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने के संसाधन नहीं होना बताया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में अग्निशमन विभाग में 1200 से ज्यादा खाली पदों का भी जिक्र किया गया है.

32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक

इस पर ईटीवी भारत ने शहर के अग्निशमन केंद्रों पर मौजूद अग्निशमन वाहन, फायर बाइक, एएचएलपी और फायर स्टेशन पर मौजूद फायरमैन को लेकर फायर उपायुक्त आभा बेनीवाल से बात की. उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में 11 फायर स्टेशन पर 52 अग्निशमन वाहन, 20 फायर बाइक, एक एएचएलपी, 10 चेसिस मौजूद है. वहीं 147 अधिकारी और कर्मचारी और 150 संविदा पर लगे फायरमैन है.

उन्होंने भी माना कि शहर की जनसंख्या और घनत्व को देखते हुए ये उपकरण नाकाफी हैं. ऐसे में जल्द नए उपकरण भी खरीदे जाएंगे. इस संबंध में उन्होंने निगम उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे जाने की भी बात कही. ईटीवी भारत ने सूरत के कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी के बाद शहर के फायर स्टेशन कितने तैयार हैं, इसकी पड़ताल कर न्यूज प्रसारित कर निगम को नींद से जगाने की कोशिश भी की थी. वहीं अब कोर्ट की ओर से स्थानीय निकाय विभाग को निर्देशित किया गया है. ऐसे में माना जा सकता है शहर का अग्निशमन विभाग पहले से ज्यादा मजबूत होगा.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रदेश में 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए अनुमति देने पर रोक लगा दी है. जिसका कारण नगर निगम के अग्निशमन विभाग के पास 70 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने के संसाधन नहीं होना बताया गया है. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में अग्निशमन विभाग में 1200 से ज्यादा खाली पदों का भी जिक्र किया गया है.

32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण पर रोक

इस पर ईटीवी भारत ने शहर के अग्निशमन केंद्रों पर मौजूद अग्निशमन वाहन, फायर बाइक, एएचएलपी और फायर स्टेशन पर मौजूद फायरमैन को लेकर फायर उपायुक्त आभा बेनीवाल से बात की. उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में 11 फायर स्टेशन पर 52 अग्निशमन वाहन, 20 फायर बाइक, एक एएचएलपी, 10 चेसिस मौजूद है. वहीं 147 अधिकारी और कर्मचारी और 150 संविदा पर लगे फायरमैन है.

उन्होंने भी माना कि शहर की जनसंख्या और घनत्व को देखते हुए ये उपकरण नाकाफी हैं. ऐसे में जल्द नए उपकरण भी खरीदे जाएंगे. इस संबंध में उन्होंने निगम उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे जाने की भी बात कही. ईटीवी भारत ने सूरत के कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी के बाद शहर के फायर स्टेशन कितने तैयार हैं, इसकी पड़ताल कर न्यूज प्रसारित कर निगम को नींद से जगाने की कोशिश भी की थी. वहीं अब कोर्ट की ओर से स्थानीय निकाय विभाग को निर्देशित किया गया है. ऐसे में माना जा सकता है शहर का अग्निशमन विभाग पहले से ज्यादा मजबूत होगा.

Intro:जयपुर - 70 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने के लिए शहर में पर्याप्त उपकरण नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के चलते शहर में 32 मीटर से ऊंची इमारतों और निर्माण पर तक रोक रहेगी। हालांकि नगर निगम के पास फिलहाल एक 42 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने वाली एएचएलपी जरूर है। लेकिन शहर की जनसंख्या और आए दिन हो रहे बड़ी बिल्डिंगों के निर्माणों के लिए ये नाकाफी है।


Body:राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में प्रदेश में 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण के लिए अनुमति देने पर रोक लगाई है। जिसका कारण अग्निशमन विभाग के पास 70 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने के संसाधन नहीं होना बताया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में अग्निशमन विभाग में 1200 से ज्यादा खाली पद का भी जिक्र किया गया। इस पर ईटीवी भारत ने शहर के अग्निशमन केंद्रों पर मौजूद अग्निशमन वाहन, फायर बाइक, एएचएलपी और फायर स्टेशन पर मौजूद फायरमैन को लेकर फायर उपायुक्त आभा बेनीवाल से बात की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में 11 फायर स्टेशन पर 52 अग्निशमन वाहन, 20 फायर बाइक, एक एएचएलपी, 10 चेसिस मौजूद है। वही 147 अधिकारी और कर्मचारी और 150 संविदा पर लगे फायरमैन है। उन्होंने भी माना कि शहर की जनसंख्या और घनत्व को देखते हुए ये उपकरण नाकाफी हैं। ऐसे में जल्द नए उपकरण भी खरीदे जाएंगे। इस संबंध में उन्होंने निगम उच्च अधिकारियों को पत्र लिखे जाने की भी बात कही।
बाईट - आभा बेनीवाल, उपायुक्त, फायर


Conclusion:ईटीवी भारत ने सूरत के कोचिंग सेंटर में हुई आगजनी के बाद शहर के फायर स्टेशन कितने तैयार हैं, इसकी जानकारी प्रसारित कर निगम को नींद से जगाने की कोशिश भी की थी। वहीं अब कोर्ट की ओर से स्थानीय निकाय विभाग को निर्देशित किया है। ऐसे में माना जा सकता है शहर का अग्निशमन विभाग पहले से ज्यादा मजबूत होगा।
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