जयपुर. राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान मंत्री बीडी कल्ला ने साफ कर दिया कि राजस्थान में 15 जनवरी 2023 से तबादलों पर पूरी तरीके से रोक है. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले को लेकर अभी कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि अक्टूबर महीने में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से एप्लीकेशन जरूर ली गई थीं, लेकिन वह केवल तबादला चाहने वालों की एप्लीकेशन थी. इन पर कोई नीतिगत निर्णय नहीं किया गया था. कल्ला ने कहा कि जो भी रिक्त पद हैं, उन्हें रीट लेवल 2 की परीक्षा हो चुकी है, उनके नतीजे आने के बाद काउंसलिंग कर पद भर दिए जाएंगे.
फ्यूल सरचार्ज पर कल्ला ने दिया जवाब - एक सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने साफ कर दिया कि 2019 से अब तक 1 करोड़ 35 लाख 23 हज़ार 818 उपभोक्ताओं से 3749.93 करोड़ रुपए फ्यूल सरचार्ज के तौर पर लिए गए हैं. कृषि उपभोक्ताओं के अलावा बाकी सभी उपभोक्ताओं से यह सरचार्ज लिया जा रहा है, जो जारी रहेगा. ग्राम सेवा सहकारी समिति करवाड़ा से संबंधित सवाल के जवाब में भी मंत्री उदयलाल आंजना ने जवाब देते हुए कहा कि अनियमितताओं के चलते सहायक व्यवस्थापक देवी सिंह और अध्यक्ष मिश्रा राम परमार को जिम्मेदार मानकर उनके खिलाफ नियम विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. हरचरण कुमार को सहायक व्यवस्थापक लगाया गया है, इस पर विधायक नारायण सिंह देवल ने आपत्ति दर्ज की. उन्होंने कहा कि इनकी ग्राम सहकारी समिति पर तो पहले ही आरोप हैं, इन्हें यह काम कैसे दिया जा सकता है. इस पर मंत्री ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी और जांच करवा ली जाएगी.
प्रदेश में 102 विभागों में 289 पद रिक्त - एक सवाल के जवाब में प्रशासनिक सुधार मंत्री के तौर पर जवाब देते हुए गोविंद राम मेघवाल ने कहा कि पूरे प्रदेश में 102 विभागों में 289 पद रिक्त हैं, जिसकी सूचना आ चुकी है. 29 विभागों से सूचना समय कम होने के चलते अभी तक नहीं आई है उन्हें दोबारा सूचना भेजने के लिए कहा जाएगा. अगर फिर भी सूचना नहीं आती है तो विभागों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि विभागों का पुनर्गठन जब तक नहीं होता, हम भर्ती के लिए नहीं लिख सकते हैंं.
राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले - एक सवाल के जवाब में मंत्री बीडी कल्ला ने आज एक बार फिर यह कहा कि राजस्थान सरकार की मंशा है कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले. उसे आठवीं सूची में शामिल किया जाए इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार के स्तर पर अर्ध सरकारी पत्र भी लगातार केंद्र सरकार को लिखे जा रहे हैं. सरकार की ओर से जवाब देते हुए शांति धारीवाल ने सदन में कहा कि प्रदेश में सामाजिक आर्थिक और धार्मिक किसी भी तरह के जुलूस पर पाबंदी नहीं है, लेकिन इसके लिए प्रशासनिक अनुमति लेना आवश्यक है.
पढ़ें- Rajasthan Politics: सिर पर विधानसभा चुनाव, गहलोत की योजनाओं का अब नौनिहाल करेंगे प्रचार