जयपुर. विद्युत तंत्र के रखरखाव के अभाव में उदासीनता के कारण कोई दुर्घटना घटित होती है तो चारों स्तर के कर्मचारी व अधिकारी जिम्मेदार होंगे. जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने आदेश जारी किए है कि जिसके कार्यपालन में शिथिलता पाई जाएगी, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
फीडर इंचार्ज, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता एवं अधिशासी अभियंताओं को अपने कर्तव्य के प्रति सजग रहकर कार्य करना होगा जिससे कि भविष्य में विद्युत तंत्र के रखरखाव के अभाव और उनकी उदासीनता के कारण विद्युत दुर्घटना घटित नहीं हो.
जयपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक एके गुप्ता ने बताया कि आंधी और बरसात के मौसम में पोल ट्रांसफार्मर व केबल तार क्षतिग्रस्त होते रहते हैं और उनको विद्युत कर्मियों द्वारा तत्परता से ठीक भी किया जाता है. इसके बावजूद भी विद्युत दुर्घटना और कहीं ना कहीं प्राणघातक दुर्घटना की सूचना मिलती है जो दुखद व चिंतनीय है.
प्राकृतिक आपदाओं से विद्युत तंत्र को होने वाली क्षति के अलावा यदाकदा विद्युत तंत्र के रखरखाव की कमी के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को विद्युत तंत्र का समय रहते रखरखाव कर के रोका जाता है, परंतु इसमें लापरवाही बरतने पर दुर्घटना होने की संभावना रहती है.
पोल टेढ़ा होकर विद्युत लाइन के नीचे हो जाना, तार टूटकर नीचे गिर जाना या लटक जाना, फीडर का ट्रिप नहीं होना, सबस्टेशन ट्रांसफार्मर का अर्थिंग फेल होना, न्यूट्रल अलग हो जाना व केबल का जल जाना आदि की वजह से दुर्घटना की संभावना हो जाती है.
फीडर इंचार्ज, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता ऐसी स्थिति में सजग रहकर समय पर कार्रवाई करते रहे तो विद्युत दुर्घटना की संभावना नगण्य हो जाती है और उसकी बरती गई लापरवाही दुर्घटना को जन्म देती है. जिससे जनहानि का खतरा हो जाता है. गुप्ता ने अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिए है कि विद्युत के निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के लिए अपने अधीनस्थ को समय-समय पर सजग करते रहे, जिससे कि दुर्घटना घटित ना हो.