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प्रसूता के परिजनों का अस्पताल पर इलाज से इनकार करने का आरोप, चिकित्सकों ने झूठा बताया मामला

जयपुर के पावटा में एक बेहद संवेदनशील मामला सामने आया है. आरोप है कि प्रागपुरा की एक गर्भवती को पावटा के किसी भी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया. मजबूरन उसे एक हॉस्पिटल की सीढ़ियों पर ही बच्ची को जन्म देना पड़ा. परिजनों ने आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यक होने की वजह से उन्हें एडमिट नहीं किया गया.

delivery of Muslim woman in Pavota, जयपुर न्यूज
पावटा में मुस्लिम महिला ने अस्पताल पर लगाया भेदभाव करने का आरोप
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Published : Apr 9, 2020, 3:34 PM IST

कोटपूतली (जयपुर). पावटा से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां एक गर्भवती महिला को किसी भी हॉस्पिटल ने भर्ती नहीं किया. आधी रात 12 बजे से एक बजे तक ये महिला और इसके परिजन पूरे पावटा कस्बे में भटकते रहे. ये लोग एक-एक कर कई अस्पताल गए. हालात ये हो गए कि प्रसूता को सिद्धी विनायक हॉस्पिटल की सीढियों पर ही डिलेवरी करानी पड़ी.

पावटा में मुस्लिम महिला ने अस्पताल पर लगाया भेदभाव करने का आरोप

परिजनों का कहना है कि उनके साथ इतना बड़ा दुर्व्यवहार इसलिए किया गया. दरअसल, पिछले दिनों प्रागपुरा के एक परिवार को किसी कोरोना संदिग्ध से मिलने की वजह से होम आइसोलेट किया गया था. आरोप है कि इसी डर की वजह से किसी अस्पताल ने इन्हें भर्ती नहीं किया और मजबूरन अस्पताल की सीढ़ियों पर प्रसव कराना पड़ा. इस मामले में थाने में शिकायत भी दी गई है.

साथ ही परिजनों का कहना है कि बच्चा हो जाने के बाद उन्होंने पुलिस को, SDM कोटपूतली को और विराटनगर विधायक को फोन किया. तब कहीं जाकर सिद्धी विनायक अस्पताल ने जच्चा को भर्ती किया. परिजनों का कहना है कि उनसे 10 हजार रुपये जमा करने को कहा गया. विधायक इंद्राज गुर्जर इस मामले में काफी गंभीर नजर आ रहे हैं.

पढ़ें- अजमेर के एडवोकेट डॉ. मनोज आहूजा ने चाइना के खिलाफ UNFRC में पेश की याचिका

हालांकि पावटा के सभी डॉक्टरों ने इस पूरे मामले को झूठा और बेबुनियाद बताया है. जहां सरकारी डॉक्टर ने तो साफ कहा कि पावटा CHC में ये लोग आए ही नहीं थे. वहीं निजी चिकित्सकों ने भी आरोप लगाया कि ये लोग जबरन इस मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं.

कोटपूतली (जयपुर). पावटा से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां एक गर्भवती महिला को किसी भी हॉस्पिटल ने भर्ती नहीं किया. आधी रात 12 बजे से एक बजे तक ये महिला और इसके परिजन पूरे पावटा कस्बे में भटकते रहे. ये लोग एक-एक कर कई अस्पताल गए. हालात ये हो गए कि प्रसूता को सिद्धी विनायक हॉस्पिटल की सीढियों पर ही डिलेवरी करानी पड़ी.

पावटा में मुस्लिम महिला ने अस्पताल पर लगाया भेदभाव करने का आरोप

परिजनों का कहना है कि उनके साथ इतना बड़ा दुर्व्यवहार इसलिए किया गया. दरअसल, पिछले दिनों प्रागपुरा के एक परिवार को किसी कोरोना संदिग्ध से मिलने की वजह से होम आइसोलेट किया गया था. आरोप है कि इसी डर की वजह से किसी अस्पताल ने इन्हें भर्ती नहीं किया और मजबूरन अस्पताल की सीढ़ियों पर प्रसव कराना पड़ा. इस मामले में थाने में शिकायत भी दी गई है.

साथ ही परिजनों का कहना है कि बच्चा हो जाने के बाद उन्होंने पुलिस को, SDM कोटपूतली को और विराटनगर विधायक को फोन किया. तब कहीं जाकर सिद्धी विनायक अस्पताल ने जच्चा को भर्ती किया. परिजनों का कहना है कि उनसे 10 हजार रुपये जमा करने को कहा गया. विधायक इंद्राज गुर्जर इस मामले में काफी गंभीर नजर आ रहे हैं.

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हालांकि पावटा के सभी डॉक्टरों ने इस पूरे मामले को झूठा और बेबुनियाद बताया है. जहां सरकारी डॉक्टर ने तो साफ कहा कि पावटा CHC में ये लोग आए ही नहीं थे. वहीं निजी चिकित्सकों ने भी आरोप लगाया कि ये लोग जबरन इस मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं.

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