जयपुर. राज्य सरकार की ओर से हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर को गत 22 सितंबर को आदेश जारी कर वापस निलंबित करने की कार्रवाई को मुनेश ने मंगलवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी है. मुनेश गुर्जर की इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. वहीं दूसरी ओर मामले में राज्य सरकार की ओर से कैवियट पेश की गई है. ऐसे में अब हाईकोर्ट दोनों पक्षों को सुनकर अंतरिम आदेश पारित करेगा.
याचिका में प्रमुख स्वायत्त शासन सचिव व निदेशक सहित अन्य को पक्षकार बनाया है. याचिका में कहा कि राज्य सरकार ने प्रार्थिया का निलंबन नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों व तथ्यों के विपरीत जाकर किया है. मामले में उसके खिलाफ प्रावधानों के खिलाफ जाकर जांच की गई और इसमें वो ही तथ्य थे जो कि पंचनामा रिपोर्ट व एफआईआर से साबित नहीं हो पाए हैं. इसलिए उसके निलंबन आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाकर उसे रद्द किया जाए.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मुनेश को दुबारा निलंबित करने वाले आदेश में कहा है कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत उन पर पद के दुरुपयोग व कर्तव्य पालन में प्रतिकूल आचरण का आरोप लगाया है. नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में मेयर के पति सुशील गुर्जर की ओर से रिश्वत मांगने से जुड़े मामले में प्रथम दृष्टया मुनेश भी शामिल है और इसके लिए वह भी पूरी तरह से दोषी व उत्तरदायी है.
ऐसे में उसे मेयर पद से निलंबित किया जा रहा है. इससे पहले भी राज्य सरकार ने मुनेश को उनके पति सुशील गुर्जर से जुड़े इसी मामले में शामिल मानते हुए निलंबित किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी थी. वहीं बाद में राज्य सरकार ने निलंबन आदेश को वापस ले लिया था. जिस बाद हाईकोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया था.