जयपुर. राजस्थान कांग्रेस का सरकार को बजट के लिए सुझाव देने के लिए बुलाए गए अधिवेशन में पार्टी ने 4 प्रस्ताव पास (Four proposal pass in congress convention) किए. इन प्रस्तावों के साथ ही बुधवार को अधिवेशन में कई बयान भी सुर्खियों में रहे. इन बयानों में डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने अपना पुराना दुख मंच से कहते हुए कहा कि मुझसे जिस (Dungarpur MLA Ganesh Ghoghra in convention) एसडीएम का विवाद हुआ, उसे भले ही पहले जोधपुर ट्रांसफर किया गया, लेकिन उस जनप्रतिनिधियों से मिसबिहेव करने वाले अधिकारी को वापस मेरे क्षेत्र में लगा दिया गया तो फिर सरकार रिपीट कैसे होगी.
वहीं रामलाल मीणा ने (Congress MLA Ramlal Meena in convention) कहा कि हम तो काम कर रहे हैं, लेकिन विरोधी सरकार की छवि पर बट्टा लगा रहे हैं. इस दौरान जैसलमेर के जिला अध्यक्ष उमेद सिंह ने भी गहलोत सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आपको विधायकों के काम करते हुए 4 साल हो गए, अब तो कार्यकर्ताओं के काम करें. चुनावी साल में अपने कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हुई तो सरकार कैसे रिपीट होगी?. वहीं अधिवेशन में कांग्रेस सचिव गजेंद्र सिंह सांखला ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए पुलिस और अपराध के गठजोड़ के आरोप लगाए और कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार इसलिए रिपीट हुई है क्योंकि वहां अपराधियों में भय है और महिलाओं ओर बच्चियों को सुरक्षा की भावना पैदा हुई है.
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इस दौरान बैठक में कोटा के नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा कि मेरे क्षेत्र में एसडीएम आरएसएस का व्यक्ति लगा हुआ है भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को उसे हटाने के लिए कहा था, लेकिन आज 20 दिन बाद भी वह एसडीएम वहीं लगा है. मुझे मैसेज करवा रहा है कि शिकायत करके मेरा क्या बिगाड़ लिया. उधर कांग्रेस प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने कांग्रेस कार्यकर्ता को कहा कि अभी लड़ाई भाजपा से विचारधारा की लड़नी है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई की जो बातें चलती हैं उन्हें लेकर अब पार्टी कार्यकर्ताओं को जवाब देना होगा. अधिवेशन में सभी नेताओं ने अपनी बात रखी लेकिन मंच पर मौजूद पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व अध्यक्षों ने अपनी बात समय की कमी के चलते नहीं रखी.
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सचिन पायलट ने भी अपनी बात मंच पर नहीं रखी. हालांकि कार्यक्रम के अंत में गोविंद डोटासरा ने कहा कि समय की कमी के चलते पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी बात नहीं रखी, इसके लिए उनका धन्यवाद. वहीं अधिवेशन में शामिल होने पहुंचे प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी कांग्रेस नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री मैं हूं या कोई अन्य पद पर बैठा नेता, किसी का भी पद स्थाई नहीं है. उन्होंने कहा कि आखिरी किनारे पर बैठे कार्यकर्ता को भी कांग्रेस में मौका मिलता है.