जयपुर. प्रदेश की विधानसभा में शुक्रवार 2 वो बड़ी घटनाएं घटित हुई जो संभवतः राजस्थान के इतिहास में कभी नहीं हुई. पहली तो सीएम गहलोत ने पुराने बजट की कॉपी के पन्ने को पढ़ा, तो दूसरा बजट पेश करते वक्त दोबारा सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा. लेकिन इन बस के बीच सवाल ये उठ रहा है कि आखिर ये चूक कहां हुई. सीएम से हुई इस चूक के बाद राजस्थान विधानसभा में बजट बनाने वालों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बजट में इतनी बड़ी गलती कैसे हुई. जिसके बाद उस अफसर के बारे में लोग जानने को बैचेन हैं जिनकी निगरानी में बजट तैयार किया गया. बजट को लेकर हुई चूक की अब जांच शुरू हो गई है. चलिए आपको बताते हैं वे कौनसे जिम्मेदार हैं, जिनकी निगरानी में बजट तैयार हुआ. देखिये खास रिपोर्ट ...
जांच कमेटी गठित: सीएम गहलोत ने बजट भाषण पढ़ते वक्त पुराने बजट के कुछ पन्नों को पढ़ दिया जो पिछले साल के थे. यह वाक्या तब हुआ जब सीएम मनरेगा को लेकर प्रदेश के लिए घोषणाएं पढ़ रहे थे. उसी समय उन्हें पता चला कि जो प्रतियां उनके हाथ में हैं, वे पिछले बजट की हैं. जिसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ. दो बार सदन की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा. विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि गहलोत सरकार में अफसर बेलगाम हैं. यह घटना इसी का परिणाम है. घटना के बाद जांच कमेटी बिठा दी गई है. कमेटी इस बात की जानकारी जुटाएगी की आखिर चूक कहां हुई. इस मामले में किस अफसर पर क्या कार्रवाई होगी, यह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही क्लियर हो पाएगा.
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आला महकमे में हड़बड़ी: बता दें कि बजट पेश करते वक्त हुई इस चूक के बाद ब्यूरोक्रेसी में बड़ी हलचल है. भरे सदन में सीएम की इस चूक के बाद अब इस बात पर सबकी नजर है कि अब आगे क्या होगा. राजस्थान बजट 2023 को बनाने के लिए 4 IAS अफसर और एक RAS अफसर की 105 दिनों के लगातार 12 घंटों की मेहनत लगी हुई थी. महज 6 से 5 मिनट की गलती से सारी मेहतन पर पानी फिरता नजर आया. इसके साथ अब इसका रिएक्शन भी होना तय है.
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इन अफसरों ने किया तैयार बजट: बजट को तैयार करने में मुख्य किरदार वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा का है. 3 अन्य साथी आईएएस के साथ मिल कर इस बजट को तैयार किया गया. अखिल अरोड़ा को बजट तैयार करने के मामले में एक्सपर्ट माना जाता है. उनकी निगरानी में तैयार बजट में इस तरह की गलती होना बेहद शर्मनाक माना जा रहा है. इसके बाद दूसरा नाम आता है वित्त व्यय सचिव नरेश कुमार ठकराल का. इनका काम था कि किस योजना पर कितना खर्च आएगा. किस विभाग के लिए कितने बजट की आवश्यकता होगी. इस सबका प्लान तैयार किया. तीसरा नाम वित्त बजट सचिव रोहित गुप्ता का है. इनकी जिम्मेदारी बजट भाषण तैयार करने की रही. चौथा नाम वित्त राजस्व सचिव कृष्ण कांत पाठक का है. राजस्व व्यवस्था और उसका प्लान तैयार करना इनकी जिम्मेदारी थी.
कैसे पता चली चूक: सीएम अपने आखिरी बजट भाषण में कह रहे थे कि उन्होंने 125 दिन का काम 100 दिनों में पूरा किया है. यह घोषणा सीएम ने 2022 के बजट में की थी. इस लाइन का जिक्र सुनते ही तत्काल वित्त सचिव अखिल अरोड़ा ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को अपने पास बुलाया और उनको सीएम से हुई भारी चूक के बारे में बताया. जिसके बाद महेश जोशी सीएम की सीट पर गए और उन्हें बजट पढ़ने के दौरान हुई गलती का अहसास कराया. बता दें कि राजस्थान विधानसभा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. खास बात ये है कि पहली बार बजट को स्कूल—कॉलेज में भी लाइव दिखाया गया.