जयपुर. राजस्थान में सत्ता और संगठन फीडबैक ले रहे हैं, लेकिन इस फीडबैक में ही अब समानांतर दूसरे फीडबैक की चर्चा भी हो रही है. सवाल यह उठ रहे हैं क्या केवल अपने जीतने के लिए फीडबैक लिया जा रहा है या अपने प्रतिस्पर्द्धियों को पटखनी देने के लिए भी जमीन तैयार की जा रही है. कहा जा रहा है कि इस फीडबैक में सचिन पायलट के सोमवार के दौरे की भी चर्चा हुई. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उदयपुर, कोटा, भरतपुर संभाग के कांग्रेस और समर्थित विधायकों से वन टू वन संवाद कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर पायलट और राजेंद्र गुढ़ा के खेतड़ी में दिए गए भाषण के बाद वॉर रूम का तापमान भी चढ़ गया है.
वॉर रूम में उठा पार्टी के अंदर घमासान का धुआंः दूसरे दिन चल रहे संवाद कार्यक्रम में सचिन पायलट के कल के दौरे और बयानों का भी असर देखने को मिल रहा है. दरअसल जो बात कंट्रोल रूम से बाहर आई है. उसके मुताबिक सचिन पायलट के खेतड़ी दौरे की चर्चा वॉर रूम तक पहुंच गई है. एक विधायक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि दरअसल वॉर रूम में पार्टी के भीतर चल रहे घमासान की भी चर्चा दिख रही है. बताया जा रहा है कि वॉर रूम में फीडबैक ले रहे नेताओं के पास कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की कटिंग और ऐसे दस्तावेज देखे गए जिनमें खेतड़ी में सोमवार को हुए पार्टी नेताओं के भाषण और बयानों का जिक्र था. इस रिपोर्ट में मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के साथ ही पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बयानों की भी चर्चा दिखी है. फीडबैक से लौटे नेताओं का कहना है की पार्टी नेताओं में फौरी तौर पर इसकी चर्चा दिखी है लेकिन कितनी गहन चर्चा हुई और आगे क्या रिपोर्ट तैयार होगी इस बारे में वह भी दावे से कुछ भी नहीं कह रहे.
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राजेंद्र गुढ़ा ने आलाकमान को दे डाली थी सीधे चुनौतीः आपको बता दें कि सोमवार को खेतड़ी में हुए कार्यक्रम में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मंच से चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि, अगर किसी ने मां का दूध पिया है, तो वह सचिन पायलट पर कार्रवाई करके बताए. उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो उसे छठी का दूध याद दिला देंगे. राजेंद्र गुढ़ा के इस बयान को पार्टी के कुछ हलकों में आलाकमान को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. इसके साथ ही सचिन पायलट के बयान की भी चर्चा थी. पायलट ने कहा था कि वे जब किसी का विरोध करते हैं तो धुआं निकाल देते हैं. हालांकि पायलट के बयान को अनुशासनहीनता के तौर पर तो नहीं देखा जा रहा, लेकिन दूसरे बयानों की जानकारी प्रदेश प्रभारी को विस्तार से दी गई है. इसके सपोर्ट में मीडिया रिपोर्ट के तथ्य भी प्रभारी को दिखाए गए हैं. अब कांग्रेस वॉर रूम के वन टू वन संवाद से बाहर आई इस चर्चा के बाद कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में हलचल और बढ़ सकती है.