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राजस्थान में 15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से होगी मंडियों में फसलों की खरीद, सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा ध्यान

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Published : Apr 9, 2020, 9:50 AM IST

Updated : Apr 9, 2020, 10:36 AM IST

देश भर में चल रहे लॉकडाउन के बीच मंडी में फसल बेचने वाले प्रदेश के किसानों के राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में चरणबद्ध रूप से 15 अप्रैल से रबी जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और खुली खरीद शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.

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15 अप्रैल से कृषि जिंसों की खरीद

जयपुर. देश भर में फैले कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बीच मंडी में फसल बेचने वाले प्रदेश के किसानों के राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं खुली खरीद प्रक्रिया के जरिए चरणबद्ध खरीद प्रारंभ करने के लिए प्रदेश की अनाज मंडियों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रदेश में चरणबद्ध रूप से 15 अप्रैल से रबी जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद तथा खुली खरीद शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.

  • किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के कारण यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कीमत पर खरीद केन्द्रों एवं मंडियों में भीड़ की स्थिति न हो।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है. कोरोना महामारी के कारण यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कीमत पर खरीद केन्द्रों एवं मंडियों में भीड़ की स्थिति ना हो. सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी प्रोटोकॉल की पूरी पालना कर किसानों, व्यापारियों मजदूरों पल्लेदारों तथा खरीद प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाए.

ये पढ़ें- स्पेशल: अब अंतिम विदाई भी मुश्किलों में, श्मशान घाटों पर लकड़ियों का स्टॉक खत्म होने की कगार पर...

इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, खाद्य मंत्री रमेश मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, सहकारिता राज्यमंत्री टीकाराम जूली के साथ विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों मौजूद रहें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि चूंकि राज्य में गेहूं एवं अन्य रबी जिंसों की कटाई अंतिम चरण में है. ऐसे में 15 अप्रैल से खरीद शुरू कर दी जाएगी.

इसी के साथ बताया गया कि विकेन्द्रीकृत खरीद को सुलभ बनाने के लिए कृषक उत्पादक संगठनों, कृषक उत्पादक कंपनियों प्रोसेसिंग इकाइयों और इच्छुक व्यापारियों को सीधी खरीद का लाइसेंस देने की प्रक्रिया चल रही है. इससे किसानों को उनके खेत के पास ही अपनी जिंसों को बेचने की सुविधा मिल सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में क्लस्टर बनाकर छोटी और गौण मंडियों में सक्षम ग्राम सेवा सहकारी समितियों की भागीदारी भी खरीद में सुनिश्चित की जाए. इससे राज्य में करीब 800 स्थानों पर कृषि जिंसों की चरणबद्ध तरीके से खरीद हो सकेगी.

  • कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री श्री भजनलाल जाटव, सहकारिता राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली के साथ विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों से भी इस विषय पर चर्चा की।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 8, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये पढ़ें- तबलीगी जमात मामले में जांच की बात कहकर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं CM: अरुण चतुर्वेदी

वहीं चर्चा के दौरान कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि पांच-पांच ग्राम पंचायतों के समूह पर एक ग्राम सेवा सहकारी समिति को केन्द्र बनाकर खरीद की जा सकती है. जिससे मण्डियों में आने वाले किसानों, मजदूरों और अन्य व्यक्तियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि खरीद का लाभ किसानों को मिले इस बात का पूरा ख्याल रखा जाए.

जयपुर. देश भर में फैले कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बीच मंडी में फसल बेचने वाले प्रदेश के किसानों के राहत भरी खबर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं खुली खरीद प्रक्रिया के जरिए चरणबद्ध खरीद प्रारंभ करने के लिए प्रदेश की अनाज मंडियों में सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने प्रदेश में चरणबद्ध रूप से 15 अप्रैल से रबी जिंसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद तथा खुली खरीद शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं.

  • किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के कारण यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कीमत पर खरीद केन्द्रों एवं मंडियों में भीड़ की स्थिति न हो।
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सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहा कि किसानों का हित सरकार की प्राथमिकता है. कोरोना महामारी के कारण यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कीमत पर खरीद केन्द्रों एवं मंडियों में भीड़ की स्थिति ना हो. सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी प्रोटोकॉल की पूरी पालना कर किसानों, व्यापारियों मजदूरों पल्लेदारों तथा खरीद प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा जाए.

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इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, खाद्य मंत्री रमेश मीणा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव, सहकारिता राज्यमंत्री टीकाराम जूली के साथ विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों मौजूद रहें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बताया गया कि चूंकि राज्य में गेहूं एवं अन्य रबी जिंसों की कटाई अंतिम चरण में है. ऐसे में 15 अप्रैल से खरीद शुरू कर दी जाएगी.

इसी के साथ बताया गया कि विकेन्द्रीकृत खरीद को सुलभ बनाने के लिए कृषक उत्पादक संगठनों, कृषक उत्पादक कंपनियों प्रोसेसिंग इकाइयों और इच्छुक व्यापारियों को सीधी खरीद का लाइसेंस देने की प्रक्रिया चल रही है. इससे किसानों को उनके खेत के पास ही अपनी जिंसों को बेचने की सुविधा मिल सकेगी. ग्रामीण क्षेत्रों में क्लस्टर बनाकर छोटी और गौण मंडियों में सक्षम ग्राम सेवा सहकारी समितियों की भागीदारी भी खरीद में सुनिश्चित की जाए. इससे राज्य में करीब 800 स्थानों पर कृषि जिंसों की चरणबद्ध तरीके से खरीद हो सकेगी.

  • कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री श्री भजनलाल जाटव, सहकारिता राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली के साथ विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों से भी इस विषय पर चर्चा की।
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वहीं चर्चा के दौरान कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि पांच-पांच ग्राम पंचायतों के समूह पर एक ग्राम सेवा सहकारी समिति को केन्द्र बनाकर खरीद की जा सकती है. जिससे मण्डियों में आने वाले किसानों, मजदूरों और अन्य व्यक्तियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि खरीद का लाभ किसानों को मिले इस बात का पूरा ख्याल रखा जाए.

Last Updated : Apr 9, 2020, 10:36 AM IST
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