जयपुर. मुख्यमंत्री गहलोत के तबलीगी जमात मामले में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस मामले की जांच की बात कहकर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं.
बुधवार को चतुर्वेदी ने इस मामले में कहा कि तबलीगी जमात के लोगों की ओर से जिस तरह देशभर में निकल कर महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को तीव्र गति से फैलाने का काम किया उससे पूरा देश आहत है और चाहता है कि कम से कम इसके लिए दोषी लोगों पर कार्रवाई तो हो. अब जब उन पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि केंद्र इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराएं.
जिससे पता चल पाए कि आखिर इस पूरे घटनाक्रम में गलती किसकी रही. चतुर्वेदी ने कहा कि गहलोत आखिर बताएं कि किस बात की जांच करनी है. उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन में तबलीगी जमात का जमावड़ा हुआ, जो सब की जानकारी में है. इसके बाद यहां से जमात के कई लोग निकल कर देश भर में गए, जिसकी किसी को भी सूचना नहीं दी गई.
चतुर्वेदी ने कहा इनमें से कई लोगों ने तो जांच करने आए मेडिकल टीम और पुलिस कर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार करने का काम किया, जिस पर सरकार को सख्ती से कार्रवाई करना चाहिए थी लेकिन अब सीएम की मांग से साफ हो गया है कि वह इस पूरे विषय में पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को वीसी के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि तबलीगी जमात के मामले में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करवाना चाहिए. इतनी बड़ी गलती हुई कैसे, जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो और इस मामले में सच्चाई सामने आने के लिए जांच जरूरी है. उन्होंने कहा कि बताने के बावजूद प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की, केंद्र को आयोजन रोकना चाहिए था.