जयपुर. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जल शक्ति अभियान को लेकर मैटेरियल के लिए फंड की मांग की है. उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान में लगने वाले श्रम के लिए मनरेगा से फंडिंग कर दी जाएगी. वहीं मेटेरियल के लिए किसी भी तरह की फंडिंग का कोई प्रावधान नहीं किया गया है.
जिला कलेक्टर जयपुर सिंह यादव ने बताया कि 1 जुलाई को जल शक्ति अभियान के लिए एक अहम बैठक ली गई थी. जिसमें जनप्रतिनिधियों से सूझाव लिए गए थे. जिला परिषद, भूजल विभाग, वन विभाग, पीएचईडी, कृषि विभाग के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों के तहत ही जल संरक्षण, जल संवर्धन, जल संग्रहण के कार्यक्रम करने के लिए निर्दिष्ट किया गया है.
कलेक्टर यादव ने केंद्र की तरफ से आए हुए केंद्रीय टीम के सामने यह मांग रखी कि ईस्टर्न कैनाल योजना को जल शक्ति अभियान के तहत लिया जाए. इससे 11 जिलों को लाभ होगा. जल संग्रहण, जल संरक्षण और जल का अच्छा उपयोग किया जा सकेगा. जल शक्ति अभियान के तहत पुराने स्त्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. साथ ही नए स्थलों का निर्माण जियो टैगिंग से किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत हर पंचायत समिति से चारागाह, स्कूल, शमशान, तालाब और सार्वजनिक स्थल पर काम किये जाते हैं, इन्हीं को जल शक्ति अभियान से जोड़ा जाएगा. जल शक्ति अभियान के तहत चारागाह में पेड़ पौधे लगाए जाएंगे और इसके लिए वन विभाग को कहा गया है. उनसे तकनीकी परामर्श भी लिया जाएगा.
केंद्रीय दल से जिला कलेक्टर ने मैटेरियल्स के लिए फंड देने का आग्रह किया है. साथ ही जलशक्ति अभियान शुरू करने के लिए समय की मांग की गई है. जिला कलेक्टर जगरूप यादव ने कहा है कि योजना को मजबूती से लागू करने के लिए मेटेरियल वैल्यू केंद्र की तरफ से मिलने चाहिए. कॉरपोरेट अपने लाभ में से साल का 2 फ़ीसदी सामाजिक कार्यो पर खर्च करते हैं तो उसकी सूचना भी उन्हें जिला अधिकारी को बतानी चाहिए. इन कार्य योजना का अनुमोदन न सही कम से कम कार्य योजना की सूचना जिला अधिकारी को देना जरूरी होना चाहिए.