जयपुर. रक्षाबंधन के पर्व पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर स्नेह का धागा बांधना चाहती है. भाई-बहन के स्नेह के इस पर्व पर जयपुर की सेंट्रल जेल में भी रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया. बड़ी संख्या में बहनें जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंची. एक तरफ अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने की खुशी थी, तो दूसरी तरफ सलाखों के पीछे खड़े भाई की दशा देखकर चेहरे पर छाई मायूसी. बहनों ने सलाखों के पीछे खड़े भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर मुंह मीठा करवाया, तो दोनों की आंखें नम हो गई. कमोबेश यही नजारा आज जयपुर के केंद्रीय कारागार में दिनभर देखने को मिला.
बहनों ने राखी बांधकर अपने भाई की लंबी उम्र के साथ जल्दी उसके जेल से बाहर आने की भी प्रार्थना की. कई बहनें ऐसी थी. जिनके भाई लंबे समय से जेल में हैं, तो कई बहनें ऐसी भी आई जिनके भाई कुछ दिन पहले ही जेल में आए हैं. जयपुर की सेंट्रल जेल में अपने भाई को राखी बांधने आई गोनेर रोड की निशा कहती हैं, किसी भी भाई-बहन के जीवन में ऐसा दिन नहीं आए कि बहन को राखी बांधने के लिए जेल आना पड़े.
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निशा कहती हैं, यह बहुत खराब लगता है. ऐसा कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा दिन भी आएगा कि उसे अपने भाई को राखी बांधने जेल आना पड़ेगा. कोई बहन ऐसा नहीं सोचती है कि उसका भाई जेल में हो. वहीं, चिरनगढ़ गांव से अपने भाई को जेल में राखी बांधने आई खेलंता गुर्जर बात करते हुए भावुक हो गई. उसका कहना है कि भाई को जेल में डेढ़ साल हो गया है. आज रक्षाबंधन पर वह उसे राखी बांधने यहां आई है. उसने भाई की लंबी उम्र के साथ ही जल्दी जेल से बाहर आने की प्रार्थना की.
जेल प्रशासन ने किए खास इंतजाम: जयपुर केंद्रीय कारागार के अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि बहनें अपने भाई की कलाई पर खुद राखी बांध सके, तिलक कर सके और मुंह मीठा करवा सके. इसके लिए जेल प्रशासन की ओर से मुलाकात कक्ष में व्यवस्था की गई है. बंदियों के परिजनों के बैठने के लिए टेंट लगाकर छाया का इंतजाम किया गया है. पीने के पानी का भी अलग से इंतजाम किया गया है. उनका कहना है कि सेल के बंदियों को भी मुलाकात कक्ष में ही बहनों से मिलवाया जा रहा है. उनके लिए अंदर किसी को अनुमति नहीं दी जा रही है.
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आरएसी और पुलिस जाब्ता भी तैनात: इस दौरान जेल में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जेल प्रहरियों की टीम के साथ ही आरएसी, लालकोठी थाने का जाब्ता तैनात किया गया है. इसके साथ ही रिजर्व पुलिस लाइन से भी अतिरिक्त जाब्ता बुलाया गया है. सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर जगह-जगह टीम तैनात की गई हैं. यह टीमें सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही परिजनों को गाइड भी कर रहे हैं.
तीन जगह जांच, मिठाई-राखी ले जाने की अनुमति: बंदियों से मुलाकात करने आ रही बहनों की सुरक्षा की दृष्टि से तीन जगह जांच की जा रही है. उन्हें मुलाकात कक्ष में सिर्फ मिठाई और राखी ही ले जाने दी जा रही है. मिठाई के पैकेट्स को भी खोलकर तलाशी ली जा रही है. गेट के बाहर परिजनों की जांच की जा रही है. इसके बाद गेट के भीतर आरएसी की टीम चेकिंग कर रही है. मुलाकात कक्ष में जाने से पहले जेल सुरक्षा में लगे कर्मचारी जांच कर रहे हैं. आज सिर्फ महिलाओं को ही बंदियों से मुलाकात कार्रवाई जा रही है. ऐसे में महिला सुरक्षाकर्मियों की टीम भी पर्याप्त संख्या में तैनात की गई है.
भद्रा का साया: हर साल की तुलना में कम भीड़हर साल राखी पर जितनी महिलाएं जेल में बंद अपने भाइयों से मिलने आती हैं. उसकी तुलना में इस बार यह संख्या कम है. इस पर जेल अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है. उसका असर जेल की राखी पर भी पड़ा है. हर साल जितनी महिलाएं आती हैं. उससे कम महिलाएं इस बार पहुंची हैं. उन्होंने बताया कि शाम 5 बजे तक जो भी महिलाएं आई. उन्हें अपने भाइयों से मुलाकात करवाकर राखी बंधवाई गई.