जयपुर. राजस्थान में हर दिन नए कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. शुक्रवार को भी 1076 सैंपल में से 6 कोरोना पॉजिटिव मिले, जिनमें चार जयपुर के और दो उदयपुर में पाए गए. अब प्रदेश में कोरोना के 37 एक्टिव केस हो गए हैं. संक्रमण का प्रभाव ज्यादा ना फैले और मरीजों को समय पर उपचार मिल जाए इसे मद्देनजर देखते हुए चिकित्सा महकमा सक्रियता तो दिखा रहा है, लेकिन सरकारी अस्पतालों का स्टाफ शायद इससे इत्तेफाक नहीं रखता.
स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह के निर्देश पर संभागीय संयुक्त निदेशक और सीएमएचओ स्तर के अधिकारियों ने शुक्रवार को 294 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 159 कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, 3 सैटेलाइट हॉस्पिटल, 11 उप जिला अस्पताल, 10 जिला चिकित्सालयों में अधिकारियों ने औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाओं की जांच की. जांच के दौरान बिना सूचना के 221 चिकित्सक, 443 नर्सिंग-पैरामेडिकल स्टाफ, 37 मंत्रालयिक कार्मिक और 426 संविदा कर्मचारी नदारद मिले. ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित मिलने वाले स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं. वहीं, इन सरकारी अस्पताल में 444 चिकित्सक, 1174 नर्सिंग कार्मिक, 92 मंत्रालयिक कार्मिक और 330 संविदा कार्मिक अवकाश पर थे.
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औचक निरीक्षण के दौरान निर्देश: वहीं, डायरेक्टर हेल्थ डॉ रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि एसीएस हेल्थ के निर्देश पर सीएमएचओ स्तर के अधिकारियों की ओर से किए गए औचक निरीक्षण के दौरान ये हकीकत सामने आई. औचक निरीक्षण के दौरान दौरान उपलब्ध जांच-दवा सहित मरीजों को दी जाने वाली उपचार सेवाओं सहित साफ-सफाई और मौसमी बीमारियों की रोक थाम संबंधी गतिविधियों को लेकर दिशा-निर्देश दिए भी दिए गए. वहीं, बिना सूचना अनुपस्थित रहने वालों को सो कॉज नोटिस जारी किए गए. उन्होंने बताया कि इस दौरान कोविड प्रबंधन की दृष्टि से मॉक ड्रिल के जरिए भी संसाधनों की मॉनिटरिंग की गई.
डॉ. माथुर ने बताया कि साफ-सफाई और अन्य सेवाओं को कैटेगरी में भी बांटा गया, जिसके तहत 31 चिकित्सा संस्थान में सेवाएं उत्कृष्ट, 110 में बहुत अच्छी, 184 चिकित्सा संस्थानों में अच्छी, 147 चिकित्सा संस्थानों में संतोषजनक और 5 चिकित्सा संस्थानों में असंतोषजनक सेवाएं पाई गई.