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जयपुर में आयोजित होगा भारतीय महिला फेडरेशन का तीन दिवसीय अधिवेशन

राजधानी जयपुर में इस बार भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस आयोजित होने जा रहा है. तीन दिवसीय अधिवेशन में इस बार संविधान बचाने, लैंगिक समानता के साथ ही NON-VIOLENCE पर चर्चा होगी. अधिवेशन के अंतर्गत महिलाओं को लेकर आगामी तीन साल में होने वाले कार्यों की योजना भी तय की जाएगी.

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Published : Dec 20, 2019, 8:05 PM IST

भारतीय महिला फेडरेशन, Indian Women  Federation
भारतीय महिला फेडरेशन

जयपुर. देश में महिलाओं की सुरक्षा और समानता के अधिकार के लिए इस बार जयपुर में मंथन होगा. देश की पहली भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस राजधानी में आयोजित होने जा रहा है. 27 से 30 दिसंबर तक चलने वाले इस अधिवेशन में संविधान बचाने और लैंगिक समानता के साथ ही अहिंसा पर चर्चा होगी. इस अधिवेशन में 29 राज्यों के 1 हजार से अधिक डेलिगेट्स भाग लेंगे.

जयपुर में होगा भारतीय महिला फेडरेशन का अधिवेशन

फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि देश की महिलाएं इस समय बहुत बड़ी क्राइसिस से गुजर रही है. महिलाओं पर मनुवाद को थोपने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन में महिलाओं के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चैलेंज को लेकर चर्चा होगी.

साथ ही किस तरीके से महिलाओं को समानता का अधिकार दिया जा सकता है उस पर भी चर्चा होगी. उन्होंने बताया कि भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से हर 3 साल में यह अधिवेशन आयोजित किया जाता है. इस अधिवेशन में यह तय किया जाएगा कि आने वाले 3 साल में किस तरह से महिलाओं को लेकर काम किया जाए.

पढ़ें- सांभर झील में पक्षियों की मौत को लेकर हाईकोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय से मांगा जवाब

फेडरेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणा राय ने कहा कि इस समय संविधान खतरे में है. ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं जो आगे जाकर मौलिक अधिकारों को समाप्त कर रहे हैं. लोकतंत्र इस समय खतरे की ओर जा रहा है, मौजूदा ढांचे को तबाह करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस समय देश में महिलाओं को ना बराबरी का अधिकार मिल रहा है और ना ही समानता का.

इस अधिवेशन में महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं की जो बुनियादी मांग है उसके ऊपर इस अधिवेशन में चर्चा होगी. अरुणा राय ने कहा कि जिस तरीके से देश में मनुवाद को बढ़ावा देकर महिलाओं के मौलिक अधिकारों को छीनने का काम किया जा रहा है. इन सभी बिंदुओं को लेकर इस अधिवेशन में चर्चा की जाएगी.

जयपुर. देश में महिलाओं की सुरक्षा और समानता के अधिकार के लिए इस बार जयपुर में मंथन होगा. देश की पहली भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस राजधानी में आयोजित होने जा रहा है. 27 से 30 दिसंबर तक चलने वाले इस अधिवेशन में संविधान बचाने और लैंगिक समानता के साथ ही अहिंसा पर चर्चा होगी. इस अधिवेशन में 29 राज्यों के 1 हजार से अधिक डेलिगेट्स भाग लेंगे.

जयपुर में होगा भारतीय महिला फेडरेशन का अधिवेशन

फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि देश की महिलाएं इस समय बहुत बड़ी क्राइसिस से गुजर रही है. महिलाओं पर मनुवाद को थोपने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस अधिवेशन में महिलाओं के शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में चैलेंज को लेकर चर्चा होगी.

साथ ही किस तरीके से महिलाओं को समानता का अधिकार दिया जा सकता है उस पर भी चर्चा होगी. उन्होंने बताया कि भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से हर 3 साल में यह अधिवेशन आयोजित किया जाता है. इस अधिवेशन में यह तय किया जाएगा कि आने वाले 3 साल में किस तरह से महिलाओं को लेकर काम किया जाए.

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फेडरेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणा राय ने कहा कि इस समय संविधान खतरे में है. ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं जो आगे जाकर मौलिक अधिकारों को समाप्त कर रहे हैं. लोकतंत्र इस समय खतरे की ओर जा रहा है, मौजूदा ढांचे को तबाह करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस समय देश में महिलाओं को ना बराबरी का अधिकार मिल रहा है और ना ही समानता का.

इस अधिवेशन में महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं की जो बुनियादी मांग है उसके ऊपर इस अधिवेशन में चर्चा होगी. अरुणा राय ने कहा कि जिस तरीके से देश में मनुवाद को बढ़ावा देकर महिलाओं के मौलिक अधिकारों को छीनने का काम किया जा रहा है. इन सभी बिंदुओं को लेकर इस अधिवेशन में चर्चा की जाएगी.

Intro:जयपुर

65 वर्ष पुराने देश पहले भारतीय महिला संघ का 21 वा राष्ट्रीय अधिवेशन जयपुर में , 27 से 30 दिसम्बर तक 29 राज्यों के एक हजार डेलीगेट्स लेंगे भाग , महिलाओं की समानता , बराबरी और आर्टिकल 14 पर होगी चर्चा

एंकर:- 65 वर्ष पुराने देश पहले भारतीय महिला संघ का 21 वा राष्ट्रीय अधिवेशन इस बार राजधानी जयपुर में हो रहा है , 27 से 30 दिसम्बर तक होने वाले इस अधिवेशन में 29 राज्यों के एक हजार डेलीगेट्स शामिल होंगे , तीन दिन तक चलने वाले इस अधिवेशन में महिलाओं की समानता , बराबरी और आर्टिकल 14 पर होगी चर्चा ,


Body:VO:- देश में महिलाओं की सुरक्षा उनकी समानता और बराबरी के अधिकार के लिए इस बार गुलाबी नगरी जयपुर में मंथन होगा देश के पहले भारतीय महिला फेडरेशन का 21 वां ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस जयपुर की धरती पर हो रहा है 27 से 30 दिसंबर तक चलने वाले इस अधिवेशन में संविधान बचाने और जेंडर इक्वलिटी के साथ non-violence पर चर्चा होगी इस अधिवेशन में देशभर से 29 राज्यों के 1000 से अधिक डेलिगेट्स भाग लेंगे फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव ने बताया कि देश की महिला इस समय बहुत बड़ी क्राइसिस से गुजर रही है महिलाएं की युद्ध जैसे माहौल से गुजर रही है मनुवाद को थोपने का काम इस समय किया जा रहा है इस अधिवेशन में महिला शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य के क्षेत्र में चैलेंज को लेकर चर्चा होगी साथ ही किस तरीके से महिलाओं को समानता का अधिकार दिया जा सकता है उस पर चर्चा होगी उन्होंने बताया कि भारतीय महिला फेडरेशन की ओर से हर 3 साल में यह अधिवेशन आयोजित किया जाता है इस अधिवेशन में आने वाले 3 साल में किस तरह से महिलाओं को लेकर काम किया जाएगा किस तरह से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन की जाएंगे इन सब पर चर्चा होगी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणा राय ने कहा कि इस समय संविधान खतरे में है जहां कानून ऐसे बनाए जा रहे हैं जो आगे जाकर मौलिक अधिकारों को समाप्त कर रहे हैं लोकतंत्र इस समय खतरे की ओर जा रहा है मौजूदा ढांचे को तबाह करने की कोशिश की जा रही है उन्होंने कहा कि इस समय देश में महिलाओं को ना बराबरी का अधिकार मिल रहा है समानता का अधिकार मिल रहा है ना आर्टिकल 14 में दिए गए अधिकार मिल रहे हैं इस अधिवेशन में महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा होगी महिलाओं की जो बुनियादी मांग है उसके ऊपर इस अधिवेशन में चर्चा होगी अरुणा राय ने कहा कि जिस तरीके से देश में मनुवाद को बढ़ावा देकर महिलाओं के मौलिक अधिकारों को छीनने का काम किया जा रहा है किस तरह से महिलाओं के अधिकारों को बचाकर सुरक्षित रखा जाए इन सब बिंदुओं पर इस अधिवेशन में चर्चा होगी ।
बाइट:- राष्ट्रीय अध्यक्ष - भारतीय महिला फेडरेशन
बाइट:- अरुण रॉय - राष्ट्रीय अध्यक्ष - भारतीय महिला फेडरेशन


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