जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर की एक स्कूल की कक्षा 10 की छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और उसे कक्षा में नहीं बैठाने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, डीईओ और सिडलिंग ग्रुप के निदेशक संदीप बख्शी सहित प्रिंसिपल आशु वधावा से जवाब मांगा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश खुशी प्रधान की ओर से अपने पिता के जरिए दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रो-बोनो अधिवक्ता (निःशुल्क पैरवी करने वाले अधिवक्ता) माही यादव ने याचिका में बताया कि याचिकाकर्ता सीडलिंग स्कूल दुर्गापुरा में कक्षा दस की छात्रा है. स्कूल प्रबंधन की ओर से गत शैक्षणिक सत्र से ही उसे प्रताड़ित किया जा रहा है. सत्र 2022-23 की फीस करीब 89 हजार रुपए है. इसमें से करीब 71 हजार रुपए जमा कराए जा चुके हैं. इसके बावजूद भी स्कूल प्रशासन ने अवैध तरीके से इस राशि को पिछले सत्र की फीस में समायोजित कर लिया.
आरोप है कि याचिकाकर्ता के प्रताड़ना की जानकारी मिलने पर याचिकाकर्ता के पिता उसके स्कूल गए, लेकिन प्रिंसिपल ने उनकी भी बेइज्जती की और रिकवरी एजेंट की तरह व्यवहार करते हुए उनका मोबाइल छीन लिया. वहीं प्रिंसिपल की शिकायत पर उन्हें एक दिन पुलिस अभिरक्षा में भी रहना पड़ा. याचिका में यह भी कहा गया कि उसने बाल आयोग और शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में स्कूल प्रशासन की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इसके अलावा स्कूल प्रशासन ने याचिकाकर्ता को न तो प्री-बोर्ड परीक्षा में शामिल किया और न ही उसे प्रायोगिक परीक्षा में शामिल कर रहे हैं. जबकि प्री-बोर्ड परीक्षा के 25 फीसदी अंकों को ग्रेडिंग देने में शामिल किया जाता है. वहीं अब उसे कक्षा में भी नहीं बैठने दिया जा रहा. इस मामले में सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों व स्कूल प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.