जयपुर. राजस्थान में संगठित अपराधियों से लेकर छुटभैया बदमाशों तक मध्यप्रदेश से अवैध हथियार पहुंच रहे हैं. करीब 600 किमी दूर मध्यप्रदेश के धार से जयपुर के आसपास बदमाशों तक अवैध हथियार पहुंचाने के लिए एक पूरा नेटवर्क काम कर रहा है. इस साल हथियार के साथ पकड़े गए बदमाशों और अवैध हथियारों के तस्करों से जो जानकारी सामने आई है, वह पुलिस के लिए भी चौंकाने वाली है.
दरअसल, बदमाशों और हथियार तस्करों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जयपुर में पकड़े गए ज्यादातर अवैध हथियार मध्यप्रदेश के धार इलाके में बने हैं. कुछ मामलों में मध्यप्रदेश के ही भिंड इलाके से भी हथियार यहां पहुंचने की जानकारी सामने आई है. अवैध हथियारों के 600 किमी दूर से जयपुर के आसपास पहुंचने की कहानी से ज्यादा रहस्यमयी है कारतूसों की कहानी, जो पुलिस के लिए भी फिलहाल किसी पहेली से कम नहीं है.
पंजाब से ज्यादा कारतूस की सप्लाई : सीआईडी सीबी के डीआईजी राहुल प्रकाश बताते हैं कि अवैध हथियारों के स्त्रोत को लेकर गहन अनुसंधान किया जाता है. बहुत सारे हथियार मध्यप्रदेश के धार और भिंड इलाके में बनने की जानकारी मिली है. पिछले दिनों चूरू के सुजानगढ़ में फायरिंग के मामले में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में हथियारों के कारतूस अन्य राज्यों से आने की बात सामने आई है. खास तौर पर पंजाब से हथियारों के कारतूस ज्यादा आ रहे हैं. अवैध हथियार तो काफी जगहों पर अवैध तरीके से बन रहे हैं, लेकिन कारतूस को अवैध तरीके से बना पाना संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में संभावना है कि जो आर्म्स डीलर हैं, उनके यहां से कारतूस किसी तरीके से निकालकर बदमाशों तक पहुंचाया जा रहा है.
ट्रेन के रास्ते लाए जा रहे हैं अवैध हथियार : सड़क के रास्ते मध्यप्रदेश के धार और भिंड से जयपुर तक जगह-जगह पुलिस की चेकिंग में पकड़े जाने के खतरे को भांपते हुए कई बार हथियार तस्कर ट्रेन के रास्ते हथियार लाकर सप्लाई करते हैं. एक गैंग के बारे में एसओजी को जानकारी मिलने पर दो हथियार तस्करों को अवैध पिस्टल के साथ पकड़ा गया था. एसओजी ने लगातार पीछा कर इन बदमाशों को भरतपुर से पकड़ा था.
पुलिस से बचने के लिए विदेशी नंबर से वाट्सएप कॉल : पुलिस से बचने के लिए हथियार तस्कर विदेशी नंबर से वाट्सएप कॉल पर ही डील फाइनल करते हैं. वाट्सएप कॉल के लिए वाई-फाई डोंगल से इंटेटनेट का उपयोग करते हैं और अपने घर से दो-चार किमी दूर ही वाई-फाई डोंगल को स्विच ऑफ कर देते हैं, ताकि पुलिस को लोकेशन नहीं पता चल सके. जयपुर के जयसिंहपुरा खोर से पकड़े गए अंतरराज्यीय हथियार तस्कर भंवरसिंह मीणा की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह खुलासा हुआ है.
दोगुने दाम में बेचते हैं अवैध हथियार : जयपुर और आसपास के इलाकों में सक्रिय हथियार तस्कर मध्यप्रदेश के धार और भिंड इलाके से सस्ते दाम पर अवैध हथियार खरीदकर यहां लगभग दोगुने दाम पर बेचते हैं. बताया जा रहा है कि उस इलाके में 10 हजार में देसी कट्टा, 15 हजार में रिवॉल्वर और 20-22 हजार रुपए में पिस्टल मिलती है, जिन्हें यहां लगभग दोगुने दाम पर बेचा जाता है.
बदमाश और युवा वर्ग सॉफ्ट टार्गेट : वाहन चोरी, नकबजनी और लूट की वारदात के कई मामलों में हथियार का डर दिखाकर वारदात को अंजाम देने की बात सामने आई है. हथियार तस्करों के सॉफ्ट टारगेट ऐसे बदमाश होते हैं, जो रौब झाड़ने और डराने-धमकाने के लिए हथियार खरीदते हैं. इसके साथ ही कई युवाओं में भी हथियार रखने और हथियार के साथ फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का ट्रेंड देखा गया है. ऐसे युवा भी हथियार तस्करों के निशाने पर रहते हैं. हालांकि, पुलिस की सख्ती के चलते इस तरह के मामलों में अब कमी देखी जा रही है.
ऑपरेशन आग ने ठंडा किया 'जोश' : दिखावे के लिए हथियार खरीदने और सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करने वाले युवाओं और बदमाशों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन (एक्शन अगेंस्ट गन) 'आग' चलाया है. अब तक जयपुर आयुक्तालय इलाके में इस मुहिम के तहत 770 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 300 से ज्यादा देसी कट्टे, 240 से ज्यादा पिस्टल और 15 रिवॉल्वर जब्त की गई हैं. इसके साथ ही चार टोपीदार बंदूक और पांच 12 बोर बंदूक भी जब्त की गई हैं.
अवैध हथियार रखने वाले बदमाशों और तस्करों पर शिकंजा
1. 26 अप्रैल को श्याम नगर थाना पुलिस ने आचित्य सिंह पंवार, मनीष योगी और हर्ष सिंह को गिरफ्तार कर एक पिस्टल और दो देसी कट्टे जब्त किए थे. इन्होंने भी मध्यप्रदेश से हथियार खरीदे थे.
2. 1 मई को एसओजी ने भरतपुर रेलवे स्टेशन से श्याम बिहारी मीणा और अखिलेश मीणा को 6 पिस्टल और 7 मैगजीन के साथ पकड़ा था. इन्होंने भी मध्यप्रदेश के धार से हथियार खरीदे थे.
3. अंतरराज्यीय हथियार तस्कर भंवर सिंह मीणा को पुलिस ने 6 पिस्टल और 116 कारतूस के साथ पकड़ा था. वह मध्यप्रदेश के धार से हथियार लाकर यहां गैंगस्टर और वाहन चोर गिरोह के बदमाशों को सप्लाई करता था.