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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में 15 साल पूरानी कोशिश लाई रंग....जल्द लाया जाएगा दरियाई घोड़ा

जयपुर में पहली बार दरियाई घोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बनेगा. 15 साल की मेहनत के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बन रहे एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़ा आएगा. दुर्लभ भेड़ियों के बदले दूसरे राज्य से दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जाएगा. जयपुर में दरियाई घोड़ा लाने की 15 साल पुरानी कोशिश अब रंग लाने वाली है. जल्द ही मैसूर जू से जयपुर में दरियाई घोड़ा यानी हिप्पोपोटेमस का जोड़ा लाने की तैयारियां को अमलीजामा पहनाया जाएगा.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द लाया जाएगा दरियाई घोड़ा
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Published : Apr 1, 2019, 7:34 PM IST

जयपुर. पहली बार दरियाई घोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बनेगा. इसके लिए पिछले 15 साल से कवायद की जा रही थी. अबनाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बन रहे एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़ा आएगा.दुर्लभ भेड़ियों के बदले दूसरे राज्य से दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जाएगा. जयपुर में दरियाई घोड़ा लाने की 15 साल पुरानी कोशिश अब रंग लाने वाली है.

नाहरगढ़बायोलॉजिकल पार्क में जल्द लाया जाएगादरियाई घोड़ा


वर्ष 2005 से जयपुर जू में दरियाई घोड़ा लाने की कोशिश की जा रही है.पहले भी दरियाई घोड़ा लाने की उम्मीद में एक खास तालाब भी बनाया गया. लेकिन तब से लेकर आज तक दरियाई घोड़ा नहीं आ सका.अफ्रीकी महाद्वीप के इस दानवाकार वन्यजीव को जयपुर लाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति मिल गई है.दरियाई घोड़ा अप्रैल के पहले सप्ताह में लाने की तैयारी की जा रही थी.लेकिन गर्मी तेज होने के कारण अभी घोड़े को लाना मुश्किल है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में तैयार किए जा रहे हैं एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े का जोड़ा रखा जाएगा, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

एग्जॉटिक पार्क को करीब 20 हेक्टेयर में डवलप किया गया है.एग्जॉटिक पार्क लगभग तैयार होने वाला है,इसमें लैंड स्केटिंग के साथ प्लांटेशन और पाथवे भी बनाया गया है.यहां पर एनिमल्स लाने की कवायद तेज की जा रही है. इस एग्जॉटिक पार्क में आने वाले एनिमल्स में सबसे खास हिप्पो का जोड़ा रहेगा.एग्जॉटिक पार्क में ज्यादातर अफ्रीकी महाद्वीप के वन्यजीव लाए जाएंगे.जिनमें हिप्पो के बाद जेब्रा, जिराफ, अफ्रीकी गैंडा और हाथी लाने की तैयारी है.हालांकि अभी जेब्रा और जिराफ के लिए कहीं से सहमति नहीं मिल पाई है.लेकिन वन विभाग इंटरनेशनल एजेंसीज की मदद लेने की कोशिश कर रहा है.ताकि वन्यजीवों को आसानी से एक्सचेंज किया जा सके.इस बार जयपुर जू में वुल्फ की सफल ब्रीडिंग की वजह से दरियाई घोड़ा आने में मदद मिली है.क्योंकि भेड़िए के जोड़े के बदले ही हिप्पो यानी दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जा रहा है.इसके बाद जेब्रा और जिराफ लाने की भी प्रयास किया जा रहा है.

जयपुर. पहली बार दरियाई घोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बनेगा. इसके लिए पिछले 15 साल से कवायद की जा रही थी. अबनाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बन रहे एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़ा आएगा.दुर्लभ भेड़ियों के बदले दूसरे राज्य से दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जाएगा. जयपुर में दरियाई घोड़ा लाने की 15 साल पुरानी कोशिश अब रंग लाने वाली है.

नाहरगढ़बायोलॉजिकल पार्क में जल्द लाया जाएगादरियाई घोड़ा


वर्ष 2005 से जयपुर जू में दरियाई घोड़ा लाने की कोशिश की जा रही है.पहले भी दरियाई घोड़ा लाने की उम्मीद में एक खास तालाब भी बनाया गया. लेकिन तब से लेकर आज तक दरियाई घोड़ा नहीं आ सका.अफ्रीकी महाद्वीप के इस दानवाकार वन्यजीव को जयपुर लाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति मिल गई है.दरियाई घोड़ा अप्रैल के पहले सप्ताह में लाने की तैयारी की जा रही थी.लेकिन गर्मी तेज होने के कारण अभी घोड़े को लाना मुश्किल है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में तैयार किए जा रहे हैं एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े का जोड़ा रखा जाएगा, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

एग्जॉटिक पार्क को करीब 20 हेक्टेयर में डवलप किया गया है.एग्जॉटिक पार्क लगभग तैयार होने वाला है,इसमें लैंड स्केटिंग के साथ प्लांटेशन और पाथवे भी बनाया गया है.यहां पर एनिमल्स लाने की कवायद तेज की जा रही है. इस एग्जॉटिक पार्क में आने वाले एनिमल्स में सबसे खास हिप्पो का जोड़ा रहेगा.एग्जॉटिक पार्क में ज्यादातर अफ्रीकी महाद्वीप के वन्यजीव लाए जाएंगे.जिनमें हिप्पो के बाद जेब्रा, जिराफ, अफ्रीकी गैंडा और हाथी लाने की तैयारी है.हालांकि अभी जेब्रा और जिराफ के लिए कहीं से सहमति नहीं मिल पाई है.लेकिन वन विभाग इंटरनेशनल एजेंसीज की मदद लेने की कोशिश कर रहा है.ताकि वन्यजीवों को आसानी से एक्सचेंज किया जा सके.इस बार जयपुर जू में वुल्फ की सफल ब्रीडिंग की वजह से दरियाई घोड़ा आने में मदद मिली है.क्योंकि भेड़िए के जोड़े के बदले ही हिप्पो यानी दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जा रहा है.इसके बाद जेब्रा और जिराफ लाने की भी प्रयास किया जा रहा है.

Intro:जयपुर
एंकर- जयपुर में पहली बार दरियाई घोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बनेगा। 15 साल की मेहनत के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बन रहे एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़ा आएगा। दुर्लभ भेड़ियों के बदले दूसरे राज्य से दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जाएगा। जयपुर में दरियाई घोड़ा लाने की 15 साल पुरानी कोशिश अब रंग लाने वाली है। जल्द ही मैसूर जू से जयपुर में दरियाई घोड़ा यानी हिप्पोपोटेमस का जोड़ा लाने की तैयारियां की जा रही है। जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इसके लिए एग्जॉटिक पार्क बनाया गया है।


Body:जयपुर में पहली बार दरियाई घोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की शान बनेगा। 15 साल की मेहनत के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बन रहे एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़ा आएगा। दुर्लभ भेड़ियों के बदले दूसरे राज्य से दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जाएगा। जयपुर में दरियाई घोड़ा लाने की 15 साल पुरानी कोशिश अब रंग लाने वाली है। जल्द ही मैसूर जू से जयपुर में दरियाई घोड़ा यानी हिप्पोपोटेमस का जोड़ा लाने की तैयारियां की जा रही है। जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इसके लिए एग्जॉटिक पार्क बनाया गया है।
वर्ष 2005 से जयपुर जू में दरियाई घोड़ा लाने की कोशिश की जा रही है। पहले भी दरियाई घोड़ा लाने की उम्मीद में एक खास तालाब भी बनाया गया। लेकिन तब से लेकर आज तक दरियाई घोड़ा नहीं आ सका। अफ्रीकी महाद्वीप के इस दानवाकार वन्यजीव को जयपुर लाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति मिल गई है। दरियाई घोड़ा अप्रैल के पहले सप्ताह में लाने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन गर्मी तेज होने के कारण अभी घोड़े को लाना मुश्किल है। क्योंकि यह जलीय जीव माना जाता है यानी में पानी में रहता है। लेकिन बहुत जल्द वन विभाग दरियाई घोड़ा जयपुर लेकर आएगा। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में तैयार किए जा रहे हैं एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े का जोड़ा रखा जाएगा, जो कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

एग्जॉटिक पार्क को करीब 20 हेक्टेयर में डवलप किया गया है। एग्जॉटिक पार्क लगभग तैयार होने वाला है। इसमें लैंड स्केटिंग के साथ प्लांटेशन और पाथवे भी बनाया गया है। यहां पर एनिमल्स लाने की कवायद तेज की जा रही है। इस एग्जॉटिक पार्क में आने वाले एनिमल्स में सबसे खास हिप्पो का जोड़ा रहेगा। एग्जॉटिक पार्क में ज्यादातर अफ्रीकी महाद्वीप के वन्यजीव लाए जाएंगे। जिनमें हिप्पो के बाद जेब्रा, जिराफ, अफ्रीकी गैंडा और हाथी लाने की तैयारी है। हालांकि अभी जेब्रा और जिराफ के लिए कहीं से सहमति नहीं मिल पाई है। लेकिन वन विभाग ने इंटरनेशनल एजेंसीज की मदद लेने की कोशिश कर रहा है। ताकि वन्यजीवों को आसानी से एक्सचेंज किया जा सके। इस बार जयपुर जू में वुल्फ की सफल ब्रीडिंग की वजह से दरियाई घोड़ा आने में मदद मिली है। क्योंकि भेड़िए के जोड़े के बदले ही हिप्पो यानी दरियाई घोड़े का जोड़ा लाया जा रहा है। इसके बाद जेब्रा और जिराफ लाने की भी प्रयास किया जा रहा है।

बाईट- जगदीश गुप्ता, एसीएफ, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क




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