जयपुर. बांसवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कान सिंह भाटी के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मोर्चा खोल दिया है. कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी उमेश मिश्रा को पत्र लिखकर भाटी की भाषा और शब्दों के लिए कार्रवाई करने की मांग की (Kataria wrote letter to CM for action against ASP) है. कटारिया का आरोप है कि एएसपी ने रास्ता रोकने को लेकर पीएम मोदी का नाम लिया था.
ये है पूरा मामला: दरअसल कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डीजीपी उमेश मिश्रा को पत्र लिखकर कहा कि 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) में कार्यक्रम निश्चित था. इस कार्यक्रम के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का सांस्कृतिक विभाग था. उन्होंने सभी प्रशासनिक अधिकारी/पुलिस अधिकारी और सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठकर लोगों को सड़क मार्ग और गुजरात की तरफ से आने वाले रास्ते से मानगढ़ पहाड़ी पर आने की रूपरेखा तैयार की.
सुबह 7.30 बजे सूचना प्राप्त हुई कि राजस्थान के आनन्दपुरी से मानगढ़ धाम पर पैदल आने वाले लोगों का रास्ता आनन्दपुरी से बन्द कर दिया गया. इस पर मैंने और अर्जुनराम मेघवाल ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक बांसवाड़ा से बात की, तो उन्होंने बताया कि वो रास्ता सुबह 9.30 बजे बन्द किया जाएगा. इससे पूर्व जो लोग पैदल मार्ग से मानगढ़ धाम में जाना चाहेंगें, उन्हें जाने दिया जाएगा. लेकिन वहां पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कानसिंह भाटी और पुलिसवालों ने इस आदेश को नहीं माना.
पढ़ें: सराफ के विवादित बयान पर सीएम गहलोत का जवाब, कहा- मंत्री रहे व्यक्ति को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती...
उन्होंने कहा कि जब मैं स्वयं भी 8.30 बजे उसी नाके पर पहुंचा, तो मेरा रास्ता भी रोका गया. मैनें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को बताया कि पैदल मार्ग से जाने वाले लोगों को सुबह 9.30 बजे तक जाने दें. पहाड़ी के संकरे रास्ते से लोग कैसे सभास्थल पर पहुंचेंगे, तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बांसवाड़ा कानसिंह भाटी ने कहा कि- 'यह रास्ता मोदीजी के आदेश से रोक दिया गया है.' मुझे यह शब्द सुनकर बहुत दुख हुआ. ये शब्द के बजाय वह यह भी कह सकता था कि सुरक्षा एजेंसियों अथवा अन्य अधिकारियों के निर्देश पर रास्ता बंद कर दिया गया है.
पढ़ें: गहलोत के 'निकम्मा' कहने पर गजेंद्र सिंह शेखावत का पलटवार, कहा-ऐसी भाषा और भावना उनको ही मुबारक
कार्रवाई हो या सार्वजनिक माफी मांगे: कटारिया ने कहा कि जिस तरह से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भाटी ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया. वह किसी भी स्तर पर उचित नहीं ठहराये जा सकते हैं. उन्होंने इस भाषा और शब्दों के लिए उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाए या फिर भाटी सार्वजनिक रूप से अपने उन शब्दों के लिए माफी मांगे.