जयपुर. राजधानी जयपुर के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) में बड़ी संख्या में नकली नोट पहुंचने का मामला सामने आया है. दरअसल, पुराने हो चुके कटे-फटे नोट विभिन्न चेस्ट ब्रांच से आरबीआई के पास आते हैं, जिन्हें नष्ट कर दिया जाता है. लेकिन कटे-फटे पुराने नोट नष्ट करने वाली मशीन में खास तरह के सेंसर होते हैं, जो नोट नकली होने पर उन्हें पहचान लेते हैं और मशीन इन नोटों को नष्ट नहीं कर पाती है.
ऐसे में बड़ी संख्या में कटे-फटे नकली नोट पहुंचने पर अब आरबीआई प्रबंधन की ओर से पुलिस में शिकायत दी गई है. राजस्थान के विभिन्न इलाकों की इन शिकायतों को जयपुर के गांधीनगर थाने में दर्ज करवाया गया है. यहां से जीरो नंबर की एफआईआर काटकर जांच के लिए विभिन्न थानों में भिजवाई गई है. गांधीनगर थानाधिकारी धरम सिंह के अनुसार, आरबीआई की सहायक महाप्रबंधक तृप्ति तोसावर ने अलग-अलग चेस्ट ब्रांच से आरबीआई में कटे-फटे नकली नोट पहुंचने के संबंध में 13 प्राथमिकी दर्ज करवाई हैं. इनमें से अधिकांश जयपुर के बाहर की हैं.
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इन सभी एफआईआर को दर्ज कर जांच के लिए संबंधित जिलों में भेजा गया है. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि विभिन्न जिलों की चेस्ट ब्रांच से आरबीआई में कटे-फटे नोट नष्ट करने के लिए आए हैं. इन नोटों को नष्ट करने के लिए डेस्ट्रॉय मशीन में डाला तो पाया गया कि कई नोट नकली होने के कारण मशीन ने उन नोटों को नष्ट नहीं किया. इस तरह की करीब 70 हजार रुपए की नकली करेंसी आरबीआई में पहुंची हैं.
इन जगहों पर पहुंचे हैं नकली नोट : गांधीनगर थानाधिकारी धरम सिंह ने बताया कि आरबीआई की सहायक महाप्रबंधक तृप्ति तोसावर ने अलग-अलग चेस्ट ब्रांच से नकली नोट आने पर कुल 13 प्राथमिकी गांधीनगर थाने में दी है. इन सभी रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर संबंधित थाने में जांच के लिए भेजा गया है. आरबीआई में करौली, धौलपुर, बीकानेर, उदयपुर, जयपुर, बाड़मेर, सीकर, बांसवाड़ा, पाली, जोधपुर, चूरू, अलवर और अजमेर की चेस्ट ब्रांच से नकली करेंसी के कटे-फटे नोट आए हैं. जयपुर का इस तरह का एक मामला है, जिसकी जांच गांधीनगर थाने की एसआई सुमन को सौंपी गई है.