जयपुर. मिर्गी के मरीजों को अब केरल या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में ही अब उन्हें पूरा इलाज मिलेगा. बीते शुक्रवार को प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में एपिलेप्सी मॉनिटरिंग यूनिट की शुरुआत हो गई है.
जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने एपिलेप्सी मॉनीटरिंग यूनिट का उद्घाटन किया. इस दौरान रफीक खान ने बताया कि ये सुविधा अभी राजस्थान के किसी भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. सबसे पहले शुरूआत एसएमएस के न्यूरोलॉजी विभाग में हुई है. जो विभाग की तरक्की के नए आयाम स्थापित करेगी. वहीं न्यूरोलॉजी एचओडी डॉ भावना शर्मा ने बताया कि एपिलेप्सी मॉनिटरिंग यूनिट एक ऐसी यूनिट है जिसमें एडवांस्ड ईईजी मशीनों से मरीज के दिमाग के क्षतिग्रस्त हिस्से को वीडियो और ईईजी के बीच संबंध स्थापित करके अध्ययन किया जाता है. ताकि ये पता लगाने में सुविधा हो कि मिर्गी का दौरा किस तरह का है. मरीज के दिमाग के किस हिस्से में खराबी हुई हैं. इससे मिर्गी के उन मरीजों को चिह्नित किया जा सकता है, जिन्हें दौरे की कई प्रकार की दवाइयों के कॉम्बिनेशन से भी ठीक नहीं किया जा सकता. उन्हें इसके लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे मरीजों को डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोसाइंस के तहत चिह्नित कर न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग के चिकित्सकों के पैनल की ओर से विस्तृत चर्चा के बाद उनकी सर्जरी की जा सकेगी. इस दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉ अचल शर्मा, डॉ आरएस जैन, डॉ अरविंद व्यास, डॉ बीएल कुमावत, डॉ त्रिलोचन श्रीवास्तव, सहित कई डॉक्टर मौजूद रहे.
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बता दें कि बीते महीने ही मिर्गी रोग पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी. जिसमें डॉक्टरों ने इस बीमारी को लेकर प्रचलित भ्रांतियों से बचने और जागरूक होने की हिदायत दी थी. साथ ही डॉक्टर्स ने मिर्गी के मरीज को नियमित रूप से दवा लेकर इस बीमारी को नियंत्रित करने की बात कही थी. वहीं अब जयपुर में दवा के साथ-साथ मिर्गी के मरीजों की जांच करते हुए संपूर्ण इलाज किया जा सकेगा.
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